आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को ‘‘परिसंपत्ति वर्ग’’ के रूप में मान्यता देने और इसे विनियमित करने के लिए एक कानून लाना चाहिए।
स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए सुझाव दिया कि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि डेटा और हार्डवेयर घरेलू सर्वर पर ही रहे, जो क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इससे सरकार को अवैध लेनदेन का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, दुनिया में कहीं से भी कोई भी निजी संस्थाओं द्वारा संचालित निजी एक्सचेंजों के माध्यम से इसमें निवेश कर सकता है। और इससे भी बुरी बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।’’
उन्होंने कहा कि निजी एक्सचेंजों के माध्यम से एन्क्रिप्टेड लेनदेन कैसे किए जा रहे हैं, इसमें निवेश करने वाले कौन हैं और निवेशक उनके साथ क्या कर रहे हैं, यह देखने के लिए कोई तंत्र नहीं है।
महाजन ने कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने और इसके साथ किए गए लेनदेन को परिसंपत्ति वर्ग के रूप में मान्यता देने के लिए कानून की आवश्यकता है। इससे कराधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए लेनदेन की बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।’’
(साभार- पीटीआई भाषा)
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