जापान ने विवादास्पद क्रिप्टोकरेंसी और आईसीओ के संबंध में प्रस्तावित गाइडलाइंस जारी की है। इसे जापान की सरकार समर्थक एक रिसर्च कंपनी ने तैयार किया है। अगर क्रिप्टोकरेंसी और आईसीओ यानी इनिशियल कॉइन ऑफरिंग्स संबंधित इस गाइडलाइंस को लागू कर दिया जाए तो, इसे वहां कानूनी मान्यता मिल सकती है।
चीन और साउथ कोरिया ने पिछले साल ही डिजिटल करेंसी कारोबार में गैर-कानूनी गतिविधियां और सट्टेबाजी बढ़ने की आशंका में सभी आईसीओ को प्रतिबंधित कर दिया था। आपको बता दूं कि बाजार में कोई भी क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने से पहले आईसीओ लॉन्च किया जाता है जैसा कि शेयरों के मामले में कंपनियां पहले आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स लाती हैं।
जापान की रिसर्च फर्म ने जो प्रस्ताव सौंपे हैं उसमें क्रिप्टोकरेंसी के जरिये होने वाली मनीलॉन्ड्रिंग को रोकने, क्रिप्टोकरेंसी के मौजूदा हितधारकों और कर्जधारकों की सुरक्षा, इनसाइडर ट्रेडिंग जैसी गलत कारोबारी गतिविधियों पर लगाम कसने और साइबर सुरक्षा मजबूत करने जैसी सिफारिशें हैं। चीन और दक्षिण कोरिया में इस नए बाजार में सट्टेबाजी को रोकने और निवेशकों की सुरक्षा के लिए सख्त किए जा रहे कानून को देखते हुए जापान ने भी कदम उठाया है।
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