बुधवार, 23 जून 2021

चीन की सख्ती से क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के 400 बिलियन डॉलर स्वाहा, बिटकॉइन पहुंचा 30 हजार डॉलर के नीचे


चीन की बिटकॉइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी के प्रति सख्ती ने एक बार फिर से निवेशकों में घबराहट है। दरअसल,  शुक्रवार यानी 18 जून 2021 को चीन के सिचुआन प्रांत में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पर रोक लगाने का  आदेश दिया गया था। इसके बाद से  निवेशक  सहमे हुए हैं और नया पोजीशन लेने से बच रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए सिचुआन प्रांत चीन का महत्वपूर्ण प्रांत है। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पर रोक लगाने के आदेश के बाद रविवार को चीन के दक्षिण-पश्चिम राज्यों के बहुत सारी माइंस बंद रहीं। मई में भी चीन ने क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पर सख्ती की थी। 

यही नहीं, चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) ने अलीबाबा की सहयोगी कंपनी एंट की पेमेंट कंपनी अली पे समेत सभी वित्तीय संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी गतिविधियों के लिए दी जा रही सुविधाओं पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत क्रिप्टोकरेंसी खाता खोलने और क्रिप्टोकरेंसी के सेटलमेंट पर भी रोक लगाई गई है। 

इस वजह से बिटकॉइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी जैसे इथीरियम, रिप्पल में बिकवाली बढ़ गई है। बिकवाली की वजह से 22 जून 2021 को सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत 30 हजार डॉलर के नीचे 29,791 डॉलर पर पहुंच गई, जो कि 27 जनवरी के बाद सबसे निचला स्तर है। हालांकि बाद में खरीदारी बढ़ने इसकी कीमत फिर से 30 हजार के ऊपर आ गई है। शुक्रवार से लेकर मंगलवार तक बिटॉइन में 16 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी थी। यही नहीं 18 जून से लेकर 22 जून 2021 तक क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के कुल 400 बिलियन डॉलर स्वाहा हो चुके हैं। 

इससे पहले चीन ने 2017 में स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर रोक लगा दी थी लेकिन इससे स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी कारोबारियों का मनोबल कम नहीं हुआ और वो विदेशों से क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने लगे।  

बिटकॉइन को इस देश ने दी कानूनी मान्यता, जानिए कानूनी मान्यता देने वाला यह पहला देश कौन है

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शनिवार, 12 जून 2021

बिटकॉइन को इस देश ने दी कानूनी मान्यता, जानिए कानूनी मान्यता देने वाला यह पहला देश कौन है


दुनिया की मान्यताप्राप्त और कानूनी करेंसी के मुकाबले इन दिनों बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल जैसे किप्टोकरेंसी काफी चर्चा में हैं। इनका रुतबा लगातार बढ़ रहा है। नामी-गिरामी कंपनियां लेन-देन में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं, निवेशकों की रुचि इसमें लगातार बढ़ रही है, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शेयर मार्केट में लिस्ट हो रहे हैं,  बावजूद इसके, किसी देश ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता नहीं दी है। इन सबके बीच मध्य अमेरिकी देश अल-सल्वाडोर ने बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देकर बिटकॉइन के इतिहास में एक नया चैप्टर जोड़ दिया है। 

अल-सल्वाडोर की संसद ने 9 जून 2021 को बहुमत से बिटकॉइन को  लीगल करेंसी का दर्जा दिया। इसकी जानकारी वहां के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने ट्विटर के जरिये दी। बुकेले ने कहा कि अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी है। इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 13 प्रतिशत उछलकर 37,000 डॉलर पर पहुंच गई। 

अल-सल्वाडोर ने बिटकॉइन को ना सिर्फ कानूनी करेंसी की मान्यता दी है, बल्कि कई और राहत की भी घोषणा की है। जैसे कि देश की कानूनी मुद्रा बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा। देश में क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर को तुरंत स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी जाएगी। राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद अल-सल्वाडोर में प्रॉपर्टी की पूछताछ बढ़ गई। अल-सल्वाडोर में बिटकॉइन और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट अब स्वतंत्र तौर पर स्थापित होने लगेंगे। कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा। बिटकॉइन में लेन-देन कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे। डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे।

साभार-britannica.com

दुनिया भर में अर्थशास्त्रियों, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने अल-सल्वाडोर के इस फैसले का स्वागत किया है। थोड़ा अल-सल्वाडोर के बारे में भी जान लीजिए। यह मध्य अमेरिका में स्थित सबसे छोटा और सबसे घनी आबादी वाला देश है। ग्वाटेमाला और हॉण्डुरास के बीच इसकी सीमाएं प्रशांत महासागर से मिलती है। इसकी राजधानी सान-सल्वाडोर है। यहां की मुद्रा कोलोन थी, लेकिन 2001 में इसने अमेरिकी डॉलर को अपनी मुद्रा बना लिया। अब बिटकॉइन में भी वहां लेन-देन कर सकते हैं।  

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शुक्रवार, 11 जून 2021

ED के कारण बताओ नोटिस के जवाब में WazirX ने निवेशकों से कहा कि आपका पैसा सुरक्षित, नोटिस अभी नहीं मिला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX  को कारण बताओ नोटिस पर एक्सचेज की प्रतिक्रिया आई है। एक्सचेंज के निदेशक निश्चल सेठी ने ट्वीट कर निवेशकों से कहा कि आपका पैसा सुरक्षित है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वो अभी नोटिस मिलने का इंतजार कर रहे हैं। आप उनके ट्वीट देख सकते हैं। 




आपको बता दूं इससे पहले ईडी ने ट्वीट करके एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी करने की जानकारी दी थी। जारी किया है। एक्सचेंज को यह नोटिस 2,790 करोड़ रुपये के लेनदेन में कथित रूप से विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन के लिए जारी किया गया है।


इस एक्सचेंज वजीरएक्स की स्थापना दिसंबर, 2017 में कंपनी जन्माई लैब्स प्राइवेट लि. के तहत हुई थी। इसे घरेलू क्रिप्टोकरेंसी स्टार्टअप के रूप में स्थापित किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच के बाद जो नोटिस जारी किया गया है उसमें एक्सचेंज के निदेशक निश्चल सेठी और हनुमान महात्रे का भी नाम है।

ईडी ने कहा कि एक ‘चीनी के स्वामित्व’ वाली गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग ऐप से संबंधित मनी लांड्रिंग की जांच के दौरान उसे कंपनी के इस लेनदेन की जानकारी मिली।

ईडी ने कहा कि यह कारण बताओ नोटिस 2,790.74 करोड़ रुपये के लेनदेन के संदर्भ में है।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि जांच में यह तथ्य सामने आया कि चीन के नागरिकों ने भारतीय रुपये की जमा को क्रिप्टोकरेंसी टीथर (यूएसडीटी) में बदलकर 57 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई का धनशोधन किया। बाद में इसे बाइनेंस (केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक्सचेंज) वॉलेट को स्थानांतरित कर दिया गया।

बाइनेंस ने 2019 में वजीरएक्स का अधिग्रहण किया था। ईडी का आरोप है कि वजीरएक्स ने क्रिप्टोकरेंसी के जरिये व्यापक लेनदेन की अनुमति दी।

वजीरएक्स ने धन शोधन रोधक कानून और आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) और साथ में फेमा दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए जरूरी दस्तावेजों को जुटाए बिना इनकी अनुमति दी।

(साभार- पीटीआई भाषा)

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देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को फेमा उल्लंघन के लिए ईडी का नोटिस


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक्सचेंज को यह नोटिस 2,790 करोड़ रुपये के लेनदेन में कथित रूप से विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन के लिए जारी किया गया है।

इस एक्सचेंज वजीरएक्स की स्थापना दिसंबर, 2017 में कंपनी जन्माई लैब्स प्राइवेट लि. के तहत हुई थी। इसे घरेलू क्रिप्टोकरेंसी स्टार्टअप के रूप में स्थापित किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच के बाद जो नोटिस जारी किया गया है उसमें एक्सचेंज के निदेशक निश्चल सेठी और हनुमान महात्रे का भी नाम है।

ईडी ने कहा कि एक ‘चीनी के स्वामित्व’ वाली गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग ऐप से संबंधित मनी लांड्रिंग की जांच के दौरान उसे कंपनी के इस लेनदेन की जानकारी मिली।

ईडी ने कहा कि यह कारण बताओ नोटिस 2,790.74 करोड़ रुपये के लेनदेन के संदर्भ में है।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि जांच में यह तथ्य सामने आया कि चीन के नागरिकों ने भारतीय रुपये की जमा को क्रिप्टोकरेंसी टीथर (यूएसडीटी) में बदलकर 57 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई का धनशोधन किया। बाद में इसे बाइनेंस (केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक्सचेंज) वॉलेट को स्थानांतरित कर दिया गया।

बाइनेंस ने 2019 में वजीरएक्स का अधिग्रहण किया था। ईडी का आरोप है कि वजीरएक्स ने क्रिप्टोकरेंसी के जरिये व्यापक लेनदेन की अनुमति दी।

वजीरएक्स ने धन शोधन रोधक कानून और आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) और साथ में फेमा दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए जरूरी दस्तावेजों को जुटाए बिना इनकी अनुमति दी।

(साभार- पीटीआई भाषा)

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बुधवार, 2 जून 2021

आईएएमएआई-बीएसीसी ने आभासी मुद्रा (Virtual Currency, Cryptocurrency) के विनिमय के लिए स्वनियमन आचार संहिता तैयार की


आईएएमएआई-बीएसीसी ने मंगलवार को कहा कि उसने एक स्वनियमन आचार संहिता स्थापित की है जो इस बात पर ध्यान देगी कि आभासी (क्रिप्टो) मुद्रा एक्सचेंज से जुड़े सभी सदस्य स्वैच्छिक रूप से केवाईसी, कर और दूसरे नियमों का पालन करें।


एक बयान में कहा गया कि प्रतिष्ठित कानूनविद्, तकनीकी विशेषज्ञ और वित्त प्रौद्योगिकी अनुपालन विशेषज्ञों का एक औपचारिक मंडल भी बनाया जा रहा है जो इस स्वनियमन संहिता के कार्यान्वयन की देखरेख करेगा।

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसियेशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के तत्वाधान में स्थापित किए गए ब्लॉकचेन एंड क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) ने रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को दी गयी, उसके 2018 के सर्कुलर का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह का स्वागत किया। इस सर्कुलर में उपभोक्ताओं के आभासी मुद्रा से जुड़े लेन-देन स्वीकार नहीं करने की बैंकों को सलाह दी गई थी।

आईएएमएआई-बीएसीसी ने कहा, "एसोसियेशन को उम्मीद है कि सर्कुलर आरबीआई/2021-22/45 द्वारा दिए गए इन स्पष्टीकरणों के साथ वे अटकलें खत्म हो जाएंगी कि बैंक आभासी मुद्रा से जुड़े लेनदेन को छह जून, 2021 से रोक रहे हैं।"

आईएएमएआई ने सुझाव दिया है कि सरकार को क्रिप्टो एसेट को संसद के कानून के जरिये नियमन के दायरे में लाना चाहिये। बहरहाल आईएएमएआई- बीएसीसी का मानना है कि एसोसियेसन के क्रिप्टो एक्सचेंज सदस्यों ने अपने लिये स्व- नियमन आचार संहिता तय की है जिसका वह अनुपालन करेंगे। 


(साभार- पीटीआई भाषा)

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