यही नहीं, चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) ने अलीबाबा की सहयोगी कंपनी एंट की पेमेंट कंपनी अली पे समेत सभी वित्तीय संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी गतिविधियों के लिए दी जा रही सुविधाओं पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत क्रिप्टोकरेंसी खाता खोलने और क्रिप्टोकरेंसी के सेटलमेंट पर भी रोक लगाई गई है।
इस वजह से बिटकॉइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी जैसे इथीरियम, रिप्पल में बिकवाली बढ़ गई है। बिकवाली की वजह से 22 जून 2021 को सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत 30 हजार डॉलर के नीचे 29,791 डॉलर पर पहुंच गई, जो कि 27 जनवरी के बाद सबसे निचला स्तर है। हालांकि बाद में खरीदारी बढ़ने इसकी कीमत फिर से 30 हजार के ऊपर आ गई है। शुक्रवार से लेकर मंगलवार तक बिटॉइन में 16 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी थी। यही नहीं 18 जून से लेकर 22 जून 2021 तक क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के कुल 400 बिलियन डॉलर स्वाहा हो चुके हैं।
इससे पहले चीन ने 2017 में स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर रोक लगा दी थी लेकिन इससे स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी कारोबारियों का मनोबल कम नहीं हुआ और वो विदेशों से क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने लगे।
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