शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

भारत में बिटक्वाइन को लेकर घनचक्कर! बिटक्वाइन गैर-कानूनी लेकिन बिटक्वाइन में पैसा लगाने पर सरकार लेगी टैक्स

बिटक्वाइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों से टैक्स वसूला जाएगा और इसके लिए कई लोगों को नोटिस भी भेजा गया है। ये कहना है केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा का। लेकिन, सवाल है कि जब देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं है, उसके कारोबार को कानून नहीं माना जा रहा है तो फिर उसमें पैसा लगाने वाले कैसे कानूनी काम कर रहे हैं? सवाल ये भी उठता है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को सरकार और रिजर्व बैंक का मौन समर्थन हासिल है? 

आपको बताते चलें कि सरकार और रिजर्व बैंक की तरफ से देश में बिटक्वाइन समेत सभी क्रप्टोकरेंसी को लेकर कई दफे लोगों को आगाह किया जा चुका है कि इसका लेन-देन गैर-कानूनी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 पेश करते समय भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी कानूनी नहीं है।



सुशील चंद्रा ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग इस तरह के निवेश पर कर वसूली का प्रयास कर रहा है। उनके मुताबिक, ‘कर अधिकारियों के संज्ञान में आया है कि इस तरह के कई निवेशकों ने उन्हें हुए लाभ पर अग्रिम कर नहीं दिया है. वहीं, कुछ दूसरों ने पिछले कर रिटर्न में इसके बारे में स्पष्ट नहीं किया है.'

विभाग ने पिछले साल दिसंबर में इन एक्सचेंजों में अखिल भारतीय स्तर पर सर्वे किया था. उन्होंने कहा, ‘हमने ऐसे कई निवेशकों को नोटिस भेजे हैं. इनमें से कई ने कर अदा करने की सहमति दी है. जहां तक बिटक्वाइन में किये गये निवेश का सवाल है, हम निश्चित रूप से उनसे कर वसूलेंगे.' 

सूत्रों ने कहा कि कर अधिकारियों ने आयकर कानून की धारा 133 ए के तहत बिटक्वाइन एक्सचेंजों का सर्वे किया है। इसके पीछे मकसद निवेशकों और कारोबारियों की पहचान के बारे में पता करना, उनके द्वारा किये गये लेनदेन, संबंधित बैंक खातों तथा अन्य जानकारियों का पता लगाना है। पिछले साल जेटली ने संसद को सूचित किया था कि भारत में आभासी मुद्राओं की निगरानी के लिए कोई नियमन नहीं हैं। साथ ही रिजर्व बैंक ने इस तरह की मुद्राओं के परिचालन के लिए किसी इकाई या कंपनी को कोई लाइसेंस नहीं दिया है। 

बिटक्वाइन कानूनी नहीं, लेकिन ब्लॉकचेन तकनीक के उपयोग को देंगे बढ़ावा-अरुण जेटली

बजट पेश करते वित्त मंत्री अरुण जेटली 
आम बजट 2018 पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एकबार फिर से गैरकानूनी बताया, लेकिन इसके स्टोरेज को लिए इस्तेमाल होने वाली तकनीक ब्लॉकचेन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कही। अरूण जेटली ने कहा है कि क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन लीगल नहीं है और अब सरकार इस पर शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है.

अरूण जेटली ने कहा, ''हम क्रिप्टो करेंसी को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाएंगे. हम पेमेंट सिस्टम के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देंगे.''

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गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

सावधान! JioCoin मत खरीदें-बेचें, सब फर्जी है...रिलायंस Jio ने कोई JioCoin Appलांच नहीं किया है




अगर आप भी किसी के भरोसे में आकर Google Apps  से JioCoin App डाउनलोड करके JioCoin की खरीद-बिक्री कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। रिलायंस Jio ने ऐसा कोई भी JioCoin App लांच नहीं किया है। कंपनी ने इस बारे में प्रेस रिलीज जारी किया है और JioCoin App संबंधी अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है।
आपको बता दूं कि कुछ वेबसाइट्स Jio Coin की खरीद-बिक्री का दावा कर रहे हैं जो कि पूरी तरह से फर्जी है। आप उन वेबसाइट्स की बातों में मत फंसे।


आपको बता दूं कि कुछ समय मीडिया में खबर आई थी कि रिलायंस जियो दुनिया भर में तेजी से अपनी धाक जमा रही डिजिटल करेंसी जगत में कदम रखने जा रही है। खबर में सूत्रों  के हवाले से कहा गया था कि कंपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी या फिर आभासी मुद्रा जियाकॉइन लॉन्च करेगी। साथ ही ये भी कहा गया था कि इस काम के लिए मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश अंबानी की अगुआई में 50 पेशेवरों की टीम बनाई जा रही है। इस टीम की औसत आयु 25 वर्ष होगी। यह टीम क्रिप्टोकरेंसी के लिए जरूरी ब्लॉकचेन का निर्माण करेगी और उसके तकनीकी पहलुओं पर निगाह रखेगी। इस सप्लाई चेन में शामिल होने वाले ‘जियोक्वाइन’ के जरिये खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। इसी खबर के बाद फर्जीवाड़ा करने वालों ने JioCoin खरीद-बिक्री के लिए एप्स, वेबसाइट्स लॉन्च कर भोले-भाले निवेशकों को फंसाने का काम शुरू कर दिया था। तो आप भी सावधान रहें....
फर्जी है, भरोसा मत करें


गौरतलब है कि आभासी मुद्रा को लेकर सरकार और आरबीआई ने पिछले दिनों कई बार चेतावनी जारी की थी। इसमें कहा था कि बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है और इसमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
अगर दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, साल 2017 में बिटक्वाइन ने नई ऊंचाईयों को छुआ जब इसके एक विटक्वाइन की कीमत करीब 13 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। विटक्वाइन को एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है।

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बुधवार, 31 जनवरी 2018

दक्षिण कोरिया में अब चोरी छुपे बिटकॉइन नहीं खरीद-बेच सकेंगे

दक्षिण कोरिया  में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को विनियमित करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। इसी सिलसिले में उसने इस कारोबार को लेकर नया कानून लागू किया है। 

नए आदेश के तहत वहां कोई भी गुमनाम रहकर या छद्म नाम से क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार नहीं कर सकता है। अगर कोई क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करना चाहता है तो उसे चुनिंदा बैंकों में जाकर अपने वास्तविक नाम से क्रिप्टोकरेंसी खाता खुलवाना पड़ेगा। इसके अलावा, केवाईसी, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) शर्तों का भी उनको पालन करना पड़ेगा। दक्षिण कोरियाई सरकार ने साथ ही विदेशी और नाबालिगों के क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर रोक लगा दी है। सरकार का नया आदेश तत्काल 30 जनवरी से लागू हो गया। 

आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया में क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को रेगुलेट करने की बात इस महीने की शुरुआत से जोर पकड़ने लगा थी। यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार में काफी उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला। यहां क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर रोक लगाने की आशंका जताई जाने लगी थी। लेकिन, अब दक्षिण कोरियाई सरकार के ताजा फैसले से क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को नई जान मिलने की संभावना है। कई क्रिप्टोकरेंसी कारोबारियों ने सरकार के ताजा फैसले को इस कारोबार के लिए सकारात्मक बताया है। 

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फेसबुक पर बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों पर बैन!

सोशल मीडिया फेसबुक ऑडियंस नेटवर्क, इंस्टाग्राम समेत अपने सभी प्लेटफॉर्म पर बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी और आईसीओ (Initial Coins Offerings) से जुड़े फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों पर रोक लगाने का फैसला किया है। 

दरअसल, फेसबुक ने एक नई नीति तैयार की है, जिसमें लोगों को बेवकूफ बनाकर पैसे कमाने वाले फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के विज्ञापनों और प्रमोशन पर रोक लगाने की बात कही गई है। इसमें binary options, initial coin offerings, और cryptocurrency का प्रचार-प्रसार शामिल है। 

कंपनी ने कहा है कि हमने अपने सभी प्लेटफॉर्म पर लोगों को बरगलाकर पैसे ठगने वाले फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स और सर्वेिसेस के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध लगाने की नीति तैयार की है। 

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शनिवार, 27 जनवरी 2018

खतरे में आपका बिटक्वाइन! जापान के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर हैकर्स का हमला, करोड़ों डूबे

बिटक्वाइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की जितनी लोकप्रियता अगर बढ़ रही है उसी हिसाब से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर हैकर्स के हमले की आशंका भी बढ़ रही है यानी उसी हिसाब से आपकी क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती जा रही है। हैकर्स के ताजा हमले का शिकाय हुआ जापान का क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज   Coincheck । मार्केट कैप के हिसाब से ये दुनिया का 10 वां सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है जिसके जरिये NEM Coins नाम की क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री होती है। बिटक्वाइन, इथीरियम, रिप्पल जैसी क्रिप्टोकरेंसी के मुकाबले यह लोकप्रिय नहीं है। 

Coincheck से हैकर्स ने 500 मिलियम डॉलर से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी चुराए। क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट कैप पर नजर रखने वाली वेबसाइट  CoinMarketCap  के मुताबिक, इस खबर से इस एक्सचेंज पर NEM Coins शुक्रवार को करीब 20 परसेंट गिरा, हालांकि बाद में इसमें रिकवरी आई लेकिन फिर 10 परसेंट की गिरावट बनी रही। लेकिन, बिटकॉइन समेत दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में मामूली उतार-चढ़ाव हुआ। 

Coincheck ने साथ ही यह भी साफ कर दिया कि हैकर्स ने NEM Coins के अलावा किसी दूसरी डिजिटल करेंसी पर हाथ नहीं साफ किया। 

Coincheck मैनेजमेंट ने इस घटना के बाद कहा कि वह NEM Coins को "hot Wallet" (एक तरह का स्टोरेज) में रखता है जो कि इंटरनेट से जुड़ा रहता है। वहीं अमेरिका के  दिग्गज क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Coinbase के मुताबिक, वह अपने 98 परसेंट डिजिटल करेंसी 'कोल्ड' स्टोरेज में रखता है जो कि इंटरनेट से जुड़ा नहीं है यानी ऑफलाइन है। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर हैकर्स का ये कोई पहला हमला नहीं है। 

मॉर्गेन स्टैनले ने दिसंबर 2017 की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया था  कि हैकर्स ने 630 मिलियन डॉलर से अधिक की क्रिप्टोकरेंसी अब तक चुराए हैं। यानी आपकी क्रिप्टोकरेंसी पर हर वक्त हैकर्स की नजर है, इसलिए उसे बचाने का भी उपाय करना होगा। 

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गुरुवार, 25 जनवरी 2018

क्रिप्टोकरेंसी की पहली बार रेटिंग: जानें बिटकॉइन या इथीरियम में से बेहतर कौन


अगर आप रेटिंग पर भरोसा करते हैं और बिटक्वाइन, इथीरियम या फिर रिप्पल जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर उलझन में हैं तो आपके लिए विकल्प चुनना अब आसान हो गया है। दरअसल, इन डिजिटल करेंसी की पहली बार एक अमेरिकी संस्था Weiss Rating ने 24 जनवरी 2018 को रेटिंग देने का काम किया है।

इस रेटिंग से आप हैरान हो जाएंगे। दुनिया में सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी तो बिटकॉइन है और सबसे ज्यादा सुर्खियां भी यही बटरोती है लेकिन रेटिंग में यह पहले पायदान पर नहीं है। बल्कि उससे कम लोकप्रिय इथीरियम को सबसे बेहतर रेटिंग दी गई है। 



Weiss Rating  ने इथीरियम को B रेटिंग इसलिए दी है कि तमाम दिक्कतों के बावजूद नई-नई तकनीक ज्यादा तेजी से अपना रही है।  बिटक्वाइन को इथीरियम से कम यानी C रेटिंग देने की वजह के बारे में एजेंसी ने कहा है कि बिटक्वाइन में सॉफ्टवेयर कोड तेजी से नहीं बदला जा रहा है और साथ ही इसमें लेन-देन चार्ज भी काफी अधिक है। आपको बता दूं कि मौजूदा 74 क्रिप्टोकरेंसी में से किसी को भी रेटिंग एजेंसी ने सबसे बेहतर A रेटिंग नहीं दी है। 


क्रिप्टोकरेंसी को रेटिंग देने वाली Weiss Rating दुनिया की पहली रेटिंग एजेंसी कंपनी होगी। आपको बता दूं कि यह रेटिंग कंपनी 50 हजार से भी ज्यादा स्टॉक्स, म्युचुअल फंड्स, ईटीएफ, बैंक, इंश्योरेंस कंपनियां  बगैरह की रेटिंग देती है और अब यह कई क्रिप्टोकरेंसी की भी रेटिंग देगी। Weiss Rating की स्थापना  बिटकॉइन के कई निवेशकों से पहले 1971 में हुई थी। 

(बिटक्वाइन के अलावा भी बहुत सारी डिजिटल करेंसी हैं, यहां देखें लिस्ट 
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Bitcoin में पैसा लगाने वाले जरूर देखें

US Regulator SEC approves Bitcoin ETFs, Boosting Cryptocurrency Market. बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों के लिए नए साल में अमेरिका से बड़ा तोहफा...