मंगलवार, 3 जुलाई 2018

बुरे फंसे! बिटकॉइन समेत कोई भी क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले, सुप्रीम कोर्ट ने RBI के प्रतिबंध के खिलाफ नहीं दी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक द्वारा देश में बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी,जिसे डिजिटल या वर्चुअल करेंसी भी कहते हैं, पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ किसी भी तरह से राहत देने से इनकार कर दिया। 

आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ने इस साल 6 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों और वित्तीय सेवा देने वाली कंपनियों को ऐसी करेंसी में 5 जुलाई के बाद से किसी भी तरह का लेन-देन करने से रोक लगा दिया था। रिजर्व बैंक के इस फैसले के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रिजर्व बैंक के फैसले को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि रिजर्व बैंक ने बेवजह क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर रोक लगाई है। 

अगर आपके पास कोई भी क्रिप्टोकरेंसी है, तो सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। क्योंकि 5 जुलाई के बाद आपका क्रिप्टोकरेंसी बेकार हो जाएगा। बैंक या वित्तीय कंपनियां अब डिजिटल करेंसी का ना तो किसी का खाता खोल सकते हैं, ना ही वर्चुअल करेंसी के आधार पर लोन दे सकते हैं, ना ही अपने ग्राहकों को वर्चुअल करेंसी में खरीद-बिक्री की अनुमति दे सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं को निपटाने की आखिरी तारीख 5 जुलाई है।

हालांकि भारत के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ZebPay ने अपने निवेशकों से पूरे पैसे निकालने की गुजारिश की है। 

क्या है रिजर्व बैंक के नोटिफिकेशन में:
आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को हिदायत दी है। आप विस्तार से रिजर्व बैंक का नोटिफिकेशन देख सकते हैं। रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया है। रिजर्व बैंक ने साथ ही बैंकों को हिदायत दी  है कि अगर अभी वो किसी के साथ क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कर रहे हैं तो तीन महीने के भीतर उसे बंद कर दें। नोटिफिकेशन आप भी देखें। 

RBI/2017-18/154
DBR.No.BP.BC.104 /08.13.102/2017-18
April 6, 2018
All Commercial and Co-operative Banks /Payments Banks/Small Finance Banks /
NBFCs / Payment System Providers
Madam / Dear Sir,
Prohibition on dealing in Virtual Currencies (VCs)
Reserve Bank has repeatedly through its public notices on December 24, 2013, February 01, 2017 and December 05, 2017, cautioned users, holders and traders of virtual currencies, including Bitcoins, regarding various risks associated in dealing with such virtual currencies.
2. In view of the associated risks, it has been decided that, with immediate effect, entities regulated by the Reserve Bank shall not deal in VCs or provide services for facilitating any person or entity in dealing with or settling VCs. Such services include maintaining accounts, registering, trading, settling, clearing, giving loans against virtual tokens, accepting them as collateral, opening accounts of exchanges dealing with them and transfer / receipt of money in accounts relating to purchase/ sale of VCs.
3. Regulated entities which already provide such services shall exit the relationship within three months from the date of this circular.
4. These instructions are issued in exercise of powers conferred by section 35A read with section 36(1)(a) of Banking Regulation Act, 1949, section 35A read with section 36(1)(a) and section 56 of the Banking Regulation Act, 1949, section 45JA and 45L of the Reserve Bank of India Act, 1934 and Section 10(2) read with Section 18 of Payment and Settlement Systems Act, 2007.

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली मौद्रिक पॉलिसी बैठक के बाद ये निर्देश जारी किया है। यह बैठक 4, 5 अप्रैल को हुई।  रिजर्व बैंक ने साथ ही खुद का डिजिटल मुद्रा शुरू करने की घोषणा की।

>रिजर्व बैंक का क्रिप्टोकरेंसी और खुद का डिजिटल मुद्रा के संबंध में बयान:
-केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा
निजी डिजिटल टोकन के उदय तथा कागजी मुद्रा/धातु मुद्रा की बढ़ती हुई लागत जैसे कारकों के साथ भुगतान उद्योग के परिदृश्य में तेजी से परिवर्तन ने पूरे विश्व के केंद्रीय बैंकों को कागजी डिजिटल मुद्रा तलाशने के अवसर हेतु प्रेरित किया है। यद्यपि अभी भी बहुत से केंद्रीय बैंक बहस में लगे हैं, रिजर्व बैंक द्वारा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा प्रारम्भ करने के लिए वांछनीयता तथा व्यवहार्यता पर मार्गदर्शन प्रदान करने तथा अध्ययन करने के लिए एक अंतर विभागीय समूह का गठन किया जा चुका है। इसकी रिपोर्ट जून 2018 के अंत तक प्रस्तुत की जाएगी।

-रिंग-फेसिंग ने वर्चुअल करेंसी से संस्थाओं को विनियमित किया
तकनीकी नवाचारों में, उन अंतर्निहित वर्चुअल करेंसी सहित, वित्तीय प्रणाली की दक्षता और समावेशकता में सुधार लाने की क्षमता है । तथापि, वर्चुअल करेंसी (वीसी), जिन्हें क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एसेट के रूप में भी जाना जाता है, दूसरों के बीच, उपभोक्ता संरक्षण, बाजार अखंडता और मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताओं को बढ़ाता है।

रिजर्व बैंक ने बार-बार बिटक्वाईन्स सहित, वर्चुअल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को ऐसे वर्चुअल करेंसी के लेनदेन से जुड़े विभिन्न जोखिमों के संबंध में आगाह किया है। संबंधित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि, तत्काल प्रभाव से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं किसी भी व्यक्ति या व्यवसायिक संस्थाओं से कोई सौदा या कोई सेवा प्रदान नही करेगा जो वीसी में सौदा या निपटान करते हैं। विनियमित संस्थाएं जो पहले से ही ऐसी सेवाएं प्रदान करती हैं, एक निर्दिष्ट समय के भीतर इस संबंध से बाहर निकलेंगी। इस संबंध में एक परिपत्र अलग से जारी किया जा रहा है।
(मैं हूं बिटक्वाइन...दुनिया मेरी दीवानी...सुनिये, मेरी कहानी...
(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((भारत में बिटक्वाइन खरीदने-बेचने के लिए कुछ एक्सचेंज 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 
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शनिवार, 30 जून 2018

India’s female investors show that bitcoin isn’t just for boys

(Courtesy:  QUARTZ INDIA )
https://qz.com/1316595/indian-women-invest-twice-as-much-in-bitcoin-and-cryptocurrencies-than-men/

In India, it’s women who are betting big on cryptocurrencies.
BuyUcoin, an Indian cryptocurrency exchange, has found that female Indian investors, on average, invested over Rs1.4 lakh (around $2,000) on digital currencies—twice the amount that men typically spent. The survey, conducted between March and June, had over 60,000 respondents.
“Usually, woman investors who are buying or trading are over 40 years of age. Therefore, typically these mature investors are able to put in more money,” Shivam Thakral, BuyUcoin’s CEO, told Quartz. “On the other hand, more men start investing at an early age with the average age for this investor group being 30.”
However, in terms of the sheer number of investors, men lead the pack by some distance.
New Delhi and the National Capital Region, Mumbai, Bengaluru, Hyderabad, Pune, Chennai, Ahmedabad, and Kolkata accounted for approximately 75% of the virtual currency investments, followed by tier-2 and tier-3 cities. And it’s salaried professionals who are attracted the most by the lure of cryptocurrencies.
However, in the past few months, India’s central bank has come down heavily on the ecosystem. In April, the Reserve Bank of India(RBI) directed all lenders to wind down the bank accounts of cryptocurrency exchanges and their users within three months. As a result, the number of active traders has plummeted.
Despite the slowdown, the exchanges remain hopeful. Earlier this month, Subhash Chandra Garg, secretary in the department of economic affairs, who is heading a committee on cryptocurrency regulation, told television news channel ET Now that they are in the final leg for finalising the draft regulation on such currencies.
“We have prepared a draft (on virtual currencies) that entails what parts of this businesses should be banned and what should be preserved. This should be discussed by the first week of July and we should wrap this up within in the first fortnight of July,” said Garg.
Meanwhile, the exchanges have also mounted a legal challenge. The case they have filed against the RBI’s ban on their bank accounts is set to come up for hearing on July 03, just few days before the order comes into effect. It’s tenterhooks till then.
भारत में बिटकॉइन बैन, जुलाई से सभी मौजूदा डिजिटल करेंसी के लेन-देन पर पूरी तरह से रोक
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क्या आपके पास भी है बिटकॉइन, जुलाई से पूरी तरह बैन ...ZebPay ने कहा पैसे निकाल लो

देश में बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी,जिसे डिजिटल या वर्चुअल करेंसी भी कहते हैं, पर इस साल जुलाई से पूरी तरह रोक लग जाएगी। सभी बैंकों और वित्तीय सेवा देने वाली कंपनियों को ऐसी करेंसी में कोई नया लेन-देन नहीं करना है। साथ ही उनको अपने ग्राहकों को भी ऐसी करेंसी में लेन-देन करने से पूरी तरह रोकना है। बैंक या वित्तीय कंपनियां अब डिजिटल करेंसी का ना तो किसी का खाता खोल सकते हैं, ना ही वर्चुअल करेंसी के आधार पर लोन दे सकते हैं, ना ही अपने ग्राहकों को वर्चुअल करेंसी में खरीद-बिक्री की अनुमति दे सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं को निपटाने की आखिरी तारीख 5 जुलाई है।

डेडलाइन अब करीब पहुंच गई है तो भारत के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ZebPay ने अपने निवेशकों से पूरे पैसे निकालने की गुजारिश की है। एक्सचेंज ने कहा है कि आरबीआई की डेडलाइन लागू होने पर बैंक सर्विस बंद कर सकते हैं, जिससे निवेशकों का पैसा फंस सकता है। एक्सचेंज ने साथ ही ये भी कहा है कि रिजर्व बैंक के बैन के खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है और कोर्ट का फैसला किसी के भी पक्ष में आ सकता है। ऐसे में जो लोग इस रिस्क को समझते हैं वही ZebPay के साथ निवेशित रह सकते हैं।

 क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इस फैसले से करीब 30 लाख ZebPay यूजर्स उलझन में हैं। इस फैसले से ZebPay पर बिटकॉइन की कीमत लगातार गिर रही है। ZebPay पर एक बिटकॉइन की कीमत इस महीने ₹4,22,550 तक जा गिरी है जबकि पिछले महीने ₹6 लाख के नीचे थी। 

आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को हिदायत दी है। आप विस्तार से रिजर्व बैंक का नोटिफिकेशन देख सकते हैं। रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया है। रिजर्व बैंक ने साथ ही बैंकों को हिदायत दी  है कि अगर अभी वो किसी के साथ क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कर रहे हैं तो तीन महीने के भीतर उसे बंद कर दें। नोटिफिकेशन आप भी देखें। 

RBI/2017-18/154
DBR.No.BP.BC.104 /08.13.102/2017-18
April 6, 2018
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Madam / Dear Sir,
Prohibition on dealing in Virtual Currencies (VCs)
Reserve Bank has repeatedly through its public notices on December 24, 2013, February 01, 2017 and December 05, 2017, cautioned users, holders and traders of virtual currencies, including Bitcoins, regarding various risks associated in dealing with such virtual currencies.
2. In view of the associated risks, it has been decided that, with immediate effect, entities regulated by the Reserve Bank shall not deal in VCs or provide services for facilitating any person or entity in dealing with or settling VCs. Such services include maintaining accounts, registering, trading, settling, clearing, giving loans against virtual tokens, accepting them as collateral, opening accounts of exchanges dealing with them and transfer / receipt of money in accounts relating to purchase/ sale of VCs.
3. Regulated entities which already provide such services shall exit the relationship within three months from the date of this circular.
4. These instructions are issued in exercise of powers conferred by section 35A read with section 36(1)(a) of Banking Regulation Act, 1949, section 35A read with section 36(1)(a) and section 56 of the Banking Regulation Act, 1949, section 45JA and 45L of the Reserve Bank of India Act, 1934 and Section 10(2) read with Section 18 of Payment and Settlement Systems Act, 2007.

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली मौद्रिक पॉलिसी बैठक के बाद ये निर्देश जारी किया है। यह बैठक 4, 5 अप्रैल को हुई।  रिजर्व बैंक ने साथ ही खुद का डिजिटल मुद्रा शुरू करने की घोषणा की।

>रिजर्व बैंक का क्रिप्टोकरेंसी और खुद का डिजिटल मुद्रा के संबंध में बयान:
-केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा
निजी डिजिटल टोकन के उदय तथा कागजी मुद्रा/धातु मुद्रा की बढ़ती हुई लागत जैसे कारकों के साथ भुगतान उद्योग के परिदृश्य में तेजी से परिवर्तन ने पूरे विश्व के केंद्रीय बैंकों को कागजी डिजिटल मुद्रा तलाशने के अवसर हेतु प्रेरित किया है। यद्यपि अभी भी बहुत से केंद्रीय बैंक बहस में लगे हैं, रिजर्व बैंक द्वारा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा प्रारम्भ करने के लिए वांछनीयता तथा व्यवहार्यता पर मार्गदर्शन प्रदान करने तथा अध्ययन करने के लिए एक अंतर विभागीय समूह का गठन किया जा चुका है। इसकी रिपोर्ट जून 2018 के अंत तक प्रस्तुत की जाएगी।

-रिंग-फेसिंग ने वर्चुअल करेंसी से संस्थाओं को विनियमित किया
तकनीकी नवाचारों में, उन अंतर्निहित वर्चुअल करेंसी सहित, वित्तीय प्रणाली की दक्षता और समावेशकता में सुधार लाने की क्षमता है । तथापि, वर्चुअल करेंसी (वीसी), जिन्हें क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एसेट के रूप में भी जाना जाता है, दूसरों के बीच, उपभोक्ता संरक्षण, बाजार अखंडता और मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताओं को बढ़ाता है।

रिजर्व बैंक ने बार-बार बिटक्वाईन्स सहित, वर्चुअल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को ऐसे वर्चुअल करेंसी के लेनदेन से जुड़े विभिन्न जोखिमों के संबंध में आगाह किया है। संबंधित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि, तत्काल प्रभाव से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं किसी भी व्यक्ति या व्यवसायिक संस्थाओं से कोई सौदा या कोई सेवा प्रदान नही करेगा जो वीसी में सौदा या निपटान करते हैं। विनियमित संस्थाएं जो पहले से ही ऐसी सेवाएं प्रदान करती हैं, एक निर्दिष्ट समय के भीतर इस संबंध से बाहर निकलेंगी। इस संबंध में एक परिपत्र अलग से जारी किया जा रहा है।
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भारत में बिटकॉइन के भविष्य को लेकर अगले महीने तस्वीर साफ हो जाएगी

 
भारत में बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए जुलाई काफी महत्वपूर्ण है। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट  3 जुलाई को क्रिप्टोकरेंसी पर रिजर्व बैंक द्वारा लगाई गई रोक के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा. वहीं दूसरी तरफ क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्र सरकार द्वारा गठित कमिटी द्वारा अगले महीने के शुरुआती दो हफ्ते में रिपोर्ट सौंप जाने की संभावना है। आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को गैर-कानूनी घोषित कर  दिया है। साथ ही सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को किसी भी डिजिटल करेंसी में लेन-देन करने या फिर डिटिजल करेंसी खाता खोलने पर रोक लगा दी है। रिजर्व बैंक के इस फैसले के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर फैसले को ही बेतुका बता दिया है।

उधर, केंद्र सरकार द्वारा भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्या भविष्य होना चाहिए, इसकी क्या अहमियत होनी चाहिए, इन सब बातों पर विचार करने के लिए गठित कमेटी अगले महीने अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट से भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जारी उलझन काफी हद तक सुलझ जाएगी। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि अगले महीने के शुरुआती दो हफ्तों में भारत क्रिप्टोकरेंसी पर फ्रेमवर्क को पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उस फ्रेमवर्क पर चर्चा होगी और भारत के लिए जो बेहतर होगा वो कदम उठाया जाएगा। 

गर्ग ने कहा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के लिए अभी तक कोई नियम नहीं बना है।

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बिटकॉइन $6000 के नीचे पहुंचा, इस साल कीमतों में 60% तक गिरावट, पिछले साल कीमत 1100% बढ़ी थी

कभी लगातार तेजी का रिकॉर्ड बनाने वाला क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन इन दिनों भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। CoinDesk के मुताबिक, शुक्रवार को बिटकॉइन $6000 के नीचे $5799.62 पर पहुंच गया, जो कि पिछले साल नवंबर के बाद सबसे निचला स्तर है। 2018 में अब तक इसकी कीमत में 57 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है जबकि पिछले साल इसकी कीमत में 1100 प्रतिशत की तेजी देखी गई थी। 

 जानकारों का कहना है कि दुनियाभर के रेगुलेटर द्वारा बिटकॉइन के खिलाफ की जा रही कार्रवाई और कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के हैक होने की घटना की वजह से निवेशक बिटकॉइन की खरीदारी करने के बजाय बिकवाली कर रहे हैं। 

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बुधवार, 25 अप्रैल 2018

बिटकॉइन बैन के खिलाफ एकजुट होने लगे भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज!


भारत में बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी या डिजिटल करेंसी पर चौतरफा शिकंजा क्या कसना शुरू हुआ, भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने भी अपने हक की लड़ाई लड़ने का मन बनाना शुरू कर दिया।

अहमदाबाद के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज काली डिजिटल इको-सिस्टम्स की अपील पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा रिजर्व बैंक, केंद्र सरकार, केंद्रीय वित्त मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल को जारी नोटिस के बाद अब दूसरे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी बिटकॉइन बैन के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बनाने लगे हैं। काली डिजिटल इको-सिस्टम्स CoinRecoil नाम से क्रिप्टोकरेंसी लांच करने वाली है। कोर्ट इस पर अगली सुनवाई 24 मई को होगी। काली डिजिटल इको-सिस्टम्स के संस्थापक गोपाल मोदी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है। इस सुनवाई पर देश के दूसरे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की भी नजर है।

आपको बता दूं कि आरबीआई ने हाल ही में सभी तरह के क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर रोक लगाते हुए सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं से भी उन कंपनियों, संस्थाओं या कारोबारियों के साथ लेन-देन की पूरी तरह मनाही कर दी थी जो क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करते हैं।

इससे पहले, वित्त मंत्रालय ने बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी को गैर-कानूनी बताया है और लोगों को इससे आगाह किया है। काले धन पर गठित एसआईटी ने भी सभी तरह के डिजिटल करेंसी को खतरनाक बताते हुए उसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है।

आपको बता दूं कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस एम बी शाह की अध्यक्षता में काले धन की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था जिसे सरकार ने 2014 में अधिसूचित किया था।

माना जा रहा है कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में एसआईटी की हुई बैठक में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एसीबी) से बिटकॉइन समेत सभी वर्चुअल करेंसी का पता लगाने और उसके लेन-देन पर पूरी तरह से रोक लगाने की अपील की।

CoinRecoil का मामला: काली डिजिटल इको-सिस्टम्स ने रिजर्व बैंक के क्रिप्टोकरेंसी पर बैन के फैसले को संविधान की धारा 14 और 19 (1)(जी) का उल्लंघन बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। काली डिजिटल इको-सिस्टम्स ने अपनी याचिका में बेवजह क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने का आरोप लगाया है।
संविधान की धारा 14 जहां सबको समान सुरक्षा का अधिकार देती है, वहीं 19 (1)(जी) कारोबार करने की आजादी देती है।

भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी खिलाड़ी Zebpay ने कहा है कि वह इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है और सारे विकल्प खुला रखे हुए है। Zebpay के सीईओ अजीत खुराना ने कहा है कि हम जल्दबाजी में इस मामले में कोई फैसला नहीं लेना चाहते हैं। सारे पहलूओं पर सोच-विचारकर ही कोई फैसला लेंगे ताकि हमें बाद में पछताना नहीं पड़े।

CoinRecoil की अपील पर रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय,केंद्र सरकार, जीएसटी को जारी नोटिस के बाद दूसरे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को भी भरोसा होने लगा है।

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सोमवार, 9 अप्रैल 2018

बिटकॉइन गैर-कानूनी, उसके इस्तेमाल पर रोक लगे: काले धन पर गठित SIT

भारत में बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी या डिजिटल करेंसी पर चौतरफा शिकंजा कसना शुरू हो गया है। सरकार ने तो पहले इसे गैर-कानूनी घोषित कर दिया था और अब आरबीआई ने इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इस साल जुलाई से वर्चुअल करेंसी पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। साथ ही आरबीआई अपनी ़डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी।

उधर, इन सब खबरों के बीच कालेधन पर गठित एसआईटी यानी स्पेशव इन्वेस्टीगेशन टीम ने भी वर्चुअल करेंसी को गैर-कानूनी बताते हुए देश की सभी प्रमुख एजेंसियों से इसके देश के भीतर या देश के बाहर लेन-देन पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की है।

माना जा रहा है कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में एसआईटी की हुई बैठक में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एसीबी) से बिटकॉइन समेत सभी वर्चुअल करेंसी का पता लगाने और उसके लेन-देन पर पूरी तरह से रोक लगाने की अपील की।

साथ ही एसआईटी ने कहा है कि वह वर्चुअल करेंसी पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है जिसे सरकार को सौंपी जाएगी। एजेंसी का कहना है कि वर्चुअल करेंसी पर कानून बनाने का अधिकार सरकार को है और एसआईटी इस विषय पर सरकार को रिपोर्ट मुहैया कराएगी।

आपको बता दूं कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस एम बी शाह की अध्यक्षता में काले धन की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था जिसे सरकार ने 2014 में अधिसूचित किया था। 
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Bitcoin में पैसा लगाने वाले जरूर देखें

US Regulator SEC approves Bitcoin ETFs, Boosting Cryptocurrency Market. बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों के लिए नए साल में अमेरिका से बड़ा तोहफा...