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मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025

भारत में डिजिटल मुद्रा का आगाज: पियूष गोयल ने अविकसित क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता व्यक्त की IICryptoCurrency II Digital Currency II Bitcoin II

 


भारत में डिजिटल मुद्रा का आगाज: पियूष गोयल ने अविकसित क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता व्यक्त की IICryptoCurrency II Digital Currency II Bitcoin II 

भारत सरकार ने हाल ही में डिजिटल मुद्रा (Central Bank Digital Currency - CBDC) के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य भारतीय रुपये को डिजिटल रूप में सशक्त बनाना है। केंद्रीय वित्त मंत्री, श्री पियूष गोयल ने इस पहल की दिशा में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए अविकसित और अवैध क्रिप्टोकरेंसी के खतरे पर भी चिंता व्यक्त की है। उनके अनुसार, डिजिटल मुद्राओं का प्रचलन एक अत्याधुनिक वित्तीय प्रणाली का हिस्सा बन सकता है, लेकिन साथ ही क्रिप्टोकरेंसी जैसे असुरक्षित विकल्पों से बचाव करना भी आवश्यक है।

डिजिटल मुद्रा: एक क्रांतिकारी कदम

डिजिटल मुद्रा का परिचय भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह पारंपरिक मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया जाएगा। डिजिटल रुपये की शुरुआत से मुद्रा का लेन-देन और वित्तीय लेन-देन की प्रक्रिया तेज, सुरक्षित और पारदर्शी होगी। इसके अलावा, इसे डिजिटल भुगतान प्रणाली के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे देश में डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।

पियूष गोयल का बयान

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने डिजिटल मुद्रा के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कदम न केवल भारतीय रुपये को एक मजबूत डिजिटल पहचान देगा, बल्कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली में भी भारत की स्थिति को सुदृढ़ करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि डिजिटल मुद्रा एक उत्तम विकल्प हो सकता है, लेकिन अविकसित क्रिप्टोकरेंसी और उनके जोखिमों के बारे में सावधानी बरतना आवश्यक है। पियूष गोयल ने इस संबंध में चेतावनी दी कि क्रिप्टोकरेंसी के अव्यवस्थित और असुरक्षित रूप में निवेश से वित्तीय बाजारों में अस्थिरता पैदा हो सकती है।

अविकसित क्रिप्टोकरेंसी का खतरा

पियूष गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि डिजिटल मुद्रा का मुकाबला करने के लिए अविकसित क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल न केवल जोखिमपूर्ण है, बल्कि यह अवैध गतिविधियों को भी बढ़ावा दे सकता है। क्रिप्टोकरेंसी का कोई केंद्रीय नियंत्रण नहीं होता, जिससे यह भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण जैसे अपराधों के लिए एक आसान रास्ता बन सकता है। इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी के उतार-चढ़ाव से निवेशकों के पैसे का नुकसान हो सकता है, जिससे आर्थिक अस्थिरता पैदा हो सकती है।

भारत में डिजिटल मुद्रा का भविष्य

भारत में डिजिटल मुद्रा का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है, क्योंकि यह न केवल भुगतान की प्रक्रिया को सुगम बनाएगा, बल्कि भारत को वैश्विक वित्तीय प्रणाली में एक प्रमुख भूमिका भी दिलाएगा। इसके साथ ही, सरकार का ध्यान इस बात पर भी है कि डिजिटल मुद्राओं का सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से प्रचलन हो, ताकि इससे जुड़े जोखिमों को कम किया जा सके।

निष्कर्ष

भारत में डिजिटल मुद्रा का आगाज एक सकारात्मक पहल है, जो न केवल भारत की आर्थिक प्रणाली को सशक्त बनाएगा, बल्कि देश को डिजिटल वित्तीय समावेशन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाएगा। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी के खतरे और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र में सतर्कता बरतने की आवश्यकता जताई है। आने वाले समय में, यह देखना होगा कि भारत में डिजिटल मुद्रा किस तरह से लागू होती है और क्रिप्टोकरेंसी के प्रभाव को कैसे नियंत्रित किया जाता है।


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बुधवार, 13 अगस्त 2025

Cryptocurrency 2025: 2025 की टॉप 5 ट्रेंडिंग क्रिप्टोकरेंसीज़। अभी निवेश...

5 Top Trading Cryptocurrencies of 2025. Should You Invest or wait? आज हम बात करेंगे 2025 की टॉप 5 ट्रेंडिंग क्रिप्टोकरेंसीज़ की, जो मार्केट में धमाल मचा रही हैं! क्या आप जानना चाहते हैं कि कौन सी कॉइन आपको मुनाफा दे सकती है? तो वीडियो को अंत तक देखें और अभी सब्सक्राइब करें!



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-CBDC केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा पर अवधारणा नोट जारी

Bitcoin(बिटकॉइन) में कैसे निवेश करें, इससे क्या क्या खरीद सकते हैं 




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गुरुवार, 11 जनवरी 2024

Bitcoin में पैसा लगाने वाले जरूर देखें

US Regulator SEC approves Bitcoin ETFs, Boosting Cryptocurrency Market. बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों के लिए नए साल में अमेरिका से बड़ा तोहफा मिला है। ये तोहफा क्या है और बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों को इससे क्या फायदा होगा, ये सब जानने के लिए इस एपिसोड को अंत तक देखें।



गुरुवार, 15 जून 2023

Crypto Currency की कमाई दिखाने के लिए सही ITR फॉर्म

For Cryptocurrency Earning Which is Right ITR Form?
सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 की कमाई की जानकारी देने के लिए निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR भरने का सीजन चल रहा है। अगर आपकी कमाई क्रिप्टोकरेंसी से हुई है, तो ऐसे में सवाल उठता है कि आपको कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना सही होगा?


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गुरुवार, 9 मार्च 2023

अब ED के दायरे में Cryptocurrency लेन-देन, आसानी से समझें इसका मतलब

Centre brings crypto assets under PMLA अगर आप बिटकॉइन, रिप्पल, इथीरियम जैसे प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी या फिर एनएफटी जैसे डिजिटल एसेट्स में लेन-देन करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। खबर को विस्तार से जानने के लिए वीडियो को अंत तक देखें।




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शनिवार, 25 फ़रवरी 2023

प्राइवेट Cryptocurrency पर प्रतिबंध लगे: क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, आईएमएफ


बिटकॉइन, रिप्पल जैसे प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी  पर प्रतिबंध लगाने की मांग जोर पकड़ रही है। भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक लंबे समय से इन क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने की मांग कर रहा है। उधर, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने इस मांग का समर्थन किया है।  उन्होंने बंगलुरू में चल रही जी-20 के केंद्रीय मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक स्थल के पास संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी पर प्रतिबंध लगाना एकमात्र विकल्प है और इसके लिए वैश्विक स्तर पर कानून बनाया जाना चाहिए। 


क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि हमें सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे डिजिटल करेंसी (जैसे भारत का डिजिटल रुपया), स्टेबल कॉइन और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी में फर्क करना होगा। उन्होंने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा बताया है। 

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शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

भारत में बिटक्वाइन पर सरकार की 'हां', RBI की 'ना' ! किसकी मानें...#Bitcoin #Cryptocurrency #India

भारत में बिटक्वाइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक है या नहीं है, इस बात को लेकर सरकार और देश के केंद्रीय बैंक RBI की बातों में असमंजस है। किसकी बात मानी जाए और किसकी नहीं। 

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर कहना है कि सरकार ने देश में क्रिप्टोकरेंसी पर रोक नहीं लगाई है। वहीं  RBI इस पर रोक लगा चुका है और साफ भी किया है कि देश में किसी को क्रिप्टोकरेंसी के खनन, लेन-देन, स्टोर करने का लाइसेंस नहीं दिया गया है। 

उधर, अनुराग ठाकुर का आगे कहना है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी के मसले के लिए कोई अलग कानून नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और इनकम टैक्स जैसे संबंधित विभागों ने मौजूदा नियमों के मुताबिक इस मसले पर कदम उठाए हैं। 

वित्त राज्य मंत्री ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिम और खतरे को देखते हुए सरकार और आरबीआई लोगों के हित में सलाह, प्रेस रिलीज और सर्कुलर जारी करती रही हैं." इस हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। 

उधर, इस सबके बीच क्रिप्टोकरंसी पर गठित अंतर-मंत्रालयी समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है। उसमें क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने और रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की बात कही है। 

RBI डिजिटल करेंसी लॉन्च करे-सरकारी पैनल #Cryptocurrency #Bitcoin #RBI #Digital Currency
(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 

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सोमवार, 22 जुलाई 2019

RBI डिजिटल करेंसी लॉन्च करे-सरकारी पैनल #Cryptocurrency #Bitcoin #RBI #Digital Currency

अगर आप भारत में बिटक्वाइन समेत किसी भी क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। दरअसल, एक सरकारी पैनल ने बिटक्वाइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक के साथ-साथ दोषियों पर सख्त कार्रवाई की भी सिफारिश की है। सिफारिश में दोषियों को 10 साल की कैद और जुर्माने की मांग की गई है। पैनल की सिफारिश एक तरह से भारत में क्रिप्टोकरेंसी को समाप्त करने की तरफ संकेत करती है।

वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अगुवाई वाले पैनल ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी का खनन करने वाले, सृजन करने वाले, होल्ड, सेल, ट्रांसफर या क्रिप्टोकरेंसी जारी करने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 साल तक के कारावास की सिफारिश करता है।

सरकार ने कहा है कि पैनल की इस रिपोर्ट का आधार बनाते हुए कानून बनाने से पहले नियामकों के साथ मिलकर जांच की जाएगी। 


हालाँकि, पैनल ने सरकार से भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से, बैंक नोटों की तरह कार्य करने के लिए भारत में एक आधिकारिक सरकार समर्थित डिजिटल मुद्रा के लॉन्च पर विचार करने की भी मांग की है। 

विभिन्न देशों के अधिकारी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्रिप्टोकरंसीज को कैसे विनियमित किया जाए, खासकर तब जब फेसबुक ने लिब्रा नामक क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च की है। 

भारत सरकार ने डिजिटल मुद्राओं में निवेश के खिलाफ बार-बार चेतावनी जारी की है, उन्होंने कहा कि यह "पोंजी योजनाओं" की तरह है जो नए निवेशकों को असामान्य रूप से उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं।

वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अध्यक्षता वाले सरकारी पैनल ने 25 करोड़ रुपये ($ 3.63 मिलियन) का जुर्माना और 10 साल तक के लिए कारावास की सिफारिश की, जो किसी भी तरह के क्रिप्टोकरेंसी का खनन करता है, सृजन करता है, रखता है, बेचता है, स्थानांतरित करता है या जारी करता है।

पैनल ने वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा, "इन निजी क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित आंतरिक मूल्य नहीं है।"

निजी डिजिटल मुद्राओं का निर्माण गैर-संप्रभु लोगों द्वारा किया गया था और मुद्रा की विशेषताओं का अभाव था। उद्योग के अधिकारियों ने निराशा व्यक्त की और आशा है कि सरकार प्रतिबंध नहीं लगाएगी।

भारतीय वर्चुअल करेंसी के सह-संस्थापक, यूकोइन, साथविक विश्वनाथ ने कहा, "अगर सरकार इस तरह का कठोर कदम उठाने का फैसला करती है, तो भारत प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर महत्वपूर्ण रूप से हार जाएगा।"

एक अन्य भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स के सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा, वे अभी भी आशान्वित थे कि पैनल की रिपोर्ट को उसके मौजूदा रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

"क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना एक प्रतिगामी कदम है और किसी भी देश या सरकार को इस तरह की नई तकनीक पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए।" पैनल ने कहा कि ब्लॉक श्रृंखला अच्छी थी लेकिन क्रिप्टोकरेंसी खराब थी जो एक विरोधाभास था और काम नहीं करेगा, उन्होंने कहा।

2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा डिजिटल मुद्राओं के उपयोग के साथ व्यापक धन शोधन की रिपोर्ट के बाद पैनल की स्थापना की गई थी।

कर अधिकारियों ने देश भर में सर्वेक्षण के बाद क्रिप्टोकरंसीज में काम करने वाले हजारों लोगों को 17 महीने की अवधि में 3.5 बिलियन डॉलर से अधिक का लेनदेन दिखाया।
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मंगलवार, 3 जुलाई 2018

बुरे फंसे! बिटकॉइन समेत कोई भी क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले, सुप्रीम कोर्ट ने RBI के प्रतिबंध के खिलाफ नहीं दी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक द्वारा देश में बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी,जिसे डिजिटल या वर्चुअल करेंसी भी कहते हैं, पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ किसी भी तरह से राहत देने से इनकार कर दिया। 

आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ने इस साल 6 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों और वित्तीय सेवा देने वाली कंपनियों को ऐसी करेंसी में 5 जुलाई के बाद से किसी भी तरह का लेन-देन करने से रोक लगा दिया था। रिजर्व बैंक के इस फैसले के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रिजर्व बैंक के फैसले को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि रिजर्व बैंक ने बेवजह क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर रोक लगाई है। 

अगर आपके पास कोई भी क्रिप्टोकरेंसी है, तो सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। क्योंकि 5 जुलाई के बाद आपका क्रिप्टोकरेंसी बेकार हो जाएगा। बैंक या वित्तीय कंपनियां अब डिजिटल करेंसी का ना तो किसी का खाता खोल सकते हैं, ना ही वर्चुअल करेंसी के आधार पर लोन दे सकते हैं, ना ही अपने ग्राहकों को वर्चुअल करेंसी में खरीद-बिक्री की अनुमति दे सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं को निपटाने की आखिरी तारीख 5 जुलाई है।

हालांकि भारत के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ZebPay ने अपने निवेशकों से पूरे पैसे निकालने की गुजारिश की है। 

क्या है रिजर्व बैंक के नोटिफिकेशन में:
आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को हिदायत दी है। आप विस्तार से रिजर्व बैंक का नोटिफिकेशन देख सकते हैं। रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया है। रिजर्व बैंक ने साथ ही बैंकों को हिदायत दी  है कि अगर अभी वो किसी के साथ क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कर रहे हैं तो तीन महीने के भीतर उसे बंद कर दें। नोटिफिकेशन आप भी देखें। 

RBI/2017-18/154
DBR.No.BP.BC.104 /08.13.102/2017-18
April 6, 2018
All Commercial and Co-operative Banks /Payments Banks/Small Finance Banks /
NBFCs / Payment System Providers
Madam / Dear Sir,
Prohibition on dealing in Virtual Currencies (VCs)
Reserve Bank has repeatedly through its public notices on December 24, 2013, February 01, 2017 and December 05, 2017, cautioned users, holders and traders of virtual currencies, including Bitcoins, regarding various risks associated in dealing with such virtual currencies.
2. In view of the associated risks, it has been decided that, with immediate effect, entities regulated by the Reserve Bank shall not deal in VCs or provide services for facilitating any person or entity in dealing with or settling VCs. Such services include maintaining accounts, registering, trading, settling, clearing, giving loans against virtual tokens, accepting them as collateral, opening accounts of exchanges dealing with them and transfer / receipt of money in accounts relating to purchase/ sale of VCs.
3. Regulated entities which already provide such services shall exit the relationship within three months from the date of this circular.
4. These instructions are issued in exercise of powers conferred by section 35A read with section 36(1)(a) of Banking Regulation Act, 1949, section 35A read with section 36(1)(a) and section 56 of the Banking Regulation Act, 1949, section 45JA and 45L of the Reserve Bank of India Act, 1934 and Section 10(2) read with Section 18 of Payment and Settlement Systems Act, 2007.

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली मौद्रिक पॉलिसी बैठक के बाद ये निर्देश जारी किया है। यह बैठक 4, 5 अप्रैल को हुई।  रिजर्व बैंक ने साथ ही खुद का डिजिटल मुद्रा शुरू करने की घोषणा की।

>रिजर्व बैंक का क्रिप्टोकरेंसी और खुद का डिजिटल मुद्रा के संबंध में बयान:
-केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा
निजी डिजिटल टोकन के उदय तथा कागजी मुद्रा/धातु मुद्रा की बढ़ती हुई लागत जैसे कारकों के साथ भुगतान उद्योग के परिदृश्य में तेजी से परिवर्तन ने पूरे विश्व के केंद्रीय बैंकों को कागजी डिजिटल मुद्रा तलाशने के अवसर हेतु प्रेरित किया है। यद्यपि अभी भी बहुत से केंद्रीय बैंक बहस में लगे हैं, रिजर्व बैंक द्वारा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा प्रारम्भ करने के लिए वांछनीयता तथा व्यवहार्यता पर मार्गदर्शन प्रदान करने तथा अध्ययन करने के लिए एक अंतर विभागीय समूह का गठन किया जा चुका है। इसकी रिपोर्ट जून 2018 के अंत तक प्रस्तुत की जाएगी।

-रिंग-फेसिंग ने वर्चुअल करेंसी से संस्थाओं को विनियमित किया
तकनीकी नवाचारों में, उन अंतर्निहित वर्चुअल करेंसी सहित, वित्तीय प्रणाली की दक्षता और समावेशकता में सुधार लाने की क्षमता है । तथापि, वर्चुअल करेंसी (वीसी), जिन्हें क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एसेट के रूप में भी जाना जाता है, दूसरों के बीच, उपभोक्ता संरक्षण, बाजार अखंडता और मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताओं को बढ़ाता है।

रिजर्व बैंक ने बार-बार बिटक्वाईन्स सहित, वर्चुअल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को ऐसे वर्चुअल करेंसी के लेनदेन से जुड़े विभिन्न जोखिमों के संबंध में आगाह किया है। संबंधित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि, तत्काल प्रभाव से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं किसी भी व्यक्ति या व्यवसायिक संस्थाओं से कोई सौदा या कोई सेवा प्रदान नही करेगा जो वीसी में सौदा या निपटान करते हैं। विनियमित संस्थाएं जो पहले से ही ऐसी सेवाएं प्रदान करती हैं, एक निर्दिष्ट समय के भीतर इस संबंध से बाहर निकलेंगी। इस संबंध में एक परिपत्र अलग से जारी किया जा रहा है।
(मैं हूं बिटक्वाइन...दुनिया मेरी दीवानी...सुनिये, मेरी कहानी...
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