भारत में बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल समेत दूसरे क्रिप्टोकरेंसी को अभी तक सरकारी मान्यता नहीं मिली है, इसको लेकर साफ साफ कानून भी नहीं है, देश का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक इसको लेकर बार बार आम लोगों को चेताते भी रहता है, सुप्रीम कोर्ट आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर रोक लगाने को गैर-कानूनी घोषित कर चुका है, इन सबके बीच भारतीयों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दीवानगी लगातार बढ़ रही है। इसका गवाह है कि पिछले एक साल में भारत में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आए 641 प्रतिशत का उछाल। भारत में कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज मौजूद हैं जिनके निवेशक उसमें पैसे लगा सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी गितिविधियों पर सरकार और वित्तीय संस्थाओं को डाटा, सॉफ्टवेयर, सर्विस और रिसर्च देने वाली कंपनी Chainalysis ने इस आंकड़े की जानकारी दी है।
उसने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है कि मध्य और दक्षिण एशिया में क्रिप्टोकरेंसी संबंधित उद्यमिता और वेंचर कैपिटल इन्वेस्टमेंट बढ़ने से इस क्षेत्र के विकेंद्रित वित्त ( DeFi- Decentralised Finance) प्लेटफॉर्म भारत की हिस्सेदारी 59 प्रतिशत जबकि पाकिस्तान की 33 प्रतिशत हो गई है। 10 मिलियन डॉलर से अधिक की कीमत वाले क्रिप्टोकरेंसी को भारत स्थित पते पर 42 प्रतिशत, पाकिस्तान स्थित पते पर 28 प्रतिशत जबकि वियतनाम स्थित पते पर 29 प्रतिशत भेजा गया। इस आंकड़े से पता चलता है कि भारत में बड़े क्रिप्टोकरेंसी कारोबारी मौजूद हैं।
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