गुरुवार, 1 दिसंबर 2022

Digital Rupee का इस्तेमाल आप भी कर सकेंगे, जानें इसके फायदा

Operationalisation of Central Bank Digital Currency – Retail (e₹-R) Pilot थोक डिजिटल रुपए के लेन-देन की पायलट तौर पर शुरुआत के बाद अब रिटेल डिजिटल रुपए की भी पायलट के तौर पर शुरुआत हो चुकी है। एक दिसंबर 2022 से केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा – रिटेल (ई₹-आर) का प्रायोगिक परिचालन शुरू हो गया है। इस एपिसोड में जानते हैं कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा – रिटेल (ई₹-आर) क्या है और आम लोगों को इससे कैसे फायदा मिलेगा।


(साभार- www.rbi.org.in)

Digital Rupee का इस्तेमाल आप भी कर सकेंगे, जानें इसके फायदा 

-केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा – रिटेल (ई₹-आर) का प्रायोगिक परिचालन शुरू

-CBDC Wholesale (थोक) डिजिटल रुपया( e₹-W) प्रायोगिक तौर पर शुरू, जानें खास बात 

-CBDC केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा पर अवधारणा नोट जारी

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CBDC रिटेल डिजिटल रुपया (ई₹-आर) का पहला प्रायोगिक परिचालन आज से, जानें डीटेल्स

 केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा – रिटेल (ई-आर) का प्रायोगिक परिचालन

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 दिसंबर 2022 को यानी आज रिटेल डिजिटल रुपया (ई-आर) का पहला प्रायोगिक परिचालन शुरू करने की घोषणा की है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अक्तूबर 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से सूचित किया था कि ई-आर के प्रायोगिक परिचालन की शुरुआत एक महीने के भीतर की जाएगी। 

2. इस प्रायोगिक परिचालन में चुनिंदा स्थानों के सीमित उपयोगकर्ता समूह को सम्मिलित किया जाएगा, जिसमें उक्त परिचालन में भाग लेने वाले ग्राहक और व्यापारी शामिल होंगे। ई-आर एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा, जिसे वैध मुद्रा की मान्यता प्राप्त होगी। इसे, उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा, जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं। यह मध्यवर्ती संस्थाओं, अर्थात्, बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। उपयोगकर्ता, भाग लेने वाले बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली तथा मोबाइल फोन/ उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर द्वारा लेनदेन करने में सक्षम होंगे। यह लेनदेन पर्सन टू पर्सन (पी2पी) और पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम) दोनों तरह से किए जा सकते हैं। व्यापारी के स्थानों पर प्रदर्शित क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है। यह ई-आर, भौतिक नकदी की तरह ही विश्वास, सुरक्षा और अंतिम निपटान जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा। नकदी की तरह ही, इस पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा और इसे बैंकों में जमाराशि जैसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किया जा सकता है।

3. यह प्रायोगिक परिचालन वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की सुदृढ़ता का परीक्षण करेगा। इस प्रायोगिक परिचालन से प्राप्त अनुभवों के आधार पर भावी प्रायोगिक परिचालन में ई-आर टोकन और संरचना की विभिन्न विशेषताओं और अनुप्रयोगों का परीक्षण किया जाएगा।

4. इस प्रायोगिक परिचालन में चरणबद्ध भागीदारी के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई है। पहला चरण देश भर के चार शहरों में चार बैंकों, अर्थात्, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ शुरू होगा। चार अन्य बैंक, अर्थात्, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक बाद में इस प्रायोगिक परिचालन में शामिल होंगे। इस प्रायोगिक परिचालन के शुरुआत में चार शहरों, अर्थात्, मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को शामिल किया जाएगा और बाद में इसे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक बढ़ाया जाएगा। आवश्यकतानुसार अधिक से अधिक बैंकों, उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए प्रायोगिक परिचालन का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।

(साभार- www.rbi.org.in)

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-केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा – रिटेल (ई₹-आर) का प्रायोगिक परिचालन शुरू

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-CBDC केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा पर अवधारणा नोट जारी

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मंगलवार, 1 नवंबर 2022

डिजिटल रुपया (e₹, ई₹) को लेकर आज खास दिन, पायलट के तौर पर थोक सेगमेंट के लिए शुरू होगा डिजिटल रुपया( e₹-W); CBDC, e₹, Digital Rupee, RBI

 


डिजिटल करेंसी को लेकर जो काम अमेरिका, चीन जैसे बड़े बड़े देश या उनके केंद्रीय बैंक नहीं कर सके, वह काम अपना देश और केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) करने जा रहा है। आपको बता दूं कि बिटकॉइन जैसी निजी डिजिटल करेंसी को खतरा मानते हुए कई देशों और उसके केंद्रीय बैंकों ने अपना अपना डिजिटल करेंसी शुरू करने पर काम कर रहे हैं, लेकिन भारत इस मामले में अव्वल निकला।

तो, RBI   पायलट के तौर पर थोक सेगमेंट के लिए आज डिजिटल रुपया( e₹-W) शुरू करने जा रहा है। इसके तहत, थोक सेगमेंट में  चुनिंदा लेन-देन के लिए डिजिटल रुपया( e₹-W) के इस्तेमाल की मंजूरी दी जाएगी। फिलहाल नौ बैंकों . State Bank of India, Bank of Baroda, Union Bank of India, HDFC Bank, ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank, Yes Bank, IDFC First Bank और HSBC को इस पायलट में हिस्सा लेने की मंजूरी दी जाएगी। .

थोक सेगमेंट के लिए आज डिजिटल रुपया( e₹-W) की कैसी प्रतिक्रिया मिलती है, उसके आधार पर खुदरा सेगमेंट के लिए पायलट के तौर डिजिटल रुपया (e₹-R) शुरू किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने इसकी जानकारी दी। 

(साभार- www.rbi.org.in)

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शनिवार, 8 अक्तूबर 2022

RBI ने देश की डिजिटल मुद्रा (ई₹, e₹) पर अवधारणा नोट जारी किया, जानें डीटेल्स


केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा पर अवधारणा नोट जारी करना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत के लिए केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पर एक अवधारणा नोट जारी किया। 

इस अवधारणा नोट को जारी करने का उद्देश्य सामान्य रूप से सीबीडीसी और विशेष रूप से डिजिटल रुपये (ई) की योजनाबद्ध विशेषताओं के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना है। यह भारत में सीबीडीसी जारी करने के उद्देश्यों, विकल्पों, लाभों और जोखिमों की व्याख्या करता है। यह नोट सीबीडीसी की शुरूआत के प्रति रिज़र्व बैंक के दृष्टिकोण को दर्शाने का भी प्रयास करता है।

अवधारणा नोट में प्रौद्योगिकी और डिजाइन विकल्प, डिजिटल रुपये के संभावित उपयोग, जारी करने का तंत्र आदि जैसे प्रमुख विषयों पर भी चर्चा की गई है। यह बैंकिंग प्रणाली, मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता पर सीबीडीसी की शुरूआत के तात्पर्य की जांच करता है और गोपनीयता के मुद्दों का विश्लेषण करता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक शीघ्र ही विशिष्ट उपयोग के मामलों के लिए ई की प्रायोगिक रूप से शुरुआत करेगा। जैसे-जैसे इस तरह की प्रायोगिक शुरुआत की सीमा और दायरा बढ़ता है, भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर ई की विशेषताओं और लाभों के बारे में सूचित करेगा।

(साभार- www.rbi.org.in)

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बुधवार, 7 सितंबर 2022

सीबीडीसी से सीमापार लेनदेन के समय, लागत में होगी कमी: आरबीआई डिप्टी गवर्नर

केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) से सीमा पार लेनदेन के लिए समय और लागत में कमी आएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने बुधवार को यह बात कही। सीबीडीसी को इस साल पेश किया जाना है।

केंद्रीय बैंक ने सीबीडीसी को इस साल पायलट आधार पर पेश करने का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी।

वित्त मंत्री ने 2022-23 के आम बजट में कहा था कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष में रुपये के समान एक डिजिटल लाएगा।

उन्होंने ‘इंडिया आइडियाज समिट’ में कहा, ‘‘हमें यह समझना होगा कि सीबीडीसी का अंतरराष्ट्रीयकरण भुगतान के मसले के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका समाधान इस समय जी-20 और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) जैसे निकाय तलाश रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत में एक उत्कृष्ट, सस्ती और तेज घरेलू भुगतान प्रणाली है, लेकिन इसके बावजूद सीमापार भुगतान की लागत अब भी अधिक है।

उन्होंने कहा कि लागत और गति दोनों में सुधार की काफी गुंजाइश है।

शंकर ने कहा कि सीबीडीसी शायद इसका सबसे कुशल रास्ता है। उदाहरण के लिए, अगर भारत सीबीडीसी और अमेरिकी सीबीडीसी प्रणाली एक-दूसरे से जुड़ सकें, तो हमें लेनदेन का निपटान करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सीमापार लेनदेन में निपटान जोखिम को बड़े पैमाने पर दूर करता है। इससे समय कम लगेगा और लागत भी कम होगी। इसलिए, सीबीडीसी का अंतरराष्ट्रीयकरण भविष्य में होने की उम्मीद है।’’

धोखाधड़ी प्रबंधन के बारे उन्होंने कहा कि प्रणाली की अखंडता को बनाए रखते हुए डिजिटल भुगतान को बढ़ाने की जरूरत है। 

(साभार- पीटीआई भाषा)

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सोमवार, 18 जुलाई 2022

रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने, इस पर कानून बनाने की सिफारिश की : सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है।

वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

लोकसभा में थोल थिरूमावलवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही । उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रिप्टोकरेंसी के दुष्प्रभाव के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है और क्या सरकार की भारत में क्रिप्टोकरेंसी के उपभोग को परिसीमित करने वाला कोई कानून लाने की कोई योजना है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जी, हां। भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी चिंता जाहिर की है। आरबीआई ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रा नहीं है क्योंकि प्रत्येक मुद्रा को केंद्रीय बैंक/सरकार द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है।’’ उन्होंने बताया कि फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और वैध मुद्रा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर होता है हालांकि क्रिपटोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से अटकलों एवं उच्च रिटर्न की उम्मीदों पर निर्भर करता है जो स्थिर है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर इसका एक अस्थिर प्रभाव होगा ।

गौरतलब है कि फिएट मनी सरकार द्वारा जारी एक मुद्रा है। इसका अपना कोई मूल्य नहीं है, लेकिन इसका मूल्य सरकारी नियमों से लिया गया है।

सीतारमण ने बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव संबंधी चिंताओं के मद्देनजर आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए ।’’ उन्होंने बताया कि आरबीआई ने 24 दिसंबर 2013, एक फरवरी 2017 और पांच दिसंबर 2017 को सार्वजनिक नोटिसों के माध्यम से डिजिटल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को आर्थिक, वित्तीय, कानूनी, ग्राहक सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी जोखिमों से आगाह कर रहा है सीतारमण ने कहा कि आरबीआई ने 6 अप्रैल 2018 को एक परिपत्र भी जारी किया जिसमें अपनी विनियमित संस्थाओं को वर्चुअल करेंसी में व्यापार करने या निपटान में किसी भी व्यक्ति या संस्था को सुविधा प्रदान करने के लिये सेवाएं प्रदान करने पर रोक लगाई थी ।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने 31 मई, 2021 के परिपत्र के माध्यम से अपनी विनियमित संस्थाओं को डिजिटल करेंसी में लेनदेन के लिए ग्राहक की यथोचित परिश्रम प्रक्रियाओं को जारी रखने के लिये विभिन्न मानकों के अनुरूप कार्य के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी है। 

(साभार- पीटीआई भाषा)

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गुरुवार, 9 जून 2022

क्रिप्टो करेंसी को फिएट करेंसी की परीक्षा पास करनी अभी बाकी है: सीईए

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने सावधानी बरतते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि क्रिप्टो करेंसी को फिएट करेंसी बनने की परीक्षा पास करनी अभी बाकी है।

उन्होंने साथ ही कहा कि क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करना भी मुश्किल होगा।

फिएट करेंसी सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है, और यह किसी कीमती धातु की जगह सरकार में भरोसे पर टिकी होती है।

उन्होंने आगे कहा कि फिएट करेंसी के विपरीत, क्रिप्टो मुद्राएं निहित मूल्य, व्यापक स्वीकार्यता और मौद्रिक इकाई जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती हैं।

नागेश्वरन ने विकेंद्रीकृत वित्त (डीएफआई) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हालांकि, इसे नवाचार माना जाता है, लेकिन मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखूंगा कि क्या यह वास्तव में नवाचार है या यह कुछ ऐसा है, जिसका हमें पछतावा होगा।’’

उन्होंने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि वह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर से सहमत हैं, जो कह रहे हैं कि क्रिप्टो करेंसी और विकेंद्रीकृत वित्त के संबंध में यह नियामक मध्यस्थता का मामला अधिक लग रहा है, बजाए कि वास्तविक वित्तीय नवाचार के।

उन्होंने कहा, ‘‘फिएट मुद्राओं के विकल्प के रूप में क्रिप्टो करेंसी को कई उद्देश्यों को पूरा करना होगा। इसमें निहित मूल्य होना चाहिए। इसकी व्यापक स्वीकार्यता होनी चाहिए और यह एक मौद्रिक इकाई होनी चाहिए... इस लिहाज से क्रिप्टो या डीएफआई जैसे नए नवाचार को अभी परीक्षा पास करनी बाकी है।’’ 

(साभार- पीटीआई भाषा)

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