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बुधवार, 31 जनवरी 2018

फेसबुक पर बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों पर बैन!

सोशल मीडिया फेसबुक ऑडियंस नेटवर्क, इंस्टाग्राम समेत अपने सभी प्लेटफॉर्म पर बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी और आईसीओ (Initial Coins Offerings) से जुड़े फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों पर रोक लगाने का फैसला किया है। 

दरअसल, फेसबुक ने एक नई नीति तैयार की है, जिसमें लोगों को बेवकूफ बनाकर पैसे कमाने वाले फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के विज्ञापनों और प्रमोशन पर रोक लगाने की बात कही गई है। इसमें binary options, initial coin offerings, और cryptocurrency का प्रचार-प्रसार शामिल है। 

कंपनी ने कहा है कि हमने अपने सभी प्लेटफॉर्म पर लोगों को बरगलाकर पैसे ठगने वाले फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स और सर्वेिसेस के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध लगाने की नीति तैयार की है। 

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गुरुवार, 18 जनवरी 2018

बिटकॉइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट जारी, निवेशकों के एक दिन में डूबे 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा


चीन और दक्षिण कोरिया में बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल जैसी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर जारी सख्ती से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूब गए।

Coinmarketcap.com के मुताबिक, इस मंगलवार को लंदन समय के हिसाब से 7 बजे सुबह अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर डिजिटल कॉइन का मार्केट कैप या वैल्यू 653.8 बिलियन डॉलर था जो कि उसी शाम को घटकर 450.5 बिलियन डॉलर रह गया। इससे पहले पिछले हफ्ते भी निवेशकों के 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूबे थे।

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinBase पर बुधवार को बिटकॉइन गिरकर 10,000 डॉलर के नीचे पहुंच गई।  Coin Market Cap ने इसकी जानकारी दी।

आपको बता दूं कि CoinBase अमेरिका का दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म है जहां बिटकॉइन, इथीरियम, लाइटकॉइन (Litecoin) और बिटकॉइन कैश की ट्रेडिंग होती है।
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बुधवार, 17 जनवरी 2018

बिटकॉइन की हालत पतली, 28% गिरकर 10,000 डॉलर के नीचे पहुंची, इथीरियम और रिप्पल भी मुश्किल में


चीन और दक्षिण कोरिया में बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल जैसी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर जारी सख्ती से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक बार फिर से हाहाकार मच गई। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinBase पर मंगलावर को बिटकॉइन 28 प्रतिशत गिरकर 10,000 डॉलर के नीचे पहुंच गई, वहीं इथीरियल 24 घंटों के भीतर 30 प्रतिशत फिसली। इथीरियल 964 डॉलर के नीचे पहुंच गई थी।  बात अगर, तीसरी महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी रिप्पल की करें, तो कुछ क्षणों के लिए यह 46 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करते हुए एक डॉलर के भी नीचे पहुंच गई। Coin Market Cap ने इसकी जानकारी दी।

आपको बता दूं कि CoinBase अमेरिका का दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म है जहां बिटकॉइन, इथीरियम, लाइटकॉइन (Litecoin) और बिटकॉइन कैश की ट्रेडिंग होती है।
दक्षिण कोरिया, जो कि बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल का एक महत्वपूर्ण बाजार है, के एक मंत्री ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग पर रोक लगाने के लिए कानून लाने की बात कही थी। हालांकि, बाद में दक्षिण कोरियाई सरकार ने साफ किया कि क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने से पहले वह सभी पक्षों से बातचीत करेगी। उधर, चीन में भी पिछले साल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बंद करने के बाद इस साल अपने देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग कराने वाली वेबसाइट और मोबाइल एप को बंद करने की चेतावनी दी।

दक्षिण कोरिया ने कहा कि अपने यहां क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को बंद करने में जल्दबाजी नहीं करेगा और इस बारे में अभी और विचार विमर्श करेगी। आपको बता दूं कि पिछले हफ्ते ही खबर आई थी कि वहां की सरकार अपने देश में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को बंद करने के लिए कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस खबर से एक दिन में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के करीब 100 बिलियन डॉलर डूब गए था।

दक्षिण कोरिया ने इसके अलावा, अपने यहां के दो Coinone और Bithumb,पर छापा भी मारा था।  दक्षिण कोरिया की सरकार ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर रोक लगाने से पहले संबंधित विभागों से अभी बातचीत करेगी। आपको बता दूं कि पिछले कुछ समय से दक्षिण कोरिया लगातार अपने यहां क्रिप्टोकरेंसी की सटोरिया ट्रेडिंग को काबू में करने की कोशिश कर रहा है। इसी कोशिश के तहत पिछले साल सितंबर में स्थानीय फाइनेंशियल सर्विस कमीशन ने अपने यहां इनिशियल कॉइन ऑफरिंग्स ( ICO-पैसा जुटाने के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी शुरू करना) पर रोक लगाने की धमकी दी थी।

अगर दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, साल 2017 में बिटक्वाइन ने नई ऊंचाईयों को छुआ जब इसके एक विटक्वाइन की कीमत करीब 13 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। विटक्वाइन को एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है।

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शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

बिटकॉइन को टक्कर देगी देसी 'JioCoin', जानिए मुकेश अंबानी से क्या है इसका कनेक्शन !

धमाका करने के लिए मशहूर देश के सबसे रईस मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस अब एक और नए मार्केट में धमाका करने के लिए तैयार है। खबर है कि कंपनी दुनिया भर में तेजी से अपनी धाक जमा रही डिजिटल करेंसी जगत में कदम रखने जा रही है। 

सूत्रों के मुताबिक, कंपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी या फिर आभासी मुद्रा जियाकॉइन लॉन्च करेगी। माना जा रहा है कि इस काम के लिए मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश अंबानी की अगुआई में 50 पेशेवरों की टीम बनाई जा रही है। इस टीम की औसत आयु 25 वर्ष होगी। यह टीम क्रिप्टोकरेंसी के लिए जरूरी ब्लॉकचेन का निर्माण करेगी और उसके तकनीकी पहलुओं पर निगाह रखेगी। इस सप्लाई चेन में शामिल होने वाले ‘जियोक्वाइन’ के जरिये खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। 

गौरतलब है कि आभासी मुद्रा को लेकर सरकार और आरबीआई ने पिछले दिनों कई बार चेतावनी जारी की थी। इसमें कहा था कि बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है और इसमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
अगर दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, साल 2017 में बिटक्वाइन ने नई ऊंचाईयों को छुआ जब इसके एक विटक्वाइन की कीमत करीब 13 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। विटक्वाइन को एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है।

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शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

सरकार ने बिटक्वाइन जैसी आभासी मुद्राओं से फिर आगाह किया, कहा, अपने रिस्क पर करें निवेश

सरकार ने आभासी ‘मुद्रा’ में निवेश के खिलाफ लोगों को आगाह किया; कहा कि आभासी मुद्रा पोंजी स्‍कीमों की तरह है
वित्‍त मंत्रालय ने आज आभासी ‘मुद्रा’ के बारे में एक बयान दिया है।
‘‘भारत और पूरी दुनिया में बिटक्‍वाइन सहित आभासी ‘मुद्रा’ की कीमतों में हाल में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई है। आभासी मुद्राओं का अपना कोई मूल्‍य नहीं होता और न वे किसी परिसम्‍पत्तियों पर आधारित होती हैं। बिटक्‍वाइन और अन्‍य आभासी मुद्राओं पर सट्टेबाजी होती है, जिससे उनकी कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव आता है। पोंजी स्‍कीमों की तरह आभासी मुद्रा में भी निवेश का बहुत जोखिम होता है, जिसके कारण निवेशकों को कभी भी अचानक नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्‍योंकि यह पानी के बुलबुले की तरह होता है। खासतौर से खुदरा उपभोक्‍ता अपनी गाढ़ी कमाई खो बैठता है। उपभोक्‍ताओं को सजग और बहुत सावधान रहने की आवश्‍यकता है, ताकि वे इस तरह की पोंजी स्‍कीमों के झांसे में न आयें। आभासी मुद्रायें डिजिटल/इलेक्‍ट्रॉनिक रूप में होती हैं और हमेशा हैकिंग, पासवर्ड, साइबर हमले जैसे खतरे मंडराते रहते हैं। इसके परिणामस्‍वरूप जमा पूंजी हमेशा के लिए नष्‍ट हो जाती है। आभासी मुद्रा का लेन-देन एनक्रिप्‍टेड होता है, जिसके कारण गैर-कानूनी और विध्‍वंसक गतिविधियां चलाने में आसानी होती है। इनके जरिये आतंकवाद का वित्‍तपोषण, तस्‍करी, नशीले पदार्थों की तस्‍करी और धन शोधन जैसी गतिविधियां चलाई जा सकती हैं।
आभासी मुद्रा को सरकार का कोई समर्थन प्राप्‍त नहीं है। इनमें कानूनी तौर पर कोई लेन-देन भी नहीं किया जा सकता, इसलिए आभासी मुद्रायें ‘मुद्रा’ के दायरे में नहीं आतीं। इनका उल्‍लेख ‘सिक्‍कों’ के रूप में भी किया जा रहा है, जबकि ये चलन वाले सिक्‍के नहीं हैं। इस आधार पर आभासी मुद्रा न तो सिक्‍का है और न मुद्रा। भारत सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक ने आभासी मुद्रा को लेन-देन के लिए अधिकृत नहीं किया है। सरकार या भारत में किसी भी प्राधिकार ने किसी भी एजेंसी को ऐसी मुद्रा के लिए लाइसेंस नहीं दिया है, इसलिए जो व्‍यक्ति आभासी मुद्रा में लेन-देन करता है, उसे इसके जोखिम के प्रति सावधान रहना चाहिए।
आभासी मुद्रा को इस्‍तेमाल करने वालों और उनके कारोबार में संलग्‍न लोगों को दिसम्‍बर, 2013, फरवरी 2017 और दिसम्‍बर 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक ने सावधान किया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि यह आभासी मुद्रायें वित्‍तीय, वैधानिक और सुरक्षा संबंधी मामलों के लिए खतरनाक हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी स्‍पष्‍ट किया था कि उसने बिटक्‍वाइन या किसी भी अन्‍य आभासी मुद्रा के लेन-देन और संचालन के संबंध में किसी भी कंपनी या एजेंसी को न तो लाइसेंस दिया है और न उन्‍हें अधिकृत किया है। भारत सरकार ने यह भी स्‍पष्‍ट कर दिया है कि आभासी मुद्रायें लेन-देन के लिए किसी भी प्रकार वैधानिक नहीं है और उन्‍हें कोई भी कानूनी अनुमति नहीं दी गई है। आभासी मुद्राओं में निवेश करने वाले और अन्‍य भागीदार अपने जोखिम पर लेन-देन करते हैं और सबसे अच्‍छा तरीका यही है कि इस प्रकार के किसी भी लेन-देन से बचा जाए।’’

The Ministry of Finance has issued the following statement today on Virtual ‘Currencies’.

“There has been a phenomenal increase in recent times in the price of Virtual ‘Currencies’ (VCs) including Bitcoin, in India and globally. The VCs don’t have any intrinsic value and are not backed by any kind of assets. The price of Bitcoin and other VCs therefore is entirely a matter of mere speculation resulting in spurt and volatility in their prices. There is a real and heightened risk of investment bubble of the type seen in ponzi schemes which can result in sudden and prolonged crash exposing investors, especially retail consumers losing their hard-earned money. Consumers need to be alert and extremely cautious as to avoid getting trapped in such Ponzi schemes. VCs are stored in digital/electronic format, making them vulnerable to hacking, loss of password, malware attack etc. which may also result in permanent loss of money. As transactions of VCs are encrypted they are also likely being used to carry out illegal/subversive activities, such as, terror-funding, smuggling, drug trafficking and other money-laundering Acts.
VCs are not backed by Government fiat. These are also not legal tender. Hence, VCs are not currencies. These are also being described as ‘Coins’. There is however no physical attribute to these coins. Therefore, Virtual ‘Currencies’ (VCs) are neither currencies nor coins. The Government or Reserve Bank of India has not authorised any VCs as a medium of exchange. Further, the Government or any other regulator in India has not given license to any agency for working as exchange or any other kind of intermediary for any VC. Persons dealing in them must consider these facts and beware of the risks involved in dealing in VCs.
The users, holders and traders of VCs have already been cautioned three times, in December, 2013, February, 2017 and December, 2017, by Reserve Bank of India about the potential financial, operational, legal, customer protection and security related risks that they are exposing themselves to by investing in Bitcoin and/ or other VCs. RBI has also clarified that it has not given any licence/ authorization to any entity/ company to operate such schemes or deal with Bitcoin or any virtual currency. The Government also makes it clear that VCs are not legal tender and such VCs do not have any regulatory permission or protection in India. The investors and other participants therefore deal with these VCs entirely at their risk and should best avoid participating therein.”
(Source: pib.nic.in)
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शनिवार, 23 दिसंबर 2017

बिटक्वाइन की हालत हुई पतली, रिकॉर्ड ऊंचाई से 40% से ज्यादा फिसली

ऊंचाई का नया-नया रिकॉर्ड बनाने वाली डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन की हालत शुक्रवार को पतली हो गई। दिग्गज बिटक्वाइन प्लेटफॉर्म Coinbase पर बिटक्वाइन की कीमत 11 हजार डॉलर के नीचे 10 हजार 400 डॉलर तक फिसल गई जो कि रिकॉर्ड ऊंचाई से 40% से ज्यादा है। 

पिछले रविवार को इसने 19,800 डॉलर का शिखर बनाया था। इस गिरावट के बाद Coinbase  पर करीब ढाई घंटे तक कारोबार रुका रहा। आपको बता दूं कि इस प्लेटफॉर्म से नवंबर के आखिरी तक करीब 1.30 करोड़ उपयोगकर्ता जुड़े चुके थे। 

शुक्रवार को 40% से ज्यादा की गिरावट के बाद बिटक्वाइन में अच्छी-खासी रिकवरी देखने को मिली। बिटक्वाइन की कीमत 14 हजार 600 डॉलर तक रिकवर हुई जो कि रिकॉर्ड ऊंचाई से 27 प्रतिशत कम है। बिटक्वाइन में आई इस जबर्दस्त बिकवाली की हालांकि कोई वजह नहीं बताई जा रही है। लेकिन, बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखने वाले कुछ जानकारों का कहना है कि बिटक्वाइन में ऐसे रीटेल निवेशक पैसे लगा रहे हैं जो कि थोड़ी सी गिरावट के बाद घबरा जाते हैं और बिकवाली शुरू कर देते हैं। 

उधर, शुक्रवार को दुनिया के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज CME पर बिटक्वाइन जनवरी फ्यूचर की कीमत में 20 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। 

Bitcoin performance on Coinbase during one hour Friday-

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मंगलवार, 12 दिसंबर 2017

फ्यूचर ट्रेडिंग के बाद बिटक्वाइन ETF लांच करने की होड़, और बढ़ा बिटक्वाइन का रुतबा

दुनिया के सबसे बड़े फ्यूचर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अमेरिका के CBOE पर बिटक्वाइन की फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू होने के बाद अब बिटक्वाइन ईटीएफ (ETF-Exchange Traded Fund) लांच करने की होड़ लग गई है। 

अमेरिका के इक्विटी रेगुलेटर SEC (Securities and Exchange Commission) ने कहा है कि उसे बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने के लिए कम से कम तीन नई अर्जियां मिली हैं- VanEck Vectors Bitcoin Strategy ETF, REX Bitcoin Strategy ETF और REX Short Bitcoin Strategy ETF के लिए। REX ने 8 दिसंबर को जबकि VanEck ने 11 दिसंबर 2017 को बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने की अर्जी दी। 

हालांकि इन कंपनियों ने पहले भी बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने की अर्जी दी थी लेकिन रेगुलेटर ने लांच करने के समय पर सवाल उठाते हुए उनकी अर्जी वापस कर दी थी। बिटक्वाइन की फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू होने के बाद माना जा रहा है कि उन कंपनियों की बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने की अर्जी इस बार मंजूर हो जाएगी। यही नहीं, जानकारों के मुताबिक अब दूसरी कंपनियां भी बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने के लिए आगे आएंगी। 
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सोमवार, 11 दिसंबर 2017

बिटक्वाइन की फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू, लंबी छलांग से शुरुआत

(Courtesy: bbc - http://www.bbc.com/news/business-42304657)
Bitcoin has begun trading on a major exchange for the first time.
It launched on the CBOE futures exchange in Chicago at 23:00 GMT Sunday, allowing investors to bet on whether Bitcoin prices will rise or fall.
In the lead-up to its futures debut, the value of the digital currency has surged.
Bitcoin's introduction to the CBOE has been seen by some as a step towards legitimising the currency.
The move is expected to be followed next week by a listing on the rival Chicago Mercantile Exchange.
Futures are a type of derivative contract that allows trading based on movements in Bitcoin prices, without requiring ownership of the currency itself.
CBOE trading saw the Bitcoin futures contract expiring in January rise 17% from $15,000 to above $18,000.
An exchange insider said its start was low key, with "no champagne". However, CBOE tweeted to warn that its website was running slowly and could be temporarily unavailable.
Anticipation of the first mainstream listings have helped the controversial currency soar past $10,000 and then over $17,000 on Thursday before retreating. The price of Bitcoin stood at about $16,600 on Monday, according to Coindesk.com.

'Out of the shadows'

Nick Colas, of Data Trek research, said the futures listings gave Bitcoin "legitimacy - it recognises that it's an asset you can trade".
Chris Ralph, chief investment officer at St James's Place told the BBC's Today programme that he remained cautious about the currency.
"I refuse to use the word legitimate, but it's probably moved out of the shadows into the open," he said.
"But what I think it means is more people in the conventional investment banking market will take a look at Bitcoin.
"It has been described as the asset class of 2017 but when we went into the year no one would have called it an asset class."

What is Bitcoin?

  • It is a digital "alternative" currency that mostly exists online and is not printed or regulated by central banks
  • Bitcoins are created through a complex process known as "mining" and then monitored by a global network of computers
  • About 3,600 new Bitcoins are created each day, with about 16.5 million now in circulation
  • Like all currencies, its value is determined by how much people are willing to buy and sell it for

The CBOE and CME launches were made possible following approval by the US Commodities and Futures Trading Commission (CFTC).
However, the regulator has warned investors about the "potentially high level of volatility and risk in trading these contracts".

Cameron and Tyler WinklevossImage copyrightGETTY IMAGES
Image captionCameron and Tyler Winklevoss were early Bitcoin investors

Its supporters include the Winklevoss twins, who have been called the first Bitcoin billionaires, while critics include CNBC financial commentator Jim Cramer.
He argues that futures trading opens the door to "short sellers" that bet on downward moves in asset prices.
Bitcoin is not regulated by any country's central bank and has no universally recognised exchange rate.
CBOE says trading will be suspended for two minutes if Bitcoin prices rise or fall by 10%, in an attempt to reduce wild fluctuations.
"We are committed to continue to work closely with the CFTC to monitor trading and foster the growth of a transparent, liquid and fair Bitcoin futures market," CBOE said.
The Futures Industry Association, which includes some of the world's biggest derivatives brokerages, has criticised the CFTC's decision, arguing that insufficient attention has been paid to the risks involved.

Bitcoin में पैसा लगाने वाले जरूर देखें

US Regulator SEC approves Bitcoin ETFs, Boosting Cryptocurrency Market. बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों के लिए नए साल में अमेरिका से बड़ा तोहफा...