बुधवार, 20 अप्रैल 2022

भारत की प्राथमिकताओं में क्रिप्टो संपत्ति का विनियमन, डिजिटल मुद्रा शामिल: आईएमएफ अधिकारी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत के लिए मध्यावधि की प्राथमिकताओं में क्रिप्टो संपत्ति का विनियमन और डिजिटल मुद्रा शामिल हैं।

आईएमएफ के वित्तीय सलाहकार और मौद्रिक तथा पूंजी बाजार विभाग के निदेशक टोबियास एड्रियन ने मंगलवार को यह बात कही।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि इसके अलावा बैंकिंग क्षेत्र में शेष नियामक चिंताओं को दूर करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकरण जैसे संरचनात्मक मुद्दों पर भी भारत खास जोर दे रहा है।

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर आईएमएफ भारत को ‘‘एक बेहद सकारात्मक तरीके से देख रहा है।’’

उन्होंने आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठक के मौके पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कई अवसर हैं। (भारत में) पुनरुद्धार हो रहा है। नए वृद्धि के अवसरों, नए विकास के बारे में बहुत उत्साह है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा मानते हैं कि विकास समावेशी है, और सभी लोगों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन भारत को लेकर हमारा सामान्य नजरिया काफी सकारात्मक है।’’

एड्रियन ने कहा कि मध्यावधि में संरचनात्मक मुद्दों की बात करें तो भारत के एजेंडे में क्रिप्टो करेंसी परिसंपत्तियों को विनियमित करना काफी ऊपर है। देश को आने वाले वर्षों में इसका समाधान तलाशना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि भारत का केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं पर विचार कर रहा है, जो वित्तीय समावेशन और वित्तीय विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत क्या कर रहा है, इस पर हमारी नजर है। हम इन नीतिगत घटनाक्रमों का स्वागत करते हैं।’’ 

(साभार- पीटीआई भाषा)

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धन शोधन, आतंकी वित्त पोषण की जांच के लिए वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो को विनियमित करना जरूरी: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने धन शोधन और आतंकी वित्त पोषण के जोखिम को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की एक सुदृढ़ योजना का सुझाव दिया है।

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की चिंताओं से भी वैश्विक समुदाय को अवगत कराया।

वित्त मंत्री ने आईएमएफ द्वारा आयोजित एक उच्च स्तरीय चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जब तक क्रिप्टो परिसंपत्तियों की गैर-सरकारी गतिविधियां अनहोस्टेड वॉलेट के माध्यम से होंगी, उनका विनियमन बहुत कठिन होगा।

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, सेंट्रल बैंक द्वारा संचालित डिजिटल मुद्राओं के माध्यम से देशों के बीच सीमा पार से भुगतान बहुत प्रभावी हो जाएगा।

उन्होंने कहा, "मुझे गैर-सरकारी डोमेन पर जो जोखिम अधिक चिंतित करता है, वह यह कि आप दुनिया भर में सीमाओं के पार बिना होस्ट किए गए वॉलेट देख रहे हैं... इसलिए, किसी एक देश द्वारा अपने क्षेत्र के भीतर प्रभावी तरीके से विनियमन नहीं किया जा सकता है, और सीमापार विनियमन करने के लिए प्रौद्योगिकी के पास ऐसा कोई समाधान नहीं है, जो विभिन्न संप्रभु सरकारों को एक ही समय में प्रत्येक क्षेत्र में लागू होने के लिए स्वीकार्य हो।"

उन्होंने 'मनी एट ए क्रॉसरोड: पब्लिक ऑर प्राइवेट डिजिटल मनी' विषय पर एक चर्चा के दौरान कहा कि इसमें शामिल जोखिमों को अलग-अलग तरीके से देखना होगा, क्योंकि प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए जोखिम भी अलग हो सकते हैं।

सीतारमण ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि नाइजीरिया के लिए विनियमन और जोखिम, एक पर्यटन या निवेश समृद्ध बहामास से अलग होगा।

उन्होंने कहा कि धन शोधन का खतरा तब तक बना रहेगा, जब तक क्रिप्टोकरेंसी पर प्रौद्योगिकी को विनियमित करने और समझने के लिए एक वैश्विक दृष्टिकोण नहीं होगा।

उन्होंने कहा, "बजट 2022-33 में हमने घोषणा की थी, कि इन क्रिप्टो संपत्तियों के लेनदेन से हुई आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। साथ ही प्रत्येक लेनदेन के लिए भी स्रोत पर एक प्रतिशत कर कटौती की जाएगी, ताकि इसके माध्यम से हम यह जान सकें कि इसकी खरीद-बिक्री कौन कर रहा है।" 

(साभार- पीटीआई भाषा)

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रविवार, 10 अप्रैल 2022

क्रिप्टोकरेंसी पर कराधान को लेकर ‘एफएक्यू’ पर काम कर रही है सरकार

सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कराधान को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) पर काम कर रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि एफएक्यू से वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों पर आयकर और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के बारे में चीजें स्पष्ट हो सकेंगी।

अधिकारी ने कहा कि एफएक्यू के सेट का मसौदा आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), रिजर्व बैंक और राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। विधि मंत्रालय द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पर कर को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर काम चल रहा है। हालांकि, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न सूचना के उद्देश्य से होते हैं और इनकी कोई कानूनी वैधता नहीं होती है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि इसमें कोई खामी तो नहीं है, विधि मंत्रालय की राय मांगी जा रही है।’’ अधिकारी ने बताया कि डीईए, राजस्व विभाग और रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि फील्ड कर कार्यालय और क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल मुद्राओं का लेनदेन करने वालों के लिए कराधान के पहलू स्पष्ट हो सकें।

वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में चीजें स्पष्ट की गई हैं। एक अप्रैल से इस तरह के लेनदेन पर उसी तरह से 30 प्रतिशत का आयकर, उपकर और अधिभार लगाया जाएगा जैसा कि कर कानून घुड़दौड़ या अन्य सट्टेबाजी वाले लेनदेन पर लगाता है।

बजट 2022-23 में एक साल में वर्चुअल मुद्राओं से 10,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर एक प्रतिशत की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और इस तरह के उपहारों को प्राप्त करने वालों पर कराधान का भी प्रस्ताव है।

इसके तहत कुछ विशेष व्यक्तियों के लिए टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये प्रतिवर्ष होगी। इनमें व्यक्ति/एचयूएफ आदि शामिल हैं जिन्हें अपने खातों का आयकर कानून के तहत ऑडिट कराना होगा।

एक प्रतिशत टीडीएस का प्रावधान एक जुलाई, 2022 से लागू होगा, जबकि लाभ पर कर एक अप्रैल से लगाया जाएगा।

जीएसटी के दृष्टिकोण से एफएक्यू से यह स्पष्ट हो सकेगा कि क्रिप्टोकरेंसी वस्तु है या सेवा। अभी क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है और इसे वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

(साभार- पीटीआई भाषा)

अल-सल्वाडोर के बाद बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी को इन देशों ने आधिकारिक मान्यता दी

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शनिवार, 26 मार्च 2022

क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों और कारोबारियों में मायूसी, जानें डीटेल्स

Crypto Ban is like Internet Ban!
मोदी सरकार ने बजट 2022-23 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रस्तावित कर प्रावधान में कोई राहत नहीं दी है। यानी क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को ऊंचा कर देना होगा। सवाल है कि निवेशकों को कितना कर देना होगा, कब से देना होगा, क्रिप्टो पर बीजेपी सांसदों और विपक्ष का क्या रुख है? ये सब जानने के लिए इस एपिसोड को शुरू से लेकर अंत तक देखें। 




गुरुवार, 17 मार्च 2022

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा स्थिति के बारे में सरकार का क्या कहना है, जानिये


भारत सरकार की अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने की मंशा नहीं है। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में इसकी जानकारी दी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा को लिकित में सूचित किया कि आरबीआई वर्तमान में सीबीडीसी की शुरुआत के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति की दिशा में काम कर रहा है। साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया कि फिलहाल भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियमित (अनरेगुलेटेड) है।

वित्त राज्य मंत्री ने आगे कहा कि "RBI क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करता है। पारंपरिक कागजी मुद्रा एक कानूनी निविदा है और RBI द्वारा RBI अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार जारी की जाती है। पारंपरिक कागजी मुद्रा के एक डिजिटल संस्करण को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) कहा जाता है।,"

चौधरी के मुताबिक, आरबीआई वर्तमान में सीबीडीसी की शुरुआत के लिए एक चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति की दिशा में काम कर रहा है और उपयोग के मामलों की जांच कर रहा है जिसे कम या बिना किसी व्यवधान के लागू किया जा सकता है।  

उन्होंने कहा कि सीबीडीसी में नकदी पर कम निर्भरता, कम लेन-देन लागत के कारण उच्च पदभार आदि जैसे महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करने की क्षमता है। 

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शुक्रवार, 11 मार्च 2022

क्या अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने की तैयारी कर रहा है?


बिटकॉइन, इथेरियम समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में बुधवार (9 मार्च) की तेजी के बाद गुरुवार (10 मार्च) को गिरावट दर्ज की।  सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन बुधवार को 42 हजार डॉलर के पार चला गया था, लेकिन गुरुवार को 40 हजार से नीचे लुढ़ककर 39 हजार डॉलर के पास पहुंच गया। 



जानकारों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के डिजिटल एसेट्स संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर के बाद क्रिप्टो संपत्ति की कीमतों में तेजी आई थी। उनके मुताबिक, इस कार्यकारी आदेश पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर को क्रिप्टो के लिए सकारात्मक माना जा रहा है।  राष्ट्रपति ने 9 मार्च को इस आदेश पर हस्ताक्षर किया। 

>डिजिटल एसेट्स संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर के क्रिप्टो के लिए मायने: 

इस आदेश के बाद ट्रेजरी विभाग, वाणिज्य विभाग और अन्य प्रमुख एजेंसियों को 'पैसे के भविष्य' और क्रिप्टोकरेंसी की भूमिका पर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसके तहत अमेरिकी सरकारी एजेंसियों को केंद्रीय बैंक डिजिटल डॉलर और अन्य क्रिप्टोकुरेंसी को कानूनी बनाने के लाभों और जोखिमों का विस्तार से आकलन करना होगा।  

माना जा रहा है कि इस कार्यकारी आदेश से संभावित रूप से अमेरिकी वित्तीय प्रणाली में आभासी मुद्राओं को अपनाने की मंजूरी दी जा सकती है। 

Bitfinex ट्रेडिंग टीम ने एक नोट में कहा, "जिम्मेदार नवाचार और विकसित डिजिटल टोकन अर्थव्यवस्था को विनियमित करने के लिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण का समर्थन करने की बात से बाजार स्पष्ट रूप से उत्साहित है।"

व्हाइट हाउस ने पिछले साल कहा था कि वह रैंसमवेयर और अन्य साइबर अपराध के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार की व्यापक निगरानी पर विचार कर रहा है - जिसमें एक कार्यकारी आदेश भी शामिल है।

इस आदेश के बाद 28 फरवरी के बाद से बिटकॉइन  9% बढ़कर $ 42,260 हो गया, जबकि छोटे क्रिप्टोकरेंसी  ईथर, एथेरियम ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़ा कॉइन 6.2% बढ़कर $ 2,737 पर पहुंच गया। 


अल-सल्वाडोर के बाद बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी को इन देशों ने आधिकारिक मान्यता दी

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मंगलवार, 8 मार्च 2022

क्रिप्टो क्षेत्र को विनियमित करने पर फैसला हितधारकों से परामर्श के बाद: वित्त मंत्री

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित डिजिटल मुद्रा के स्पष्ट लाभ हैं और ‘डिजिटल रुपया’ लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है।

सीतारमण ने मंगलवार को यहां इंडिया ग्लोबल फोरम के वार्षिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डिजिटल रुपये पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह केंद्रीय बैंक- भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह से सोच-समझकर किया गया फैसला है... हम चाहते हैं कि वे इसे जिस तरह से लाना चाहें, उस तरह डिजाइन करें, लेकिन हम केंद्रीय बैंक से इस साल मुद्रा लाने की उम्मीद करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित डिजिटल मुद्रा के स्पष्ट लाभ हैं, क्योंकि आज के दौर में देशों के बीच होने वाले थोक भुगतान, संस्थानों के बीच बड़े लेनदेन और प्रत्येक देश के केंद्रीय बैंकों के बीच बड़े लेनदेन, ये सभी डिजिटल मुद्रा के जरिये बेहतर ढंग से हो सकते हैं।’’

क्रिप्टो क्षेत्र को विनियमित करने के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि हितधारकों से परामर्श के बाद सरकार इस बारे में फैसला करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘परामर्श जारी है .... इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति का सुझाव देने के लिए स्वागत है। परामर्श की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंत्रालय इसपर विचार करेगा। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम किसी कानूनी अनिवार्यता से परे नहीं जा रहे हैं, उसके बाद हम इसपर अपना रुख सामने लाएंगे।’’

यह पूछने पर कि क्या वह भारत में क्रिप्टो के लिए भविष्य देखती हैं, उन्होंने कहा, ‘‘कई भारतीयों ने इसमें अत्यधिक संभावनाएं देखी हैं और इसलिए मुझे इसमें राजस्व की गुंजाइश दिखाई देती है।’’

हाल में पेश किए गए आम बजट के बारे में सीतारमण ने कहा कि बजट में ‘अमृत काल’ का उल्लेख अधिक से अधिक डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के संबंध में है।

उन्होंने कहा कि इस बजट में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) की घोषणा की गई है।

सीतारमण ने कहा कि भारत को इनकी जरूरत है, क्योंकि आजादी के 75 वर्षों में एक राष्ट्रीयकृत बैंकिंग नेटवर्क के बावजूद बैंकिंग और वित्तीय समावेशन पूरा नहीं हो सका।

(साभार-पीटीआई भाषा)

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Bitcoin में पैसा लगाने वाले जरूर देखें

US Regulator SEC approves Bitcoin ETFs, Boosting Cryptocurrency Market. बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों के लिए नए साल में अमेरिका से बड़ा तोहफा...