मंगलवार, 30 मार्च 2021

क्रिप्टोकरेंसी का रुतबा और बढ़ा, क्रेडिट और डेबिट कार्ड कंपनी वीजा (Visa) ने दी USD Coin में भुगतान करने की अनुमति, क्या है USD Coin


अगर आप वीजा (Visa) ब्रांड युक्त क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो अब उसके पेमेंट नेटवर्क पर क्रिप्टोकरेंसी से भी भुगतान कर सकते हैं। दरअसल, कंपनी ने अपने पेमेंट नेवर्क पर अमेरिकी डॉलर समर्थित एक क्रिप्टोकरेंसी (USDC: USD Coin) स्टेबलक्वाइन (Stablecoin) में भुगतान करने की अनुमति देने की घोषणा की। कंपनी की इस घोषणा के बाद दो चर्चित क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन और इथीरियम की कीमत में जबर्दस्त उछाल देखने को मिला। 



आपको बता दूं कि यूएसडी कॉइन एक डिजिटल स्थिर मुद्रा है जिसकी कीमत संयुक्त राज्य के डॉलर के लिए आंकी जाती है और जो इथीरियम ब्लॉकचेन और अल्गोरंड ब्लॉकचैन पर चलती है। प्रत्येक USDC रिज़र्व में रखे गए डॉलर द्वारा समर्थित है। USD Coin का प्रबंधन एक कंसोर्सियम करता है जो Centre कहलाता है। 

Centre की स्थापना पीयर टू पीयर पेमेंट टेक्नोलॉजी कंपनी  Circle, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Coinbase और बिटक्वाइन माइनर कंपनी Bitmain ने मिलकर की है। USD Coin की सबसे पहली बार घोषणा 15 मई 2018 को की गई थी जबकि इसकी शुरुआत सितंबर 2018 में की गई। मार्च 2021 तक 10 बिलियन डॉलर USD Coin इस्तेमाल में है। 

वीजा (Visa) एक वैश्विक पेमेंट टेक्नोलॉजी कंपनी है जो कि ग्राहक, सरकार, कारोबारियों, कंपनियों, संस्थानों और बैंक को तेजी के साथ भरोसेमंद और सुरक्षित डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल की सुविधा देती है।  इससका मुख्यालय कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में है। आम तौर पर यह दुनिया भर में सबसे अधिक वीजा ब्रांड युक्त क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करती है।

वीजा द्वारा USD Coin स्टेबलक्वाइन में भुगतान करने की अनुमति देने के बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर बिटक्वाइन और इथीरियम की कीमत में उछाल देखने को मिला। बिटक्वाइन 3.78 प्रतिशत उछलकर 57,835.41 डॉलर तक, जबकि इथीरियम 6.96 प्रतिशत चढ़कर 1,825.76 डॉलर तक जा पहुंचा। 

वीजा ने 29 मार्च 2021 को Crypto.com के जरिये पेमेंट ऑप्शन प्लान का खुलासा किया और कहा है कि आने वाले दिनों में वह कई दूसरे पार्टनर्स के साथ भी भुगतान की अनुमति देगी। कंपनी ने इसी महीने USD Coin में भुगतान के लिए डिजिटल एसेट बैंक Anchorage को सबसे पहला पार्टनर बनाया। 

क्रिप्टोकरेंसी की हलचल पर नजर रखने वाले जानकारों का मानना है कि अगले दो महीनों में अधिक से अधिक नामी-गिरामी कंपनियां भुगतान के तौर पर बिटक्वाइन समेत अलग अलग क्रिप्टोकरेंसी अपनाने की घोषणा कर सकती हैं जिससे बिटक्वाइन 75 हजार डॉलर तक जा सकता है। 

इससे पहले टेस्ला ने भी क्रिप्टोकरेंसी में कार खरीदने की मंजूरी दी है। हाल के दिनों में टेस्ला के अलावा मास्टरकार्ड, बैंक ऑफ न्यूयॉर्क मेलोन (Mellon) ने क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने की घोषणी की है। 

क्रिप्टोकरेंसी की पूरी लिस्ट यहां देखें)

-((बिटकॉइन... Bitcoin...बिटकॉइन; अभी पैसे लगाने के हैं 7 खतरे!

(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 


शुक्रवार, 26 मार्च 2021

बिटक्वाइन से अब कार खरीदिये, टेस्ला ने दी सुविधा


क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में अगर आप कारोबार करते हैं या कारोबार करने का मन बना रहे हैं तो बिटक्वाइन से कार भी खरीद सकते हैं। हालांकि, अभी तक भारत समेत किसी देश ने बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है और ना ही वैश्विक स्तर पर इस बारे में साफ साफ कानून बन पाया है। 

जी हां, ये सच है कि बिटक्वाइन से आप कार खरीद सकते हैं। अमेरिकी ऑटो कंपनी टेस्ला ने इसकी सुविधा शुरू की है। कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने खुद अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी है। हालांकि ये सुविधा अभी अमेरिका में रहने वालों के लिए है। आप भी देख सकते हैं मस्क का वो ट्विटर। 


मस्क के इस ट्वीट का मतलब है "अब आप बिटकॉइन के साथ टेस्ला की गाड़ियों को खरीद सकते हैं"। मस्क ने यह भी बताया कि बिटकॉइन का भुगतान यूएस के बाहर के ग्राहकों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। टेस्ला केवल भुगतान के लिए इंटरनल और ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर का उपयोग करेगी। आपको बता दूं कि इससे पहले इसी साल फरवरी में टेस्ला ने 1.5 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन खरीदकर बिटक्वाइन की कीमत को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया था। 

अमेरिका के शेयर बाजार रेगुलेटर यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के साथ एक फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि उसने बिटकॉइन को ज्यादा से ज्यादा कैश रिटर्न को अधिकतम करने के लिए खरीदा है। 

बिटकॉइन में टेस्ला के निवेश के बाद, उबर टेक्नोलॉजीज इंक और ट्विटर इंक जैसी कई कंपनियों ने क्रिप्टोकरेंसी  पर अपने विचार साझा किए थे। उबर के  मुख्य कार्यकारी अधिकारी दारा खोस्रोशाही ने कहा कि कंपनी ने बिटकॉइन  निवेश के विचार पर चर्चा की और इसे खारिज कर दिया गया। हालांकि खोसरोशाही  ने कहा कि उबर बिटकॉइन को संभावित भुगतान के रूप में स्वीकार कर सकता है।

दुनिया के जानेमाने पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट रॉबर्ट टी कियोसाकी भी बिटक्वाइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सलाह देते हुए देखे जा सकते हैं। 


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भारतीय कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी में अपने निवेश का खुलासा करे- भारत सरकार


भारत सरकार बिटक्वाइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में कानून को अंतिम रूप देने में लगी है, लेकिन माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष से भारतीय कंपनियों के लिए क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश का खुलासा करना अनिवार्य बन जाएगा। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने मौजूदा कंपनी कानून में संशोधन करके भारतीय कंपनियों के लिए बैलेंस शीट में क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश, सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलटी) पर खर्च और बेनामी संपत्ति के लेन-देन की जानकारी को अनिवार्य बनाया है। अगले वित्त वर्ष से इन नियमों को लागू किया जाएगा। 

नांगिया एंडरसन के पार्टनर निश्चल एस. अरोड़ा का कहना है कि भारतीय कंपनियों को उन क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में जानकारी देनी होगी, जिनमें वो कारोबार करते हैं, क्रिप्टोकरेंसीज कारोबार में नफा-नुकसान की जानकारी देनी होगी, साथ ही अगर उन क्रिप्टोकरेंसीज में कोई निवेश है या फिर किसी व्यक्ति से क्रिप्टोकरेंसीज में कोई कर्ज लिया है तो उसका खुलासा करना होगा। निश्चल का कहना है कि ऐसा करके सरकार डिजिटल करेंसी के बारे में आंकड़ा जुटाना चाह रही है, क्योंकि वह क्रिप्टोकरेंसी बिल पर काम कर रही है।  


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गुरुवार, 25 मार्च 2021

क्रिप्टोकरेंसी पर RBI की चिंताएं, सरकार को दी गई है जानकारी: शक्तिकांता दास, गवर्नर, RBI


भारत समेत दुनियाभर में बिटक्वाइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दीवानगी लगातार बढ़ रही है, लेकिन भारत सरकार इसको लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं अपना पा रही है। इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि आरबीआई को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ चिंताएं हैं और इसकी जानकारी सरकार को दे दी गई है। 

उन्होंने कहा कि सरकार और आरबीआई दोनों देश में वित्तीय स्थिरता के पक्षधर हैं और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को करना है। दास एक निजी चैनल के कार्यक्रम में इसकी जानकारी दी। 

दास ने और क्या क्या कहा-विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएं


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शनिवार, 6 मार्च 2021

क्रिप्टोकरेंसी में फरवरी में कारोबार कितना बढ़ा, जानकर चौंक जाएंगे


दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक बिटक्वाइन, इथीरियम, लिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भले ही अभी तक दुविधा में हैं लेकिन इसमें कारोबार लगातार बढ़ रहा है। फरवरी में ही असग अलग क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर इसके कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम में जनवरी के मुकाबले 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर नजर रखने वाली रिसर्च फर्म क्रिप्टोकंपेयर ने इसकी जानकारी दी।  



टेस्ला और मास्टरकार्ड इंक द्वारा बिटक्वाइन में निवेश की खबरों से क्रिप्टोकरेंसी में कोराबार में और पंख लगे। टेस्ला ने फरवरी में बिटक्वाइन में 1.5 बिलियन डॉलर का दांव लगाया था। 

क्रिप्टोकंपेयर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े बड़े और प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के ट्रेडिंग वॉल्यूम में जनवरी के मुकाबले फरवरी में जहां 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, वहीं छोटे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के ट्रेडिंग वॉल्यूम में 36 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। बड़े बड़े और प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का ट्रेडिंग वॉल्यूम इस दौरान 2.4 ट्रिलियन डॉलर से 2.7 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया, वहीं छोटे छोटे एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग वॉल्यूम घटकर 381 बिलियन डॉलर पर आ गया। 

23 फरवरी ट्रेडिंग वॉल्यूम 159.9 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर तब पहुंचा जब बिटक्वाइन की कीमत 10 प्रतिशत घट गई थी। 

फरवरी में टेस्ला और मास्टरकार्ड के बिटक्वाइन पर दांव लगाने की वजह से क्रिप्टोकरेंसी कारोबार का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया था। बिटक्वाइन की कीमत उस समय 58,354 डॉलर पर जा पहुंची थी। हालांकि तब से लेकर अब तक बिटक्वाइन की कीमत में करीब 20 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। इस समय बिटक्वाइन करीब 47 हजार डॉलर के आसपास कारोबार कर रहा है। 

> लग अलग  क्रिप्टोकरेंसी - Bitcoin (BTC), Ethereum(ETH), Cardano (ADA), Binance Coin (BNB), XRP, Polkadot (DOT), Litecoin (LTC), Uniswap Protocol (UNI), Chainlink (Link), BUSD, Tether (USDT), Bitcoin Cash (BCH), IOS token (IOST), Terra (LUNA), IOTA(MIOTA), TRON (TRX), Enjin Coin (ENJ), EOS (EOS), Chiliz (CHZ), NEM (XEM),

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>अलग अलग क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज: AAX (Malta), Coinbase (USA), Binance (Malta), Kraken (USA), Liquid (Japan), Cex.io (United Kingdom), LMAX Digital (United Kingdom), Bitfinex (British Virgin Islands), eTorox (Gibraltar), bitFlyer (Japan, USA, Europe), Currency.com (Belarus), Bittrex (USA), 

OKCoin (USA), Gopax (South Korea), Huobi Global (Seychelles), Bitpanda Pro (Austria), FTX (Antigua and Barbuda), CrossTower(USA), Poloniex (USA), CoinField (Estonia), Independent Reserve (Australia), OKEX (Malta), BeQuant (United Kingdom), Bithum Korea (South Korea),  Binance US (USA), Exmo (United Kingdom), UPbit (South Korea), BicTurk Pro (Turkey), Coinone (South Korea), bitFlyer EU (Unknown), Coinjar (United Kingdom), Korbit (South Korea),Coincheck (Japan), Bitso (Mexico), Coinfloor (United Kingdom), Bitbank (Japan),Blockchain Exchange (United Kingdom), BitMart (Cayman Islands), HitBTC (United Kingdom), BitBay (Estonia)

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(मैं हूं बिटक्वाइन...दुनिया मेरी दीवानी...सुनिये, मेरी कहानी...

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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

These are the countries where cryptocurrency use is most common

 

                                          (Courtesy: World Economic Forum)

  • Cryptocurrency use is on the rise, with 33% of Nigerians either using or owning cryptocurrency, according to a recent survey.
  • Cryptocurrency has become popular as a cheaper solution to sending money across borders.
  • According to bitcoin.com, the Philippines' Central Bank has approved several crypto exchanges to operate as "remittance and transfer companies" in the country.

Reliance on remittances and the prevalence of peer-to-peer phone payments have led to a steep rise of cryptocurrency use in Africa's largest economy. Out of 74 countries in the Statista Global Consumer Survey, Nigerians were the most likely to say they used or owned cryptocurrency.

Almost a third of Nigerians said this applied to them. The high cost of sending money across borders the conventional way has caused many to turn to local cryptocurrency exchanges catering to overseas workers and their families, according to Bitcoin.com. Nigerians also often use their phones to send money to each other or to pay in shops. Recently, businesses in the country have been adding crypto plugins to their phone payment options, adding another way in which Nigerians can use cryptocurrency in their everyday lives.

The second and third highest rates of cryptocurrency use in the survey were recorded in Vietnam and the Philippines, respectively. Again, remittance payments play a role in the widespread use of cryptocurrency. According to bitcoin.com, the Philippines' Central Bank has approved several crypto exchanges to operate as "remittance and transfer companies" in the country. The government itself is already meddling in cryptocurrency by setting up blockchain app bonds.ph with Unionbank to distribute government bonds. Unionbank has also installed a Bitcoin ATM in Makati (Metro Manila), showing how cryptocurrencies are slowly entering the mainstream in the country.

In addition to users in Africa and Southeast Asia, one more world region where many cryptocurrency users are located is Latin America. Peru leads adoption with 16 percent of respondents, while Brazil, Colombia, Argentina, Mexico and Chile all reached double digits. Switzerland was the country with the highest adoption rate in Europe together with Greece (11 percent each). In general, European and Anglo nations had very low levels of adoption.

Japan, finally, was the country in the survey where the fewest people said they used or owned cryptocurrency. Only four percent said they had experience with crypto products, the lowest in the survey together with Denmark.

How common is crypto?
Nigeria topped the list of surveyed countries.
Image: Statista

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Public and Private Money Can Coexist in the Digital Age: IMF Blog

 (Courtesy: IMF Blog)


We value innovation and diversity—including in money. In the same day, we might pay by swiping a card, waving a phone, or clicking a mouse. Or we might hand over notes and coins, though in many countries increasingly less often.

Today’s world is characterized by a dual monetary system, involving privately-issued money—by banks of all types, telecom companies, or specialized payment providers—built upon a foundation of publicly-issued money—by central banks. While not perfect, this system offers significant advantages, including: innovation and product diversity, mostly provided by the private sector, and stability and efficiency, ensured by the public sector.

These objectives—innovation and diversity on the one hand, and stability and efficiency on the other—are related. More of one usually means less of the other. A tradeoff exists, and countries—central banks especially—have to navigate it. How much of the private sector to rely upon, versus how much to innovate themselves? Much depends on preferences, available technology, and the efficiency of regulation.

So it is natural, when a new technology emerges, to ask how today’s dual monetary system will evolve. If digitalized cash—called central bank digital currency—does emerge, will it displace privately-issued money, or allow it to flourish? The first is always possible, by way of more stringent regulation. We argue that the second remains possible, by extending the logic of today’s dual monetary system. Importantly, central banks should not face a choice between either offering central bank digital currency, or encouraging the private sector to provide its own digital variant. The two can coincide and complement each other, for example, to the extent central banks make certain design choices and refresh their regulatory frameworks.

Public-private coexistence

It may be puzzling to consider that privately- and publicly-issued monies have coexisted throughout history. Why hasn’t the more innovative, convenient, user-friendly, and adaptable private money taken over entirely?

The answer lies in a fundamental symbiotic relationship: the option to redeem private money into perfectly safe and liquid public money, be it notes and coins, or central bank reserves held by selected banks.

The private monies that can be redeemed at a fixed face value into central bank currency become a stable store of value. Ten dollars in a bank account can be exchanged into a ten-dollar bill accepted as legal tender to settle debts. The example may seem obvious, but it hides complex underpinnings: sound regulation and supervision, government backstops such as deposit insurance and lender last resort, as well as partial or full backing in central bank reserves.

Moreover, privately-issued money becomes an efficient means of payment to the extent it can be redeemed into central bank currency. Anne’s 10 dollars in Bank A can be transferred to Bob’s Bank B because they are redeemed into central bank currency in between—an asset both banks trust, hold, and can exchange. As a result, this privately-issued money becomes interoperable. And so it spurs competition—since Anne and Bob can hold money in different banks and still pay each other—and thus innovation and diversity of actual forms of money.

In short, the option of redemption into central bank currency is essential for stability, interoperability, innovation, and diversity of privately-issued money, be it a bank account or other. A system with just private money would be far too risky. And one with just central bank currency could miss out on important innovations. Each form of money builds on the other to deliver today’s dual money system—a balance that has served us well.

Central bank currency in the digital age will face pressures

And tomorrow, as we step squarely into the digital age, what will become of this system? Will the digital currencies issued by central banks be so enticing that they overshadow privately-issued money? Or will they still allow for private sector innovation? Much depends on each central bank’s ability and willingness to consistently and significantly innovate. Keeping pace with technological change, rapidly evolving user needs, and private sector innovation is no easy feat.

Central bank digital currencies are akin to both a smart-phone and its operating system. At a basic level, they are a settlement technology allowing money to be stored and transferred, much like bits sent between a phone’s processor, memory, and camera. At another level, they are a form of money, with specific functionality and appearance, much like an operating system.

Central banks would thus have to become more like Apple or Microsoft in order to keep central bank digital currencies on the frontier of technology and in the wallets of users as the predominant and preferred form of digital money.

Innovation in the digital age is orders of magnitude more complex and rapid than updating security features on paper notes. For instance, central bank digital currencies may initially be managed from a central database, though might migrate to distributed ledgers (synchronized registries held and updated automatically across a network) as technology matures, and one ledger may quickly yield to another following major advancements. Phones and operating systems too benefit from major new releases at least yearly.

In addition, user needs and expectations are likely to evolve much more quickly and unpredictably in the digital age. Information and assets may migrate to distributed ledgers, and require money on the same network to be monetized. Money may be transferred in entirely new ways, including automatically by chips imbedded in everyday products. These needs may require new features of money and thus frequent architectural redesigns, and diversity. Today’s, or even tomorrow’s, money is unlikely to meet the needs of the day after.

Pressures will come from the supply-side too. The private sector will continue innovating. New eMoney and stablecoin schemes will emerge. As demand for these products grows, regulators will strive to contain risks. And the question will inevitably arise: how will these forms of money interact with the digital currencies issued by central banks? Will they exist separately, or will some be integrated into a dual monetary system where the private and central bank offerings build on each other?

A partnership with the private sector remains possible

Keeping with the pace of change of technology, user needs, and private-sector competition will be challenging for central banks. However, they need not be alone in doing so.

First, a central bank digital currency may be designed to encourage the private sector to innovate on top of it, much like app designers bring enticing functionality to phones and their operating systems. By accessing an open set of commands (“application programming interfaces”), a thriving developer community could expand the usability of central bank digital currencies beyond offering plain e-wallet services. For instance, they could make it easy to automate payments, so that a shipment of goods is paid once received, or they could build a look-up function so money can be sent to a friend on the basis of her phone number alone. The trick will be vetting these add-on services so they are perfectly safe.

Second, some central banks may even allow other forms of digital money to co-exist—much like parallel operating systems—while leveraging the settlement functionality and stability of central bank digital currencies. This would open the door to faster innovation and product choice. For instance, one digital currency might compromise on settlement speed to allow users greater control over payment automation.

Would this new form of digital money be a stable store of value? Yes, if it were redeemable into central bank currency (digital or non-digital) at a fixed face value. This would be possible if it were fully backed by central bank currency.

And would this form of digital money be an efficient means of payment? Yes again, as settlement would be immediate on any given digital money network—just as it is between accounts of the same bank. And networks would be interoperable to the extent a payment from Anne’s digital money provider to Bob’s would be settled with a corresponding move of central bank currency, just as in today’s dual system.

This form of digital money (which we have called synthetic  currency in the past) could well co-exist with central bank digital currency. It would require a licensing arrangement and set of regulations to fulfill public policy objectives including operational resilience, consumer protection, market conduct and contestability, data privacy, and even prudential stability. At the same time, financial integrity could be ensured via digital identities and complementary data policies. Partnering with central banks requires a high degree of regulatory compliance.

A system for the ages

If and when countries move ahead with central bank digital currencies, they should consider how to leverage the private sector. Today’s dual-monetary system can be extended to the digital age. Central bank currency—along with regulation, supervision, and oversight—will continue to be essential to anchor stability and efficiency of the payment system. And privately-issued money can supplement this foundation with innovation and diversity—perhaps even more so than today. Where central banks decide to end up on the continuum between private-sector and public-sector involvement in the provision of money will vary by country, and ultimately depend on preferences, technology, and the efficiency of regulation.

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