मंगलवार, 30 नवंबर 2021

सभी क्रिप्टो पर रोक सही नहीं, कानून की जरूरत: ओआरएफ रिपोर्ट

 संसद के शीतकालीन सत्र पर क्रिप्टो विधेयक पेश किया जाना है। विधेयक में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने की बात कही जा रही है। इसी बीच, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) की  ताजा स्टडी में सभी क्रिप्टो पर रोक नहीं लगाने के बदले कानून बनाने की मांग की गई है। ओआरएफ ने कहा है कि दूसरे वित्तीय प्रोडक्ट की तरह क्रिप्टो पर भी कानून बनने चाहिए। 

एक अनुमान के मताबिक, इस समय करीब डेढ़ करोड़ भारतीयों के पास क्रिप्टोकरेंसी में करीब 660 करोड़ रुपए की होल्डिंग है। पिछले चार-पांच साल में भारत के क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की संख्या में जोरदार उछाल आया है। 

स्टडी में कहा गया है कि भारत में इस समय दो क्रिप्टो यूनिकॉर्न और 350 से ज्यादा क्रिप्टो स्टार्ट अप हैं, जो कि तेजी से बढ़ रही क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री की तरफ संकेट देता है। स्टडी में आगे कहा गया है कि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना एक गलत कदम होगा। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान तो होगा ही, एक फल-फुल रही इंडस्ट्री और स्टार्ट अप को भी भारी नुकसान होगा।  


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क्रिप्टो के विज्ञापन पर रोक का इरादा नहीं- निर्मला सीतारमण

 


क्रिप्टोकरेंसी से इन दिनों निवेशक जमकर पैसा बना रहे हैं। इसमें युवा भी बढ़-चढ़कर निवेश कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को ना तो मान्यता दी है और ना ही इसको लेकर कोई कानून बना है। इसी बीच, संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो विधेयक को पेश किया जाना है। इसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने की बात कही जा रही है। 

आज संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से क्रिप्टो विधेयक पेश किए जाने के समय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही उसे संसद में पेश कर दिया जाएगा। सीतारमण ने साथ ही ये भी कहा कि बैंकिंग रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक (  RBI) और मार्केट रेगुलेटर सेबी के जरिये आम जनता को क्रिप्टो के खतरे को लेकर आगाह किया जा रहा है। 

वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टो में निवेश काफी जोखिमभरा है। इसको लेकर कोई कानून भी नहीं है। हालांकि, उन्होंने क्रिप्टो के विज्ञापन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। 

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भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinDCX मंजूरी मिलने पर तुरंत IPO लाने के लिए तैयार

बिटकॉइन, इथेरियम, रिप्पल, डॉजकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में गजब की दीवानगी है। इन क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाकर निवेशक रातों-रात अमीर बन रहे हैं। हालांकि, अभी तक इसे भारत या किसी भी बड़े देश में मान्यता नहीं मिली है। क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाकर पैसा कमाने के लिए किसली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में आपका खाता होना चाहिए। 

CoinDCX भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है। यह भारत का पहला क्रिप्टो यूनिकॉर्न है। CoinDCX ने कहा है कि अगर उसे मंजूरी मिली तो, तुरंत आईपीओ लांच कर देगा। कंपनी के सह-संस्थापक नीरज खंडेलवाल ने इसकी जानकारी दी।  आईपीओ के जरिये कोई भी कंपनी पूंजी बाजार से पैसे जुटाती है और शेयर बाजार में लिस्ट होती है। 

आपको बता दूं कि अमेरिकी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनबेस अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट है। हालांकि, अमेरिका में भी अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं मिली है। 

इसी बीच भारत सरकार 29 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल पेश करने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंद लगा सकती है। 

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क्रिप्टोकरेंसी बिल और उस पर आगे की कार्रवाई की जानकारी दे सरकार- बॉम्बे हाई कोर्ट

  

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर यानी सोमवार से शुरू हो गया है। सोमवार को ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 17 जनवरी, 2022 तक क्रिप्टोकरेंसी पर बिल पेश किये जाने और इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई के बारे में उसे अवगत कराए। 17 जनवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। 

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि वह संसदीय कानून को कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकती।

अदालत अधिवक्ता आदित्य कदम द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार को देश के भीतर क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

कदम ने देश में क्रिप्टोकुरेंसी के अनियमित कारोबार पर प्रकाश डाला, जो उन्होंने दावा किया, निवेशकों के अधिकारों को प्रभावित करता है क्योंकि उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कानून में कोई तंत्र नहीं है।

केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता डीपी सिंह ने अदालत को बताया कि आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन पेश किया गया है और संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा की जाएगी।

कदम ने हालांकि तर्क दिया कि केंद्र सरकार द्वारा 2018 और 2019 में भी इसी तरह का बयान दिया गया था, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इस मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी। 

पीठ ने कहा, देखते हैं कि क्या वे (सरकार) कानून बनाते हैं। विधेयक पेश करने के साथ ही याचिका में यह आरोप लगाया गया कि सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है, गलत होगा।

अदालत ने कहा, "अगर बिल पेश किया गया तो केंद्र सरकार हमें अगली तारीख से अवगत कराएगी और आगे क्या कार्रवाई की गई है।"

विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव है।

यह भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है। हालांकि, यह कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है।

आपको बता दूं कि सोमवार को ही तीन कृषि कानून वापस ले लिया गया है। शीतकालीन सत्र के दौैरान सरकार बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिसमें क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 भी शामिल है। 

सत्र के पहले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने लोकसभा में इसका लिखित जवाब दिया। वित्त मंत्री ने साथ में ये भी कहा है कि सरकार के पास बिटकॉइन में लेन-देन का आंकड़ा नहीं है। सीतारमण से जब पूछा गया कि क्या बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव है, तो उन्होंने कहा- नहीं सर। 

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।

लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।

सुधारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बिजली संशोधन विधेयक 2021 है जो बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने वाला और ग्राहकों को बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी देने से संबंधित है।

आर्थिक सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 है। इसके जरिये बैंकिंग कंपनी अधिनियम, बैंकिंग विनियमन कानून में और संशोधन किया जाएगा।

वहीं, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके माध्यम से देश के पेंशन क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 में मौजूदा दिवालिया कानून को ज्यादा सशक्त बनाने की बात कही गई है। 

बिटकॉइन को इस देश ने दी कानूनी मान्यता, जानिए कानूनी मान्यता देने वाला यह पहला देश कौन है

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बिटकॉइन को करेंसी (मुद्रा) का दर्जा देने का प्रस्ताव नहीं- निर्मला सीतारमण

 


संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो गया है। तीन कृषि कानून वापस ले लिया गया है। शीतकालीन सत्र के दौैरान सरकार बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिसमें क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 भी शामिल है। 

सत्र के पहले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने लोकसभा में इसका लिखित जवाब दिया। वित्त मंत्री ने साथ में ये भी कहा है कि सरकार के पास बिटकॉइन में लेन-देन का आंकड़ा नहीं है। सीतारमण से जब पूछा गया कि क्या बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव है, तो उन्होंने कहा- नहीं सर। 

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।

लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।

सुधारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बिजली संशोधन विधेयक 2021 है जो बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने वाला और ग्राहकों को बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी देने से संबंधित है।

आर्थिक सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 है। इसके जरिये बैंकिंग कंपनी अधिनियम, बैंकिंग विनियमन कानून में और संशोधन किया जाएगा।

वहीं, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके माध्यम से देश के पेंशन क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 में मौजूदा दिवालिया कानून को ज्यादा सशक्त बनाने की बात कही गई है। 

बिटकॉइन को इस देश ने दी कानूनी मान्यता, जानिए कानूनी मान्यता देने वाला यह पहला देश कौन है

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रविवार, 28 नवंबर 2021

संसद का शीतकालीन सत्र कल से, क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 भी होगा पेश

संसद के सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिनमें बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम आधा दर्जन से अधिक विधेयक शामिल हैं।

लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘ कुछ लंबित विधेयकों सहित संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान करीब 30 विधेयक पेश किए जाएंगे जिनमें आर्थिक सुधारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार का विपक्ष से आग्रह है कि आर्थिक सुधार एवं कुछ प्रमुख विषयों पर नियमन से जुड़े इन अहम विधेयकों पर चर्चा करे और इन्हें पारित कराने में सहयोग करे।

मेघवाल ने कहा, ‘‘ सरकार विपक्ष के मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार है। हम विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।’’

शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा थी और इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन तीनों कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी थी।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।

सुधारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बिजली संशोधन विधेयक 2021 है जो बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने वाला और ग्राहकों को बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी देने से संबंधित है।

आर्थिक सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 है। इसके जरिये बैंकिंग कंपनी अधिनियम, बैंकिंग विनियमन कानून में और संशोधन किया जाएगा।

वहीं, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके माध्यम से देश के पेंशन क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 में मौजूदा दिवालिया कानून को ज्यादा सशक्त बनाने की बात कही गई है। 

(साभार- पीटीआई भाषा) 

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सोमवार, 22 नवंबर 2021

सरकार को क्रिप्टो लेनदेन को विनियमित करने के लिए कानून लाना चाहिए: स्वदेशी जागरण मंच

आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को ‘‘परिसंपत्ति वर्ग’’ के रूप में मान्यता देने और इसे विनियमित करने के लिए एक कानून लाना चाहिए।

स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए सुझाव दिया कि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि डेटा और हार्डवेयर घरेलू सर्वर पर ही रहे, जो क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में उपयोग किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इससे सरकार को अवैध लेनदेन का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, दुनिया में कहीं से भी कोई भी निजी संस्थाओं द्वारा संचालित निजी एक्सचेंजों के माध्यम से इसमें निवेश कर सकता है। और इससे भी बुरी बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।’’

उन्होंने कहा कि निजी एक्सचेंजों के माध्यम से एन्क्रिप्टेड लेनदेन कैसे किए जा रहे हैं, इसमें निवेश करने वाले कौन हैं और निवेशक उनके साथ क्या कर रहे हैं, यह देखने के लिए कोई तंत्र नहीं है।

महाजन ने कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने और इसके साथ किए गए लेनदेन को परिसंपत्ति वर्ग के रूप में मान्यता देने के लिए कानून की आवश्यकता है। इससे कराधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए लेनदेन की बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।’’

 (साभार- पीटीआई भाषा) 

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