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मंगलवार, 12 सितंबर 2023

G20 सम्मेलन में Crypto Currency पर बड़ा फैसला II G20 Summit Delhi II Bi...

Big Decision on Crypto Assets in G20 Summit 2023 क्या दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगेगा या फिर क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनेगा। भारत में सितंबर 2023 में हुए G20 सम्मेलन में क्रिप्टोकरेंसी पर बड़ा फैसला लिया गया है। पूरी खबर जानने के लिए इस एपिसोड को अंत तक देखें।


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गुरुवार, 9 मार्च 2023

अब ED के दायरे में Cryptocurrency लेन-देन, आसानी से समझें इसका मतलब

Centre brings crypto assets under PMLA अगर आप बिटकॉइन, रिप्पल, इथीरियम जैसे प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी या फिर एनएफटी जैसे डिजिटल एसेट्स में लेन-देन करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। खबर को विस्तार से जानने के लिए वीडियो को अंत तक देखें।




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शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी बिकवाली, बिटक्वाइन 8000 डॉलर के नीचे फिसला

क्या बिटक्वाइन अपना जादू खोने लगा है? शुक्रवार को प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Coinbase पर बिटक्वाइन की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई। एक बिटक्वाइन की कीमत गिरकर 8 हजार अमेरिकी डॉलर के नीचे 7695.10 डॉलर पर पहुंच गई, जो कि पिछले साल 24 नवंबर के बाद सबसे कम है। दिन के कारोबार में हालांकि बिटक्वाइन 8618 डॉलर तक रिकवर हुआ। 

 जनवरी में ही दक्षिण कोरिया और चीन द्वारा क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर बंदिशें लगाने की खबर से 34 प्रतिशत बिटक्वाइन 34 प्रतिशत लुढ़का था। हालांकि फिर रिकवरी भी देखने को मिली। 

जानकारों का मानना है कि की देशों में क्रिप्टोकरंसी कारोबार को बंद करने या उसे रेगुलेट करने की कोशिश के साथ-साथ उसनें कालेधन के निवेश के संदेह में, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में बिकवाली बढ़ी है। बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट पेश करते हुए बिटक्वाइन समेत सारी क्रिप्टोकरेंसी को ही गैर-कानूनी बताने के बाद क्रिप्टोकरेंसी बाजार में और बिकवाली बढ़ी। 

(स्रोत- cryptoCompare)

इसके अलावा, लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Bitfinex पर बिटक्वाइन की कीमतों को लेकर छेड़छाड़ के भी आरोप लग रहे हैं। जेपी मॉर्गन प्रमुख Jamie Dimon ने बिटक्वाइन को दुनिया का सबसे बड़ा फ्रॉड बताया है। पिछले महीने ही अरबपति निवेशक और बर्कशायर हैथवे के प्रमुख वॉरेन बफेट ने क्रिप्टोकरेंसी का बहुत बुरा हश्र होने की भविष्यवाणी की थी।  आपको बहुत क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत डिजिटल करेंसी है जिसे सरकारों का समर्थन हासिल नहीं है। 

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बुधवार, 31 जनवरी 2018

दक्षिण कोरिया में अब चोरी छुपे बिटकॉइन नहीं खरीद-बेच सकेंगे

दक्षिण कोरिया  में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को विनियमित करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। इसी सिलसिले में उसने इस कारोबार को लेकर नया कानून लागू किया है। 

नए आदेश के तहत वहां कोई भी गुमनाम रहकर या छद्म नाम से क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार नहीं कर सकता है। अगर कोई क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करना चाहता है तो उसे चुनिंदा बैंकों में जाकर अपने वास्तविक नाम से क्रिप्टोकरेंसी खाता खुलवाना पड़ेगा। इसके अलावा, केवाईसी, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) शर्तों का भी उनको पालन करना पड़ेगा। दक्षिण कोरियाई सरकार ने साथ ही विदेशी और नाबालिगों के क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर रोक लगा दी है। सरकार का नया आदेश तत्काल 30 जनवरी से लागू हो गया। 

आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया में क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को रेगुलेट करने की बात इस महीने की शुरुआत से जोर पकड़ने लगा थी। यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार में काफी उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला। यहां क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर रोक लगाने की आशंका जताई जाने लगी थी। लेकिन, अब दक्षिण कोरियाई सरकार के ताजा फैसले से क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को नई जान मिलने की संभावना है। कई क्रिप्टोकरेंसी कारोबारियों ने सरकार के ताजा फैसले को इस कारोबार के लिए सकारात्मक बताया है। 

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मंगलवार, 23 जनवरी 2018

क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को लेकर दक्षिण कोरिया का बड़ा ऐलान...

दक्षिण कोरिया ने बिटक्वाइन जैसी डिजिटल करेंसी के कारोबार को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। वहां क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की जो बात चल रही थी, वो तो सरकार ने नहीं किया, लेकिन टैक्स लगाने की बात जरूर की। क्रिप्टोकरेंसी कारोबार से संबंधित ताजा फैसले में दक्षिण कोरिया सरकार ने कहा है कि वह स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों से कॉर्पोरेट और लोकल इनकम टैक्स वसूलेगी। टैक्स की दर 24.2 प्रतिशत होगी।

दक्षिण कोरिया के इस फैसले से कल दिनभर बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल जैसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहा। दिन के शुरुआत में तो उनमें अच्छी-खासी गिरावट देखी गई लेकिन फिर शाम होते-होते उनमें सुधार देखा गया।

अमेरिका के दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinBase पर एक समय बिटकॉइन 11 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ 10,050 डॉलर के करीब पहुंच गई थी, लेकिन बाद में संभलकर 10,192 डॉलर पर आ गई। वहीं CoinMarketCap के मुताबिक, इथीरियम करीब 10 प्रतिशत लुढ़ककर 1000 डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 943 डॉलर पर पहुंच गई थी। मार्केट कैप के हिसाब से तीसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी रिप्पल भी करीब 15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.18 डॉलर पर आ गई थी।

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जब यह खबर आई कि दक्षिण कोरिया घरेलू क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर 24.2 प्रतिशत कॉर्पोरेट और लोकल इनकम टैक्स लगाने की घोषणा की है तो क्रिप्टोकरेंसी मार्केट  में बिकवाली बढ़ गई थी।

आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया एक महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी बाजार है। CrtptoCompare वेबसाइट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया का बिटक्वाइन की कुल ट्रेडिंग में 6-12 प्रतिशत, इथीरियम में 14 प्रतिशत जबकि रिप्पल में 33 प्रतिशत का  योगदान है। 

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गुरुवार, 18 जनवरी 2018

बिटकॉइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट जारी, निवेशकों के एक दिन में डूबे 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा


चीन और दक्षिण कोरिया में बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल जैसी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर जारी सख्ती से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूब गए।

Coinmarketcap.com के मुताबिक, इस मंगलवार को लंदन समय के हिसाब से 7 बजे सुबह अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर डिजिटल कॉइन का मार्केट कैप या वैल्यू 653.8 बिलियन डॉलर था जो कि उसी शाम को घटकर 450.5 बिलियन डॉलर रह गया। इससे पहले पिछले हफ्ते भी निवेशकों के 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूबे थे।

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinBase पर बुधवार को बिटकॉइन गिरकर 10,000 डॉलर के नीचे पहुंच गई।  Coin Market Cap ने इसकी जानकारी दी।

आपको बता दूं कि CoinBase अमेरिका का दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म है जहां बिटकॉइन, इथीरियम, लाइटकॉइन (Litecoin) और बिटकॉइन कैश की ट्रेडिंग होती है।
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बुधवार, 17 जनवरी 2018

बिटकॉइन की हालत पतली, 28% गिरकर 10,000 डॉलर के नीचे पहुंची, इथीरियम और रिप्पल भी मुश्किल में


चीन और दक्षिण कोरिया में बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल जैसी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर जारी सख्ती से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक बार फिर से हाहाकार मच गई। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinBase पर मंगलावर को बिटकॉइन 28 प्रतिशत गिरकर 10,000 डॉलर के नीचे पहुंच गई, वहीं इथीरियल 24 घंटों के भीतर 30 प्रतिशत फिसली। इथीरियल 964 डॉलर के नीचे पहुंच गई थी।  बात अगर, तीसरी महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी रिप्पल की करें, तो कुछ क्षणों के लिए यह 46 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करते हुए एक डॉलर के भी नीचे पहुंच गई। Coin Market Cap ने इसकी जानकारी दी।

आपको बता दूं कि CoinBase अमेरिका का दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म है जहां बिटकॉइन, इथीरियम, लाइटकॉइन (Litecoin) और बिटकॉइन कैश की ट्रेडिंग होती है।
दक्षिण कोरिया, जो कि बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल का एक महत्वपूर्ण बाजार है, के एक मंत्री ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग पर रोक लगाने के लिए कानून लाने की बात कही थी। हालांकि, बाद में दक्षिण कोरियाई सरकार ने साफ किया कि क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने से पहले वह सभी पक्षों से बातचीत करेगी। उधर, चीन में भी पिछले साल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बंद करने के बाद इस साल अपने देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग कराने वाली वेबसाइट और मोबाइल एप को बंद करने की चेतावनी दी।

दक्षिण कोरिया ने कहा कि अपने यहां क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को बंद करने में जल्दबाजी नहीं करेगा और इस बारे में अभी और विचार विमर्श करेगी। आपको बता दूं कि पिछले हफ्ते ही खबर आई थी कि वहां की सरकार अपने देश में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को बंद करने के लिए कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस खबर से एक दिन में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के करीब 100 बिलियन डॉलर डूब गए था।

दक्षिण कोरिया ने इसके अलावा, अपने यहां के दो Coinone और Bithumb,पर छापा भी मारा था।  दक्षिण कोरिया की सरकार ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर रोक लगाने से पहले संबंधित विभागों से अभी बातचीत करेगी। आपको बता दूं कि पिछले कुछ समय से दक्षिण कोरिया लगातार अपने यहां क्रिप्टोकरेंसी की सटोरिया ट्रेडिंग को काबू में करने की कोशिश कर रहा है। इसी कोशिश के तहत पिछले साल सितंबर में स्थानीय फाइनेंशियल सर्विस कमीशन ने अपने यहां इनिशियल कॉइन ऑफरिंग्स ( ICO-पैसा जुटाने के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी शुरू करना) पर रोक लगाने की धमकी दी थी।

अगर दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, साल 2017 में बिटक्वाइन ने नई ऊंचाईयों को छुआ जब इसके एक विटक्वाइन की कीमत करीब 13 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। विटक्वाइन को एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है।

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मंगलवार, 16 जनवरी 2018

चीन बिटकॉइन को लेकर और कठोर हुआ!



चीन अपने देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की सुविधा देने वाली वेबसाइट और मोबाइल एप को लेकर काफी गंभीर हो गया है। बीजिंग की योजना अपने देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह से रोक लगाने की है।

पिछले हफ्ते ही दक्षिण कोरिया में क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन पर रोक की खबर से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बहुत भारी गिरावट देखी गई थी। अब चीन से आ रही इस खबर के बाद क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में और बिकवाली की संभावना है।

इससे पहले चीन ने पिछले साल ही इनिशियल कॉइन ऑफरिंग्स ( ICO-पैसा जुटाने के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी शुरू करना) और घरेलू क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर रोक लगा दी थी।

अगर दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, साल 2017 में बिटक्वाइन ने नई ऊंचाईयों को छुआ जब इसके एक विटक्वाइन की कीमत करीब 13 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। विटक्वाइन को एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है।

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शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

बिटकॉइन को टक्कर देगी देसी 'JioCoin', जानिए मुकेश अंबानी से क्या है इसका कनेक्शन !

धमाका करने के लिए मशहूर देश के सबसे रईस मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस अब एक और नए मार्केट में धमाका करने के लिए तैयार है। खबर है कि कंपनी दुनिया भर में तेजी से अपनी धाक जमा रही डिजिटल करेंसी जगत में कदम रखने जा रही है। 

सूत्रों के मुताबिक, कंपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी या फिर आभासी मुद्रा जियाकॉइन लॉन्च करेगी। माना जा रहा है कि इस काम के लिए मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश अंबानी की अगुआई में 50 पेशेवरों की टीम बनाई जा रही है। इस टीम की औसत आयु 25 वर्ष होगी। यह टीम क्रिप्टोकरेंसी के लिए जरूरी ब्लॉकचेन का निर्माण करेगी और उसके तकनीकी पहलुओं पर निगाह रखेगी। इस सप्लाई चेन में शामिल होने वाले ‘जियोक्वाइन’ के जरिये खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। 

गौरतलब है कि आभासी मुद्रा को लेकर सरकार और आरबीआई ने पिछले दिनों कई बार चेतावनी जारी की थी। इसमें कहा था कि बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है और इसमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
अगर दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, साल 2017 में बिटक्वाइन ने नई ऊंचाईयों को छुआ जब इसके एक विटक्वाइन की कीमत करीब 13 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। विटक्वाइन को एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है।

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शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

सरकार ने बिटक्वाइन जैसी आभासी मुद्राओं से फिर आगाह किया, कहा, अपने रिस्क पर करें निवेश

सरकार ने आभासी ‘मुद्रा’ में निवेश के खिलाफ लोगों को आगाह किया; कहा कि आभासी मुद्रा पोंजी स्‍कीमों की तरह है
वित्‍त मंत्रालय ने आज आभासी ‘मुद्रा’ के बारे में एक बयान दिया है।
‘‘भारत और पूरी दुनिया में बिटक्‍वाइन सहित आभासी ‘मुद्रा’ की कीमतों में हाल में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई है। आभासी मुद्राओं का अपना कोई मूल्‍य नहीं होता और न वे किसी परिसम्‍पत्तियों पर आधारित होती हैं। बिटक्‍वाइन और अन्‍य आभासी मुद्राओं पर सट्टेबाजी होती है, जिससे उनकी कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव आता है। पोंजी स्‍कीमों की तरह आभासी मुद्रा में भी निवेश का बहुत जोखिम होता है, जिसके कारण निवेशकों को कभी भी अचानक नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्‍योंकि यह पानी के बुलबुले की तरह होता है। खासतौर से खुदरा उपभोक्‍ता अपनी गाढ़ी कमाई खो बैठता है। उपभोक्‍ताओं को सजग और बहुत सावधान रहने की आवश्‍यकता है, ताकि वे इस तरह की पोंजी स्‍कीमों के झांसे में न आयें। आभासी मुद्रायें डिजिटल/इलेक्‍ट्रॉनिक रूप में होती हैं और हमेशा हैकिंग, पासवर्ड, साइबर हमले जैसे खतरे मंडराते रहते हैं। इसके परिणामस्‍वरूप जमा पूंजी हमेशा के लिए नष्‍ट हो जाती है। आभासी मुद्रा का लेन-देन एनक्रिप्‍टेड होता है, जिसके कारण गैर-कानूनी और विध्‍वंसक गतिविधियां चलाने में आसानी होती है। इनके जरिये आतंकवाद का वित्‍तपोषण, तस्‍करी, नशीले पदार्थों की तस्‍करी और धन शोधन जैसी गतिविधियां चलाई जा सकती हैं।
आभासी मुद्रा को सरकार का कोई समर्थन प्राप्‍त नहीं है। इनमें कानूनी तौर पर कोई लेन-देन भी नहीं किया जा सकता, इसलिए आभासी मुद्रायें ‘मुद्रा’ के दायरे में नहीं आतीं। इनका उल्‍लेख ‘सिक्‍कों’ के रूप में भी किया जा रहा है, जबकि ये चलन वाले सिक्‍के नहीं हैं। इस आधार पर आभासी मुद्रा न तो सिक्‍का है और न मुद्रा। भारत सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक ने आभासी मुद्रा को लेन-देन के लिए अधिकृत नहीं किया है। सरकार या भारत में किसी भी प्राधिकार ने किसी भी एजेंसी को ऐसी मुद्रा के लिए लाइसेंस नहीं दिया है, इसलिए जो व्‍यक्ति आभासी मुद्रा में लेन-देन करता है, उसे इसके जोखिम के प्रति सावधान रहना चाहिए।
आभासी मुद्रा को इस्‍तेमाल करने वालों और उनके कारोबार में संलग्‍न लोगों को दिसम्‍बर, 2013, फरवरी 2017 और दिसम्‍बर 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक ने सावधान किया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि यह आभासी मुद्रायें वित्‍तीय, वैधानिक और सुरक्षा संबंधी मामलों के लिए खतरनाक हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी स्‍पष्‍ट किया था कि उसने बिटक्‍वाइन या किसी भी अन्‍य आभासी मुद्रा के लेन-देन और संचालन के संबंध में किसी भी कंपनी या एजेंसी को न तो लाइसेंस दिया है और न उन्‍हें अधिकृत किया है। भारत सरकार ने यह भी स्‍पष्‍ट कर दिया है कि आभासी मुद्रायें लेन-देन के लिए किसी भी प्रकार वैधानिक नहीं है और उन्‍हें कोई भी कानूनी अनुमति नहीं दी गई है। आभासी मुद्राओं में निवेश करने वाले और अन्‍य भागीदार अपने जोखिम पर लेन-देन करते हैं और सबसे अच्‍छा तरीका यही है कि इस प्रकार के किसी भी लेन-देन से बचा जाए।’’

The Ministry of Finance has issued the following statement today on Virtual ‘Currencies’.

“There has been a phenomenal increase in recent times in the price of Virtual ‘Currencies’ (VCs) including Bitcoin, in India and globally. The VCs don’t have any intrinsic value and are not backed by any kind of assets. The price of Bitcoin and other VCs therefore is entirely a matter of mere speculation resulting in spurt and volatility in their prices. There is a real and heightened risk of investment bubble of the type seen in ponzi schemes which can result in sudden and prolonged crash exposing investors, especially retail consumers losing their hard-earned money. Consumers need to be alert and extremely cautious as to avoid getting trapped in such Ponzi schemes. VCs are stored in digital/electronic format, making them vulnerable to hacking, loss of password, malware attack etc. which may also result in permanent loss of money. As transactions of VCs are encrypted they are also likely being used to carry out illegal/subversive activities, such as, terror-funding, smuggling, drug trafficking and other money-laundering Acts.
VCs are not backed by Government fiat. These are also not legal tender. Hence, VCs are not currencies. These are also being described as ‘Coins’. There is however no physical attribute to these coins. Therefore, Virtual ‘Currencies’ (VCs) are neither currencies nor coins. The Government or Reserve Bank of India has not authorised any VCs as a medium of exchange. Further, the Government or any other regulator in India has not given license to any agency for working as exchange or any other kind of intermediary for any VC. Persons dealing in them must consider these facts and beware of the risks involved in dealing in VCs.
The users, holders and traders of VCs have already been cautioned three times, in December, 2013, February, 2017 and December, 2017, by Reserve Bank of India about the potential financial, operational, legal, customer protection and security related risks that they are exposing themselves to by investing in Bitcoin and/ or other VCs. RBI has also clarified that it has not given any licence/ authorization to any entity/ company to operate such schemes or deal with Bitcoin or any virtual currency. The Government also makes it clear that VCs are not legal tender and such VCs do not have any regulatory permission or protection in India. The investors and other participants therefore deal with these VCs entirely at their risk and should best avoid participating therein.”
(Source: pib.nic.in)
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Bitcoin में पैसा लगाने वाले जरूर देखें

US Regulator SEC approves Bitcoin ETFs, Boosting Cryptocurrency Market. बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों के लिए नए साल में अमेरिका से बड़ा तोहफा...