शनिवार, 30 जनवरी 2021

Bitcoin समेत दूसरी Cryptocurrency को लेकर सरकार उठाने जा रही है ये कदम


-((बिटकॉइन... Bitcoin...बिटकॉइन; अभी पैसे लगाने के हैं 7 खतरे!

(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 


गुरुवार, 28 जनवरी 2021

क्या RBI भी बिटक्वाइन जैसी अपनी क्रिप्टोकरेंसी शुरू करने जा रहा है?


रिज़र्व बैंक ने भुगतान प्रणाली संबंधी बुकलेट जारी की, जिसमें मिलिनियम के दूसरे दशक के दौरान यथा, 2010 के प्रारंभ से लेकर 2020 के अंत तक भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली की यात्रा को शामिल किया गया है। इस बुकलेट में केंद्रीय बैंक ने बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी शुरू करने की जरूरत पर बल दिया है। 

यह बुकलेट 2010 से 2020 के दौरान भुगतान और निपटान प्रणालियों के क्षेत्र में भारत के परिवर्तन को कैप्चर करती है और अन्य बातों के साथ-साथ डिजिटल भुगतान प्रणाली, विभिन्न समर्थक (एनबलर्स), उपभोक्ताओं को उपलब्ध भुगतान विकल्प, अंगीकरण की सीमा इत्यादि को रेखांकित करने वाले विधिक और विनियामक वातावरण  का वर्णन करती है।

रिज़र्व बैंक इससे पहले वर्ष 1998 और 2008 में भुगतान प्रणाली संबंधी बुकलेट लाया था। श्रृंखला की इस तीसरी बुकलेट का देश में भुगतान प्रणाली के विकास के बारे में अधिक रूचि रखनेवालों के लिए एक संदर्भ दस्तावेज के रूप में काम करने की उम्मीद है। 

केंद्रीय बैंक देश में अपनी डिजिटल करेंसी (Digital Currency, आभासी मुद्रा) लाने पर विचार कर रहा है। उसने कहा कि भुगतान उद्योग के तेजी से बदलते परिदृश्य, निजी डिजिटल टोकनों के आने और कागज के नोट या सिक्कों के प्रबंधन से जुड़े खर्च बढ़ने के मद्देनजर दुनिया भर में कई केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) लाने पर विचार कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी की संभावनाओं के अध्ययन और इनके लिए दिशा-निर्देश तय करने के लिए आरबीआई ने एक अंतर-विभागीय समिति भी बनायी है।

CBDC एक लीगल करेंसी है तथा डिजिटल रूप में सेंट्रल बैंक की लाइबिलिटी है जो सॉवरेन करेंसी के रूप में उपलब्ध है। यह बैंक की बैलेंसशीट में दर्ज है। यह करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जिसे आरबीआई द्वारा जारी कैश में कंवर्ट या एक्सचेंज किया जा सकता है।

आरबीआई ने इस बुकलेट में कहा है कि हालांकि दुनिया भर में प्राइवेट डिजिटल करेंसी (PDCs)/वर्चुअल करेंसीज (VCs)/ क्रिप्टोकरेंसीज (CCs) की लोकप्रियता हाल के दिनों में बढ़ी है, लेकिन भारत सरकार और रिजर्व बैंक अभी ऐसी करेंसीज को लेकर संदेह जता रहे हैं और इसके जोखिम पक्ष को लेकर ज्यादा गंभीर हैं। आरबीआई ने आगे कहा कि इन सबके बावजूद हम देश में फ्लैट करेंसी के डिजिटल वर्जन की संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं और उसका संचालन कैसे किया जाए, उस पर विचार कर रहे हैं। 


-((बिटकॉइन... Bitcoin...बिटकॉइन; अभी पैसे लगाने के हैं 7 खतरे!

(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 


गुरुवार, 5 मार्च 2020

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन करने वालों के लिए अच्छी खबर

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक के 2018 के एक परिपत्र को रद्द करते हुए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सेवाएं मुहैया करने की इजाजत दे दी।

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल या आभासी मुद्राएं हैं, जिनमें मुद्रा इकाइयों के बनाने और फंड के लेनदेन का सत्यापन करने के लिए एन्क्रिप्शन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है और यह व्यवस्था केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र रहकर काम करती है।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के परिपत्र को रद्द किया जाता है।

आरबीआई के छह अप्रैल 2018 के परिपत्र के अनुसार केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं पर आभासी मुद्राओं से संबंधित कोई भी सेवा प्रदान करने पर रोक है।

पीठ ने कहा, “रिट याचिका को स्वीकार किया जाता है और छह अप्रैल 2018 के परिपत्र को खारिज कर दिया गया है।”

पीठ ने अपने 180 पन्नों के आदेश में कहा, “आरबीआई का लगातार यह कहना है कि उसने आभासी मुद्रा पर रोक नहीं लगाई है। दो मसौदा विधेयकों सहित कई समितियों के कई प्रस्तावों के बावजूद भारत सरकार कोई फैसला नहीं कर सकी है। दोनों मसौदा विधेयकों में स्थिति एकदम विपरीत रही है। ऐसे में किये गये उपाय को संतुलित ठहराना हमारे लिये संभव नहीं है।”

न्यायालय ने आरबीआई के प्रपत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर यह फैसला सुनाया।

याचिकाकर्ता इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएमएआई) ने अपनी दलील में कहा कि आरबीआई ने अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के असर को लेकर कोई अध्ययन किए बिना सिर्फ नैतिकता के आधार पर उसे प्रतिबंधित किया है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि रिजर्व बैंक ने उसके नियमन के दायरे में आने वाली सभी इकाइयों को किसी व्यक्ति अथवा उद्यम को आभासी मुद्रा में सेवायें देने से रोक लगाई है।

रिजर्व बैंक ने 2013 में एक परामर्श जारी करते हुये आभासी मुद्रा के इसतेमाल, उसे रखने और कारोबार करने वालों को सतर्क करते हुये इसमें लेनदेन के संभावित जोखिम के प्रति आगाह किया था।

इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने तीन जुलाई 2018 को आईएमएआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान आरबीआई के परिपत्र पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और इस संबंध में आरबीआई, वित्त मंत्रालय और केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जवाब मांगा था।

(साभार-पीटीआई भाषा)
शेयर बाजार से पैसा बनाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

RBI डिजिटल करेंसी लॉन्च करे-सरकारी पैनल #Cryptocurrency #Bitcoin #RBI #Digital Currency

(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 



शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

भारत में बिटक्वाइन पर सरकार की 'हां', RBI की 'ना' ! किसकी मानें...#Bitcoin #Cryptocurrency #India

भारत में बिटक्वाइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक है या नहीं है, इस बात को लेकर सरकार और देश के केंद्रीय बैंक RBI की बातों में असमंजस है। किसकी बात मानी जाए और किसकी नहीं। 

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर कहना है कि सरकार ने देश में क्रिप्टोकरेंसी पर रोक नहीं लगाई है। वहीं  RBI इस पर रोक लगा चुका है और साफ भी किया है कि देश में किसी को क्रिप्टोकरेंसी के खनन, लेन-देन, स्टोर करने का लाइसेंस नहीं दिया गया है। 

उधर, अनुराग ठाकुर का आगे कहना है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी के मसले के लिए कोई अलग कानून नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और इनकम टैक्स जैसे संबंधित विभागों ने मौजूदा नियमों के मुताबिक इस मसले पर कदम उठाए हैं। 

वित्त राज्य मंत्री ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिम और खतरे को देखते हुए सरकार और आरबीआई लोगों के हित में सलाह, प्रेस रिलीज और सर्कुलर जारी करती रही हैं." इस हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। 

उधर, इस सबके बीच क्रिप्टोकरंसी पर गठित अंतर-मंत्रालयी समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है। उसमें क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने और रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की बात कही है। 

RBI डिजिटल करेंसी लॉन्च करे-सरकारी पैनल #Cryptocurrency #Bitcoin #RBI #Digital Currency
(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 

Plz Follow Me on: 


सोमवार, 22 जुलाई 2019

RBI डिजिटल करेंसी लॉन्च करे-सरकारी पैनल #Cryptocurrency #Bitcoin #RBI #Digital Currency

अगर आप भारत में बिटक्वाइन समेत किसी भी क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। दरअसल, एक सरकारी पैनल ने बिटक्वाइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक के साथ-साथ दोषियों पर सख्त कार्रवाई की भी सिफारिश की है। सिफारिश में दोषियों को 10 साल की कैद और जुर्माने की मांग की गई है। पैनल की सिफारिश एक तरह से भारत में क्रिप्टोकरेंसी को समाप्त करने की तरफ संकेत करती है।

वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अगुवाई वाले पैनल ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी का खनन करने वाले, सृजन करने वाले, होल्ड, सेल, ट्रांसफर या क्रिप्टोकरेंसी जारी करने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 साल तक के कारावास की सिफारिश करता है।

सरकार ने कहा है कि पैनल की इस रिपोर्ट का आधार बनाते हुए कानून बनाने से पहले नियामकों के साथ मिलकर जांच की जाएगी। 


हालाँकि, पैनल ने सरकार से भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से, बैंक नोटों की तरह कार्य करने के लिए भारत में एक आधिकारिक सरकार समर्थित डिजिटल मुद्रा के लॉन्च पर विचार करने की भी मांग की है। 

विभिन्न देशों के अधिकारी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्रिप्टोकरंसीज को कैसे विनियमित किया जाए, खासकर तब जब फेसबुक ने लिब्रा नामक क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च की है। 

भारत सरकार ने डिजिटल मुद्राओं में निवेश के खिलाफ बार-बार चेतावनी जारी की है, उन्होंने कहा कि यह "पोंजी योजनाओं" की तरह है जो नए निवेशकों को असामान्य रूप से उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं।

वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अध्यक्षता वाले सरकारी पैनल ने 25 करोड़ रुपये ($ 3.63 मिलियन) का जुर्माना और 10 साल तक के लिए कारावास की सिफारिश की, जो किसी भी तरह के क्रिप्टोकरेंसी का खनन करता है, सृजन करता है, रखता है, बेचता है, स्थानांतरित करता है या जारी करता है।

पैनल ने वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा, "इन निजी क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित आंतरिक मूल्य नहीं है।"

निजी डिजिटल मुद्राओं का निर्माण गैर-संप्रभु लोगों द्वारा किया गया था और मुद्रा की विशेषताओं का अभाव था। उद्योग के अधिकारियों ने निराशा व्यक्त की और आशा है कि सरकार प्रतिबंध नहीं लगाएगी।

भारतीय वर्चुअल करेंसी के सह-संस्थापक, यूकोइन, साथविक विश्वनाथ ने कहा, "अगर सरकार इस तरह का कठोर कदम उठाने का फैसला करती है, तो भारत प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर महत्वपूर्ण रूप से हार जाएगा।"

एक अन्य भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स के सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा, वे अभी भी आशान्वित थे कि पैनल की रिपोर्ट को उसके मौजूदा रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

"क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना एक प्रतिगामी कदम है और किसी भी देश या सरकार को इस तरह की नई तकनीक पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए।" पैनल ने कहा कि ब्लॉक श्रृंखला अच्छी थी लेकिन क्रिप्टोकरेंसी खराब थी जो एक विरोधाभास था और काम नहीं करेगा, उन्होंने कहा।

2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा डिजिटल मुद्राओं के उपयोग के साथ व्यापक धन शोधन की रिपोर्ट के बाद पैनल की स्थापना की गई थी।

कर अधिकारियों ने देश भर में सर्वेक्षण के बाद क्रिप्टोकरंसीज में काम करने वाले हजारों लोगों को 17 महीने की अवधि में 3.5 बिलियन डॉलर से अधिक का लेनदेन दिखाया।
(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 

Plz Follow Me on: 


मंगलवार, 3 जुलाई 2018

बुरे फंसे! बिटकॉइन समेत कोई भी क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले, सुप्रीम कोर्ट ने RBI के प्रतिबंध के खिलाफ नहीं दी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक द्वारा देश में बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी,जिसे डिजिटल या वर्चुअल करेंसी भी कहते हैं, पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ किसी भी तरह से राहत देने से इनकार कर दिया। 

आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ने इस साल 6 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों और वित्तीय सेवा देने वाली कंपनियों को ऐसी करेंसी में 5 जुलाई के बाद से किसी भी तरह का लेन-देन करने से रोक लगा दिया था। रिजर्व बैंक के इस फैसले के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रिजर्व बैंक के फैसले को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि रिजर्व बैंक ने बेवजह क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर रोक लगाई है। 

अगर आपके पास कोई भी क्रिप्टोकरेंसी है, तो सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। क्योंकि 5 जुलाई के बाद आपका क्रिप्टोकरेंसी बेकार हो जाएगा। बैंक या वित्तीय कंपनियां अब डिजिटल करेंसी का ना तो किसी का खाता खोल सकते हैं, ना ही वर्चुअल करेंसी के आधार पर लोन दे सकते हैं, ना ही अपने ग्राहकों को वर्चुअल करेंसी में खरीद-बिक्री की अनुमति दे सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं को निपटाने की आखिरी तारीख 5 जुलाई है।

हालांकि भारत के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ZebPay ने अपने निवेशकों से पूरे पैसे निकालने की गुजारिश की है। 

क्या है रिजर्व बैंक के नोटिफिकेशन में:
आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को हिदायत दी है। आप विस्तार से रिजर्व बैंक का नोटिफिकेशन देख सकते हैं। रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया है। रिजर्व बैंक ने साथ ही बैंकों को हिदायत दी  है कि अगर अभी वो किसी के साथ क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कर रहे हैं तो तीन महीने के भीतर उसे बंद कर दें। नोटिफिकेशन आप भी देखें। 

RBI/2017-18/154
DBR.No.BP.BC.104 /08.13.102/2017-18
April 6, 2018
All Commercial and Co-operative Banks /Payments Banks/Small Finance Banks /
NBFCs / Payment System Providers
Madam / Dear Sir,
Prohibition on dealing in Virtual Currencies (VCs)
Reserve Bank has repeatedly through its public notices on December 24, 2013, February 01, 2017 and December 05, 2017, cautioned users, holders and traders of virtual currencies, including Bitcoins, regarding various risks associated in dealing with such virtual currencies.
2. In view of the associated risks, it has been decided that, with immediate effect, entities regulated by the Reserve Bank shall not deal in VCs or provide services for facilitating any person or entity in dealing with or settling VCs. Such services include maintaining accounts, registering, trading, settling, clearing, giving loans against virtual tokens, accepting them as collateral, opening accounts of exchanges dealing with them and transfer / receipt of money in accounts relating to purchase/ sale of VCs.
3. Regulated entities which already provide such services shall exit the relationship within three months from the date of this circular.
4. These instructions are issued in exercise of powers conferred by section 35A read with section 36(1)(a) of Banking Regulation Act, 1949, section 35A read with section 36(1)(a) and section 56 of the Banking Regulation Act, 1949, section 45JA and 45L of the Reserve Bank of India Act, 1934 and Section 10(2) read with Section 18 of Payment and Settlement Systems Act, 2007.

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली मौद्रिक पॉलिसी बैठक के बाद ये निर्देश जारी किया है। यह बैठक 4, 5 अप्रैल को हुई।  रिजर्व बैंक ने साथ ही खुद का डिजिटल मुद्रा शुरू करने की घोषणा की।

>रिजर्व बैंक का क्रिप्टोकरेंसी और खुद का डिजिटल मुद्रा के संबंध में बयान:
-केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा
निजी डिजिटल टोकन के उदय तथा कागजी मुद्रा/धातु मुद्रा की बढ़ती हुई लागत जैसे कारकों के साथ भुगतान उद्योग के परिदृश्य में तेजी से परिवर्तन ने पूरे विश्व के केंद्रीय बैंकों को कागजी डिजिटल मुद्रा तलाशने के अवसर हेतु प्रेरित किया है। यद्यपि अभी भी बहुत से केंद्रीय बैंक बहस में लगे हैं, रिजर्व बैंक द्वारा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा प्रारम्भ करने के लिए वांछनीयता तथा व्यवहार्यता पर मार्गदर्शन प्रदान करने तथा अध्ययन करने के लिए एक अंतर विभागीय समूह का गठन किया जा चुका है। इसकी रिपोर्ट जून 2018 के अंत तक प्रस्तुत की जाएगी।

-रिंग-फेसिंग ने वर्चुअल करेंसी से संस्थाओं को विनियमित किया
तकनीकी नवाचारों में, उन अंतर्निहित वर्चुअल करेंसी सहित, वित्तीय प्रणाली की दक्षता और समावेशकता में सुधार लाने की क्षमता है । तथापि, वर्चुअल करेंसी (वीसी), जिन्हें क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एसेट के रूप में भी जाना जाता है, दूसरों के बीच, उपभोक्ता संरक्षण, बाजार अखंडता और मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताओं को बढ़ाता है।

रिजर्व बैंक ने बार-बार बिटक्वाईन्स सहित, वर्चुअल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को ऐसे वर्चुअल करेंसी के लेनदेन से जुड़े विभिन्न जोखिमों के संबंध में आगाह किया है। संबंधित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि, तत्काल प्रभाव से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं किसी भी व्यक्ति या व्यवसायिक संस्थाओं से कोई सौदा या कोई सेवा प्रदान नही करेगा जो वीसी में सौदा या निपटान करते हैं। विनियमित संस्थाएं जो पहले से ही ऐसी सेवाएं प्रदान करती हैं, एक निर्दिष्ट समय के भीतर इस संबंध से बाहर निकलेंगी। इस संबंध में एक परिपत्र अलग से जारी किया जा रहा है।
(मैं हूं बिटक्वाइन...दुनिया मेरी दीवानी...सुनिये, मेरी कहानी...
(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
((भारत में बिटक्वाइन खरीदने-बेचने के लिए कुछ एक्सचेंज 
((अलग-अलग बिटक्वाइन एक्सचेंज, अलग-अलग नियम, जानिए दुनिया के बिटक्वाइन एक्सचेंज के बारे में 
Plz Follow Me on: 

Bitcoin में पैसा लगाने वाले जरूर देखें

US Regulator SEC approves Bitcoin ETFs, Boosting Cryptocurrency Market. बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों के लिए नए साल में अमेरिका से बड़ा तोहफा...