लगातार अपनी तेजी के लिए सुर्खियों ेमें रहने वाली क्रिप्टोकरेंसी अब अपनी गिरावट का रिकॉर्ड बना रही है। इसकी वजह भी है। दरअसल, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश बिटक्वाइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को रेगुलेट कर रहे हैं। बैंक्स भी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन को लेकर कड़े फैसले ले रहे हैं।
अगर आप चीन के किसी शहर में बैठकर हांगकांग या थाईलैंड या फिर अमेरिकी वेबसाइट्स के जरिये क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं या फिर किसी आईसीओ (Initial Coin Offerins) में पैसे लगाना चाहते हैं तो अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। दरअसल, चीन की सरकार विदेशी वेबसाइट्स या विदेशी क्वाइन एप्स के जरिये क्रिप्टोकरेंसी में खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगा दी है। इसके अलावा, चीन के सोशल मीडिया में बिटक्वाइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों और सर्च इंजन से क्रिप्टोकरेंसी को भी हटा दिया गया है।
चीन पहले ही घरेलू क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और आईसीओ (Initial Coin Offerins) में पैसे लगाने पर प्रतिबंध लगा चुका है। लेकिन, उसके इस कदम से विदेशी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के जरिये लेन-देन नहीं रूक पा रही थी। इसलिए चीन सरकार ने ऐसा कदम उठाया है।
चीन के इस कदम के बाद Baidu Search Engine में क्रिप्टोकरेंसी को नहीं सर्च कर पाएंगे। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo पर आपको क्रिप्टोकरेंसी का विज्ञापन नहीं देखने को मिलेगा। अभी हाल ही में फेसबुक ने भी अपने सारे प्लेटफॉर्म से क्रिप्टोकरेंसी का विज्ञापन हटा दिया था।
पिछले शुक्रवार को जेपी मॉर्गन, बैंक ऑफ अमेरिका और सिटी ग्रुप ने भी अपने-अपने क्रेडिट कार्ड से क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने की घोषणा की थी। भारत में रिजर्व बैंक और सरकार की तरफ से कई बार बयान आ चुका है कि क्रिप्टोकरेंसी गैर-कानूनी है और इसमें पैसा लगाना पोंजी स्कीम में पैसा लगाने के सामान है।
उधर, दक्षिण कोरिया ने भी क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को रेगुलेट करने के लिए कई कदम उठाया है। अब वहां क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने के लिए वास्तविक नाम से अकाउंट खुलवाना होगा। साथ ही केवाईसी (नो योर कस्टमर) और एएमएल (एंटी मनी लॉन्ड्रिंग) कानून का पालन करना होगा। इसके अलावा, विदेशियों और नाबालिगों के क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार पर रोक लगा दी गई है।
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