भारत सरकार बिटक्वाइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में कानून को अंतिम रूप देने में लगी है, लेकिन माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष से भारतीय कंपनियों के लिए क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश का खुलासा करना अनिवार्य बन जाएगा। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने मौजूदा कंपनी कानून में संशोधन करके भारतीय कंपनियों के लिए बैलेंस शीट में क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश, सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलटी) पर खर्च और बेनामी संपत्ति के लेन-देन की जानकारी को अनिवार्य बनाया है। अगले वित्त वर्ष से इन नियमों को लागू किया जाएगा।
नांगिया एंडरसन के पार्टनर निश्चल एस. अरोड़ा का कहना है कि भारतीय कंपनियों को उन क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में जानकारी देनी होगी, जिनमें वो कारोबार करते हैं, क्रिप्टोकरेंसीज कारोबार में नफा-नुकसान की जानकारी देनी होगी, साथ ही अगर उन क्रिप्टोकरेंसीज में कोई निवेश है या फिर किसी व्यक्ति से क्रिप्टोकरेंसीज में कोई कर्ज लिया है तो उसका खुलासा करना होगा। निश्चल का कहना है कि ऐसा करके सरकार डिजिटल करेंसी के बारे में आंकड़ा जुटाना चाह रही है, क्योंकि वह क्रिप्टोकरेंसी बिल पर काम कर रही है।
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