आईएएमएआई-बीएसीसी ने मंगलवार को कहा कि उसने एक स्वनियमन आचार संहिता स्थापित की है जो इस बात पर ध्यान देगी कि आभासी (क्रिप्टो) मुद्रा एक्सचेंज से जुड़े सभी सदस्य स्वैच्छिक रूप से केवाईसी, कर और दूसरे नियमों का पालन करें।
एक बयान में कहा गया कि प्रतिष्ठित कानूनविद्, तकनीकी विशेषज्ञ और वित्त प्रौद्योगिकी अनुपालन विशेषज्ञों का एक औपचारिक मंडल भी बनाया जा रहा है जो इस स्वनियमन संहिता के कार्यान्वयन की देखरेख करेगा।
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसियेशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के तत्वाधान में स्थापित किए गए ब्लॉकचेन एंड क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) ने रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को दी गयी, उसके 2018 के सर्कुलर का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह का स्वागत किया। इस सर्कुलर में उपभोक्ताओं के आभासी मुद्रा से जुड़े लेन-देन स्वीकार नहीं करने की बैंकों को सलाह दी गई थी।
आईएएमएआई-बीएसीसी ने कहा, "एसोसियेशन को उम्मीद है कि सर्कुलर आरबीआई/2021-22/45 द्वारा दिए गए इन स्पष्टीकरणों के साथ वे अटकलें खत्म हो जाएंगी कि बैंक आभासी मुद्रा से जुड़े लेनदेन को छह जून, 2021 से रोक रहे हैं।"
आईएएमएआई ने सुझाव दिया है कि सरकार को क्रिप्टो एसेट को संसद के कानून के जरिये नियमन के दायरे में लाना चाहिये। बहरहाल आईएएमएआई- बीएसीसी का मानना है कि एसोसियेसन के क्रिप्टो एक्सचेंज सदस्यों ने अपने लिये स्व- नियमन आचार संहिता तय की है जिसका वह अनुपालन करेंगे।
(साभार- पीटीआई भाषा)
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