मंगलवार, 30 नवंबर 2021

भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinDCX मंजूरी मिलने पर तुरंत IPO लाने के लिए तैयार

बिटकॉइन, इथेरियम, रिप्पल, डॉजकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में गजब की दीवानगी है। इन क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाकर निवेशक रातों-रात अमीर बन रहे हैं। हालांकि, अभी तक इसे भारत या किसी भी बड़े देश में मान्यता नहीं मिली है। क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाकर पैसा कमाने के लिए किसली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में आपका खाता होना चाहिए। 

CoinDCX भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है। यह भारत का पहला क्रिप्टो यूनिकॉर्न है। CoinDCX ने कहा है कि अगर उसे मंजूरी मिली तो, तुरंत आईपीओ लांच कर देगा। कंपनी के सह-संस्थापक नीरज खंडेलवाल ने इसकी जानकारी दी।  आईपीओ के जरिये कोई भी कंपनी पूंजी बाजार से पैसे जुटाती है और शेयर बाजार में लिस्ट होती है। 

आपको बता दूं कि अमेरिकी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट है। हालांकि, अमेरिका में भी अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं मिली है। 

इसी बीच भारत सरकार 29 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल पेश करने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंद लगा सकती है। 

अल-सल्वाडोर के बाद बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी को इन देशों ने आधिकारिक मान्यता दी

बिटकॉइन को इस देश ने दी कानूनी मान्यता, जानिए कानूनी मान्यता देने वाला यह पहला देश कौन है

RBI ने बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों और कारोबारियों को राहत दी 

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क्रिप्टोकरेंसी बिल और उस पर आगे की कार्रवाई की जानकारी दे सरकार- बॉम्बे हाई कोर्ट

  

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर यानी सोमवार से शुरू हो गया है। सोमवार को ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 17 जनवरी, 2022 तक क्रिप्टोकरेंसी पर बिल पेश किये जाने और इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई के बारे में उसे अवगत कराए। 17 जनवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। 

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि वह संसदीय कानून को कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकती।

अदालत अधिवक्ता आदित्य कदम द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार को देश के भीतर क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

कदम ने देश में क्रिप्टोकुरेंसी के अनियमित कारोबार पर प्रकाश डाला, जो उन्होंने दावा किया, निवेशकों के अधिकारों को प्रभावित करता है क्योंकि उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कानून में कोई तंत्र नहीं है।

केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता डीपी सिंह ने अदालत को बताया कि आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन पेश किया गया है और संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा की जाएगी।

कदम ने हालांकि तर्क दिया कि केंद्र सरकार द्वारा 2018 और 2019 में भी इसी तरह का बयान दिया गया था, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इस मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी। 

पीठ ने कहा, देखते हैं कि क्या वे (सरकार) कानून बनाते हैं। विधेयक पेश करने के साथ ही याचिका में यह आरोप लगाया गया कि सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है, गलत होगा।

अदालत ने कहा, "अगर बिल पेश किया गया तो केंद्र सरकार हमें अगली तारीख से अवगत कराएगी और आगे क्या कार्रवाई की गई है।"

विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव है।

यह भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है। हालांकि, यह कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है।

आपको बता दूं कि सोमवार को ही तीन कृषि कानून वापस ले लिया गया है। शीतकालीन सत्र के दौैरान सरकार बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिसमें क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 भी शामिल है। 

सत्र के पहले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने लोकसभा में इसका लिखित जवाब दिया। वित्त मंत्री ने साथ में ये भी कहा है कि सरकार के पास बिटकॉइन में लेन-देन का आंकड़ा नहीं है। सीतारमण से जब पूछा गया कि क्या बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव है, तो उन्होंने कहा- नहीं सर। 

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।

लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।

सुधारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बिजली संशोधन विधेयक 2021 है जो बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने वाला और ग्राहकों को बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी देने से संबंधित है।

आर्थिक सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 है। इसके जरिये बैंकिंग कंपनी अधिनियम, बैंकिंग विनियमन कानून में और संशोधन किया जाएगा।

वहीं, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके माध्यम से देश के पेंशन क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 में मौजूदा दिवालिया कानून को ज्यादा सशक्त बनाने की बात कही गई है। 

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बिटकॉइन को करेंसी (मुद्रा) का दर्जा देने का प्रस्ताव नहीं- निर्मला सीतारमण

 


संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो गया है। तीन कृषि कानून वापस ले लिया गया है। शीतकालीन सत्र के दौैरान सरकार बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिसमें क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 भी शामिल है। 

सत्र के पहले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने लोकसभा में इसका लिखित जवाब दिया। वित्त मंत्री ने साथ में ये भी कहा है कि सरकार के पास बिटकॉइन में लेन-देन का आंकड़ा नहीं है। सीतारमण से जब पूछा गया कि क्या बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव है, तो उन्होंने कहा- नहीं सर। 

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।

लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।

सुधारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बिजली संशोधन विधेयक 2021 है जो बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने वाला और ग्राहकों को बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी देने से संबंधित है।

आर्थिक सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 है। इसके जरिये बैंकिंग कंपनी अधिनियम, बैंकिंग विनियमन कानून में और संशोधन किया जाएगा।

वहीं, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके माध्यम से देश के पेंशन क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 में मौजूदा दिवालिया कानून को ज्यादा सशक्त बनाने की बात कही गई है। 

बिटकॉइन को इस देश ने दी कानूनी मान्यता, जानिए कानूनी मान्यता देने वाला यह पहला देश कौन है

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रविवार, 28 नवंबर 2021

संसद का शीतकालीन सत्र कल से, क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 भी होगा पेश

संसद के सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिनमें बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम आधा दर्जन से अधिक विधेयक शामिल हैं।

लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘ कुछ लंबित विधेयकों सहित संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान करीब 30 विधेयक पेश किए जाएंगे जिनमें आर्थिक सुधारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार का विपक्ष से आग्रह है कि आर्थिक सुधार एवं कुछ प्रमुख विषयों पर नियमन से जुड़े इन अहम विधेयकों पर चर्चा करे और इन्हें पारित कराने में सहयोग करे।

मेघवाल ने कहा, ‘‘ सरकार विपक्ष के मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार है। हम विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।’’

शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा थी और इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन तीनों कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी थी।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।

सुधारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बिजली संशोधन विधेयक 2021 है जो बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने वाला और ग्राहकों को बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी देने से संबंधित है।

आर्थिक सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 है। इसके जरिये बैंकिंग कंपनी अधिनियम, बैंकिंग विनियमन कानून में और संशोधन किया जाएगा।

वहीं, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके माध्यम से देश के पेंशन क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 में मौजूदा दिवालिया कानून को ज्यादा सशक्त बनाने की बात कही गई है। 

(साभार- पीटीआई भाषा) 

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सोमवार, 22 नवंबर 2021

सरकार को क्रिप्टो लेनदेन को विनियमित करने के लिए कानून लाना चाहिए: स्वदेशी जागरण मंच

आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को ‘‘परिसंपत्ति वर्ग’’ के रूप में मान्यता देने और इसे विनियमित करने के लिए एक कानून लाना चाहिए।

स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए सुझाव दिया कि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि डेटा और हार्डवेयर घरेलू सर्वर पर ही रहे, जो क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में उपयोग किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इससे सरकार को अवैध लेनदेन का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, दुनिया में कहीं से भी कोई भी निजी संस्थाओं द्वारा संचालित निजी एक्सचेंजों के माध्यम से इसमें निवेश कर सकता है। और इससे भी बुरी बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।’’

उन्होंने कहा कि निजी एक्सचेंजों के माध्यम से एन्क्रिप्टेड लेनदेन कैसे किए जा रहे हैं, इसमें निवेश करने वाले कौन हैं और निवेशक उनके साथ क्या कर रहे हैं, यह देखने के लिए कोई तंत्र नहीं है।

महाजन ने कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने और इसके साथ किए गए लेनदेन को परिसंपत्ति वर्ग के रूप में मान्यता देने के लिए कानून की आवश्यकता है। इससे कराधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए लेनदेन की बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।’’

 (साभार- पीटीआई भाषा) 

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गुरुवार, 18 नवंबर 2021

क्रिप्टोकरेंसी के समर्थन में प्रधानमंत्री, जानें क्या कहा

 

प्रधानमंत्री ने ‘सिडनी-डायलॉग’ में मुख्य व्याख्यान दिया, उन्होंने भारत की प्रौद्योगिकी के क्रमिक और त्वरित विकास की चर्चा की

उन्होंने भारत में होने वाले पांच महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में बताया

“लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत उसका खुलापन है। हालांकि, हमें इस खुलेपन का दुरुपयोग करने वाले कुछ निहित स्वार्थों को अनुमति नहीं देनी चाहिये”

“भारत की डिजिटल क्रांति की जड़ें हमारे लोकतंत्र, हमारी जनवादिता और हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था में निहित है”

“हम डेटा का इस्तेमाल लोगों को शक्तिसम्पन्न करने के स्रोत के रूप में करते हैं। व्यक्तिगत अधिकारों की मजबूत गारंटी के साथ लोकतांत्रिक संरचना में ऐसा  करने का भारत के पास बेमिसाल अनुभव है”

“भारत की लोकतांत्रिक परंपरा बहुत पुरानी है; उसके आधुनिक संस्थान मजबूत हैं और हम हमेशा विश्व को एक परिवार मानते रहे हैं”

प्रधानमंत्री ने लोकतांत्रिक देशों को साथ काम करने के लिये एक रोड-मैप दिया, जो राष्ट्रीय अधिकारों को मान्यता दें, साथ ही कारोबार, निवेश और वृहद लोक कल्याण को प्रोत्साहित करें

“यह जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश क्रिप्टो-करेंसी पर साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों तक न पहुंच पाये, जो हमारे युवाओं को पथभ्रष्ट कर सकते हैं”

प्रविष्टि तिथि: 18 NOV 2021 9:29AM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिडनी-डायलॉग के उद्घाटन में मुख्य व्याख्यान दिया। श्री मोदी ने भारत की प्रौद्योगिकी के क्रमिक और त्वरित विकास के विषय पर चर्चा की। उनके सम्बोधन के पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री स्कॉट मॉरिसन ने आरंभिक संबोधन किया ।

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प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उभरते हुई डिजिटल दुनिया में भारत की केंद्रीय भूमिका को पहचाना गया है। डिजिटल युग के लाभों को मद्देनजर रखते हुये प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया समुद्री सतह से लेकर साइबर और अंतरिक्ष तक नये तरह के संघर्षों और जोखिमों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत उसका खुलापन है। हालांकिहमें इस खुलेपन का दुरुपयोग करने वाले कुछ निहित स्वार्थों को अनुमति नहीं देनी चाहिये।

प्रधानमंत्री ने भारत की मजबूती और डिजिटल संप्रभुता की चर्चा करते हुए कहा कि  भारत साझा समृद्धि तथा सुरक्षा के लिये साझेदारों के साथ काम करने के लिये तैयार है। भारत की डिजिटल क्रांति की जड़ें हमारे लोकतंत्रहमारी जनवादिता और हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था में निहित है। इसे हमारे युवाओं की उद्यमिता और नवाचार से शक्ति मिलती है। हम अतीत की चुनौतियों को अवसर के रूप में बदल रहे हैं ताकि भविष्य में पदार्पण करने के लिये कमर कस लें।

प्रधानमंत्री ने भारत में होने वाले पांच परिवर्तनों को गिनाया। पहला, दुनिया की सबसे विस्तृत जन सूचना अवसंरचना भारत में बनाई जा रही है। एक अरब 30 करोड़ से अधिक भारतीयों के पास विशिष्ट डिजिटल पहचान है, छह लाख गांवों को जल्द ब्रॉडबैंड से जोड़ दिया जायेगा और विश्व की सबसे कारगर भुगतान संरचना, यूपीआई भारत के पास है। दो, सुशासन, समावेश, अधिकारिता, संपर्कता, लाभों का अंतरण और जनकल्याण के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल। तीन, भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से विकसित होने वाला स्टार्ट-अप इको-सिस्टम है। चार, भारत के उद्योग और सर्विस सेक्टर, यहां तक कि कृषि क्षेत्र भी विशाल डिजिटल परिवर्तन से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम 5जी और 6जी जैसी दूरसंचार प्रौद्योगिकी में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने के लिये निवेश कर रहे हैं। कृत्रिम बौद्धिकता और मशीन-लर्निंग, खासतौर से मानव-केंद्रित तथा कृत्रिम बौद्धिकता के नैतिक उपयोग के क्षेत्र में भारत अग्रणी देशों में शामिल है। हम क्लाउड प्लेटफॉर्म्स और क्लाउड कंप्यूटिंग में मजबूत क्षमतायें विकसित कर रहे हैं।

भारत की लचीली और डिजिटल सम्प्रभुता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, हम हार्डवेयर पर ध्यान दे रहे हैं। हम प्रेरक तत्त्वों का एक पैकेज तैयार कर रहें, ताकि सेमी-कंडक्टर के मुख्य निर्माता बन सकें। इलेक्ट्रॉनिकी और दूरसंचार में हमारा उत्पादन प्रेरक योजनाओं से जुड़ा है। भारत में अपना केंद्र बनाने के लिये ये क्षेत्र पहले से ही स्थानीय और विश्व भर में फैली कंपनियां और संस्थायें आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने डेटा सुरक्षा, निजता और सुरक्षा के लिये भारत की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, साथ ही, हम डेटा का इस्तेमाल लोगों को शक्तिसम्पन्न करने के स्रोत के रूप में करते हैं। व्यक्तिगत अधिकारों की मजबूत गारंटी के साथ लोकतांत्रिक संरचना में ऐसा  करने का भारत के पास बेमिसाल अनुभव है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाई2के समस्या से जूझने में भारत का योगदान और को-विन प्लेटफॉर्म को पूरी दुनिया के लिये सहज रूप से उपलब्ध करने की पेशकश भारत के मूल्यों तथा उसके विजन की मिसाल हैं। उन्होंने कहा, भारत की लोकतांत्रिक परंपरा बहुत पुरानी हैउसके आधुनिक संस्थान मजबूत हैं। और हम हमेशा विश्व को एक परिवार मानते रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि जनकल्याण, समावेशी विकास और सामाजिक अधिकारिता के लिये प्रौद्योगिकी तथा नीति के उपयोग में भारत का अपार अनुभव है, जो विकासशील देशों के लिये बहुत सहायक हो सकता है। उन्होंने कहा, हम देशों को और वहां के लोगों को शक्तिसम्पन्न बनाने में मिलकर काम कर सकते हैं तथा उन सबको इस सदी के अवसरों के लिये तैयार कर सकते हैं।

लोकतांत्रिक देशों को मिलकर काम करने के लिये एक रोडमैप पेश करते हुये श्री मोदी ने भावी प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास में मिलकर निवेश करने; विश्वस्त निर्माण आधार और विश्वस्त आपूर्ति श्रृंखला के विकास; साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आसूचना और परिचालन सहयोग को मजबूत करने, लोक-मान्यता को तोड़ने-मरोड़ने को रोकने; हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के तकाजों पर खरा उतरने वाले तकनीकी और शासन मानकों तथा नियमों के विकासएवं, डेटा शासन और सीमाओं से परे आने-जाने वाले आंकड़ों की सुरक्षा के लिये मानकों तथा नियमों की रचना के सम्बंध में सहयोगात्मक स्वरूप का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उभरती संरचना को राष्ट्रीय अधिकारों को मान्य करना चाहिये तथा साथ ही कारोबार, निवेश और वृहद जनकल्याण को प्रोत्साहन देना चाहिये।

इस संदर्भ में उन्होंने क्रिप्टो-करेंसी का उदाहरण दिया और कहा, यह जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश क्रिप्टो-करेंसी पर साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों तक न पहुंच पायेजो हमारे युवाओं को पथभ्रष्ट कर सकते हैं।

 


(साभार- पीआईबी) 

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सोमवार, 15 नवंबर 2021

क्रिप्टो पर प्रतिबंध नहीं लगाने की संसदीय समिति की सलाह

बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाने की सलाह दी है। आपको बता दूं कि 15 नवंबर 2021 को सिन्हा कीअध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉक चेन एवं क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी), उद्योग निकायों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि क्रिप्टो पर राय देने को कहा था। संसदीय समिति ने कहा कि क्रिप्टो के लिए कानून लाया लाया जाए, उस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाए। माना जा रहा है कि 29 नवंबर से संसद के होने वाले शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो से संबंधित मसौदे को रखा जाएगा। 

वित्त पर संसद की स्थायी समिति द्वारा इस विषय पर बुलाई गई यह पहली बैठक थी। क्रिप्टो वित्त को लेकर निवेश क्षमता और जोखिमों के बारे में विभिन्न पक्षों की दिलचस्पी और चिंताएं हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी हैं।

कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न मंत्रालयों और आरबीआई के अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

संसदीय समिति ने इंडिया इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों को भी बुलाया था। 

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