संसद के शीतकालीन सत्र पर क्रिप्टो विधेयक पेश किया जाना है। विधेयक में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने की बात कही जा रही है। इसी बीच, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) की ताजा स्टडी में सभी क्रिप्टो पर रोक नहीं लगाने के बदले कानून बनाने की मांग की गई है। ओआरएफ ने कहा है कि दूसरे वित्तीय प्रोडक्ट की तरह क्रिप्टो पर भी कानून बनने चाहिए।
एक अनुमान के मताबिक, इस समय करीब डेढ़ करोड़ भारतीयों के पास क्रिप्टोकरेंसी में करीब 660 करोड़ रुपए की होल्डिंग है। पिछले चार-पांच साल में भारत के क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की संख्या में जोरदार उछाल आया है।
स्टडी में कहा गया है कि भारत में इस समय दो क्रिप्टो यूनिकॉर्न और 350 से ज्यादा क्रिप्टो स्टार्ट अप हैं, जो कि तेजी से बढ़ रही क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री की तरफ संकेट देता है। स्टडी में आगे कहा गया है कि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना एक गलत कदम होगा। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान तो होगा ही, एक फल-फुल रही इंडस्ट्री और स्टार्ट अप को भी भारी नुकसान होगा।
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
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