अमेरिकी शेयर बाजार Nasdaq पर लिस्ट दुनिया के दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस ने भारत में अपना कारोबार शुरू करने के कुछ ही दिनों के भीतर अपना कारोबार समेट लिया है। इसके लिए उसने भारत सरकार, भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई और यूपीआई ऑपरेट करने वाली संस्था एनपीसीआई ( National Payments Corporation of India) की ज्यादती को कारण बताया है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भले ही क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर प्रतिबंध लगाने से इन्कार कर दिया हो, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को हतोत्साहित करने की हरसंभव कोशिश सरकार, आरबीआई, एनपीसीआई द्वारा की जा रही है। सरकार ने बजट 2022-23 में क्रिप्टो की कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स और इसके लेन-देन पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा से क्रिप्टो कारोबारी और निवेशक अभी उबरे नहीं थे कि खबर आ रही है कि सरकार क्रिप्टो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का मन बना रही है। उधर, इसी बीच National Payments Corporation of India (NPCI) द्वारा यूपीआई से क्रिप्टो के लेन-देन पर रोक लगाने संबंधी खबर आने लगी।
जहां दुनिया भर में इस नई तकनीक और डिजिटल करेंसी को अपनाने की रेस है, वहीं भारत में इसे हतोत्साहित किए जाने से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, कारोबारी, निवेशक सब के सब हलकान हैं। क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ इस तरह की सख्ती से घरेलू क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज तो विदेशों में ठिकाना बना ही रहे हैं, नामी-गिरामी वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस ने भी भारत में ऑपरेशंस शुरू करने के चंद दिनों के भीतर अपना कारोबार समेटने की घोषणा कर दी।
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