बुधवार, 25 अप्रैल 2018

बिटकॉइन बैन के खिलाफ एकजुट होने लगे भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज!


भारत में बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी या डिजिटल करेंसी पर चौतरफा शिकंजा क्या कसना शुरू हुआ, भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने भी अपने हक की लड़ाई लड़ने का मन बनाना शुरू कर दिया।

अहमदाबाद के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज काली डिजिटल इको-सिस्टम्स की अपील पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा रिजर्व बैंक, केंद्र सरकार, केंद्रीय वित्त मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल को जारी नोटिस के बाद अब दूसरे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी बिटकॉइन बैन के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बनाने लगे हैं। काली डिजिटल इको-सिस्टम्स CoinRecoil नाम से क्रिप्टोकरेंसी लांच करने वाली है। कोर्ट इस पर अगली सुनवाई 24 मई को होगी। काली डिजिटल इको-सिस्टम्स के संस्थापक गोपाल मोदी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है। इस सुनवाई पर देश के दूसरे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की भी नजर है।

आपको बता दूं कि आरबीआई ने हाल ही में सभी तरह के क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर रोक लगाते हुए सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं से भी उन कंपनियों, संस्थाओं या कारोबारियों के साथ लेन-देन की पूरी तरह मनाही कर दी थी जो क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करते हैं।

इससे पहले, वित्त मंत्रालय ने बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी को गैर-कानूनी बताया है और लोगों को इससे आगाह किया है। काले धन पर गठित एसआईटी ने भी सभी तरह के डिजिटल करेंसी को खतरनाक बताते हुए उसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है।

आपको बता दूं कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस एम बी शाह की अध्यक्षता में काले धन की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था जिसे सरकार ने 2014 में अधिसूचित किया था।

माना जा रहा है कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में एसआईटी की हुई बैठक में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एसीबी) से बिटकॉइन समेत सभी वर्चुअल करेंसी का पता लगाने और उसके लेन-देन पर पूरी तरह से रोक लगाने की अपील की।

CoinRecoil का मामला: काली डिजिटल इको-सिस्टम्स ने रिजर्व बैंक के क्रिप्टोकरेंसी पर बैन के फैसले को संविधान की धारा 14 और 19 (1)(जी) का उल्लंघन बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। काली डिजिटल इको-सिस्टम्स ने अपनी याचिका में बेवजह क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने का आरोप लगाया है।
संविधान की धारा 14 जहां सबको समान सुरक्षा का अधिकार देती है, वहीं 19 (1)(जी) कारोबार करने की आजादी देती है।

भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी खिलाड़ी Zebpay ने कहा है कि वह इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है और सारे विकल्प खुला रखे हुए है। Zebpay के सीईओ अजीत खुराना ने कहा है कि हम जल्दबाजी में इस मामले में कोई फैसला नहीं लेना चाहते हैं। सारे पहलूओं पर सोच-विचारकर ही कोई फैसला लेंगे ताकि हमें बाद में पछताना नहीं पड़े।

CoinRecoil की अपील पर रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय,केंद्र सरकार, जीएसटी को जारी नोटिस के बाद दूसरे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को भी भरोसा होने लगा है।

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