इसी बीच चीन ने अपनी डिजिटल करेंसी डिजिटल युआन बनाकर दुनिया को चौंका दिया है। चीन इस पर काफी समय से काम कर रहा था। अमेरिका (डिजिटल डॉलर) और भारत (डिजिटल रुपया) जैसी इकोनॉमी में खुद की राष्ट्रीय डिजिटल करेंसी लॉन्च करने पर बातचीत चल रही है।
चीन की राष्ट्रीय डिजिटल करेंसी डिजिटल युआन |
>देश की राष्ट्रीय डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल ट्रांजैक्शन में फर्क:
किसी भी देश का राष्ट्रीय डिजिटल करेंसी उस देश की फिजीकल करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगी। इसका इस्तेमाल केवल डिजिटल पेमेंट के तौर पर होगा। साथ ही इसका फिजीकल अस्तित्व नहीं होगा। जैसे- हम अपनी करेंसी रुपए को नकदी लेन-देन के लिए भी इस्तेमाल करते हैं, उसको पर्स या पॉकेट या घर पर फिजीकल तौर पर रखते हैं, उसको छू सकते हैं, उसको देख सकते हैं, लेकिन अगर डिजिटल रुपया होगा तो उसे सिर्फ डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे, उसे नकदी में लेन-देन के लिए या उसे पर्स, पॉकेट, घर पर फिजीकल रूप में नहीं रख सकते हैं। साथ ही किसी भी देश की राष्ट्रीय करेंसी को एक नियम के तहत रेगुलेट किया जाएगा, उस देश का केंद्रीय बैंक उससे जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखेगा। तो, चीन की राष्ट्रीय डिजिटल करेंसी में ये सारी चीजें होंगी। कहने का मतलब हुआ कि किसी देश की राष्ट्रीय करेंसी एक तरह से केंद्रीकृत होगी।
बात अगर क्रिप्टोकरेंसी की करें तो ये पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है। किसी भी सरकार या किसी केंद्रीय बैंक का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। अभी तक इसके संबंध में कोई कानून नहीं बना है। इसे आप पर्स या पॉकेट या फिर फिजीकल फॉर्म में नहीं रख सकते हैं और ना ही नकदी लेन-देन के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल सिर्फ डिजिटली ही कर सकते हैं। इसके लिए क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज या क्रिप्टोकरेंसी ब्रोकर के यहां खाता खुलवाना होगा या फिर किसी क्रिप्टोकरेंसी कारोबार करने वाले सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप को डाउनलोड करके कारोबार करना होगा। साथ ही जो कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान स्वीकार करते हैं वहीं किसी चीज या किसी सेवा के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे टेस्ला, पेपल, वीजा, मास्टरकार्ड, गोल्डमैन सैक्स जैसी नामी गिरामी कंपनियों ने चुनिंदा क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान की अनुमति की घोषणा की है। अमेरिका के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Coinbase को तो शेयर बाजार पर लिस्ट होने की मंजूरी भी वहां के मार्केट रेगुलेटर से मिल चुकी है।
डिजिटल ट्रांजैक्शन या कैशलेश ट्रांजैक्शन कैसे अलग है क्रिप्टोकरेंसी से, ये भी जानना जरूरी है। जब हम किसी सेवा या सामान के लिए भुगतान किसी देश की करेंसी से कैश में नहीं करके मोबाइल बैंकिग, या इंटरनेट बैंकिंग या कानूनी पेमेंट एप्स के जरिये करते हैं तो ये डिजिटल ट्रांजैक्शन कहलाता है। यानी फिजीकल तौर पर मान्यताप्राप्त करेंसी से जब हम डिजिटल भुगतान करते हैं तब वह डिजिटल ट्रांजैक्शन कहलाता है।
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