मंगलवार, 16 जनवरी 2018

चीन बिटकॉइन को लेकर और कठोर हुआ!



चीन अपने देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की सुविधा देने वाली वेबसाइट और मोबाइल एप को लेकर काफी गंभीर हो गया है। बीजिंग की योजना अपने देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह से रोक लगाने की है।

पिछले हफ्ते ही दक्षिण कोरिया में क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन पर रोक की खबर से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बहुत भारी गिरावट देखी गई थी। अब चीन से आ रही इस खबर के बाद क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में और बिकवाली की संभावना है।

इससे पहले चीन ने पिछले साल ही इनिशियल कॉइन ऑफरिंग्स ( ICO-पैसा जुटाने के लिए नई क्रिप्टोकरेंसी शुरू करना) और घरेलू क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर रोक लगा दी थी।

अगर दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, साल 2017 में बिटक्वाइन ने नई ऊंचाईयों को छुआ जब इसके एक विटक्वाइन की कीमत करीब 13 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। विटक्वाइन को एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है।

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शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

बिटकॉइन को टक्कर देगी देसी 'JioCoin', जानिए मुकेश अंबानी से क्या है इसका कनेक्शन !

धमाका करने के लिए मशहूर देश के सबसे रईस मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस अब एक और नए मार्केट में धमाका करने के लिए तैयार है। खबर है कि कंपनी दुनिया भर में तेजी से अपनी धाक जमा रही डिजिटल करेंसी जगत में कदम रखने जा रही है। 

सूत्रों के मुताबिक, कंपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी या फिर आभासी मुद्रा जियाकॉइन लॉन्च करेगी। माना जा रहा है कि इस काम के लिए मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश अंबानी की अगुआई में 50 पेशेवरों की टीम बनाई जा रही है। इस टीम की औसत आयु 25 वर्ष होगी। यह टीम क्रिप्टोकरेंसी के लिए जरूरी ब्लॉकचेन का निर्माण करेगी और उसके तकनीकी पहलुओं पर निगाह रखेगी। इस सप्लाई चेन में शामिल होने वाले ‘जियोक्वाइन’ के जरिये खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। 

गौरतलब है कि आभासी मुद्रा को लेकर सरकार और आरबीआई ने पिछले दिनों कई बार चेतावनी जारी की थी। इसमें कहा था कि बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है और इसमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
अगर दुनियाभर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, साल 2017 में बिटक्वाइन ने नई ऊंचाईयों को छुआ जब इसके एक विटक्वाइन की कीमत करीब 13 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। विटक्वाइन को एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है।

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गुरुवार, 11 जनवरी 2018

बिटक्वाइन जैसी डिजिटल करेंसी के निवेशकों के एक दिन में 100 अरब डॉलर से ज्यादा डूबे!

दक्षिण कोरिया में बिटक्वाइन जैसी डिजिटल करेंसी के कारोबार पर प्रतिबंध लगने की सुगबुगाहट क्या हुई, पूरा डिजिटल करेंसी मार्केट ही धराशायी हो गया। डिजिटल करेंसी के निवेशकों के करीब 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूब गए। 

दक्षिण कोरिया से खबर आ रही है कि वहां बिटक्वाइन, रिप्पल, इथीरियम समेत दूसरी डिजिटल करेंसी के लेन-देन पर प्रतिबंध लगायी जा सकती है। इस खबर से पूरी क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी मार्केट में हाहाकार मच गई और लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी की बिकवाली शुरू कर दी। इस बिकवाली से डिजिटल करेंसी के निवेशकों के करीब 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा। आपको बता दूं कि दक्षिण कोरिया के एक्सचेंज पर डिजिटल करेंसी अधिक कीमत यानी प्रीमियम पर कारोबार की जाती है। 

coinmarketcap.com के मुताबिक,  आज यानी गुरुवार को लंदन के समय सुबह 7.30 बजे बिटक्वाइन बुधवार की क्लोजिंग के मुकाबले 6 प्रतिशत, इथीरियम 11 प्रतिशत जबकि रिप्पल 9 प्रतिशत फिसला। दक्षिण कोरिया के न्याय मंत्री पार्क सांग-की ने कहा है कि उसकी सरकार एक्सचेंज के जरिये की जा रही क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिल लाने की तैयारी कर रही है। मंत्री के इस बयान के बाद क्रिप्टोकरेंसी बाजार में मानो भूचाल आ गई और उसके मार्केट  कैप में पिछले दिनों के मुकाबले काफी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि बाद के कारोबार में नुकसान में कुछ कमी भी आई। 

आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया एक महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी बाजार है। CrtptoCompare वेबसाइट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया का बिटक्वाइन की कुल ट्रेडिंग में 6-12 प्रतिशत, इथीरियम में 14 प्रतिशत जबकि रिप्पल में 33 प्रतिशत का  योगदान है। 

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शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

सरकार ने बिटक्वाइन जैसी आभासी मुद्राओं से फिर आगाह किया, कहा, अपने रिस्क पर करें निवेश

सरकार ने आभासी ‘मुद्रा’ में निवेश के खिलाफ लोगों को आगाह किया; कहा कि आभासी मुद्रा पोंजी स्‍कीमों की तरह है
वित्‍त मंत्रालय ने आज आभासी ‘मुद्रा’ के बारे में एक बयान दिया है।
‘‘भारत और पूरी दुनिया में बिटक्‍वाइन सहित आभासी ‘मुद्रा’ की कीमतों में हाल में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई है। आभासी मुद्राओं का अपना कोई मूल्‍य नहीं होता और न वे किसी परिसम्‍पत्तियों पर आधारित होती हैं। बिटक्‍वाइन और अन्‍य आभासी मुद्राओं पर सट्टेबाजी होती है, जिससे उनकी कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव आता है। पोंजी स्‍कीमों की तरह आभासी मुद्रा में भी निवेश का बहुत जोखिम होता है, जिसके कारण निवेशकों को कभी भी अचानक नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्‍योंकि यह पानी के बुलबुले की तरह होता है। खासतौर से खुदरा उपभोक्‍ता अपनी गाढ़ी कमाई खो बैठता है। उपभोक्‍ताओं को सजग और बहुत सावधान रहने की आवश्‍यकता है, ताकि वे इस तरह की पोंजी स्‍कीमों के झांसे में न आयें। आभासी मुद्रायें डिजिटल/इलेक्‍ट्रॉनिक रूप में होती हैं और हमेशा हैकिंग, पासवर्ड, साइबर हमले जैसे खतरे मंडराते रहते हैं। इसके परिणामस्‍वरूप जमा पूंजी हमेशा के लिए नष्‍ट हो जाती है। आभासी मुद्रा का लेन-देन एनक्रिप्‍टेड होता है, जिसके कारण गैर-कानूनी और विध्‍वंसक गतिविधियां चलाने में आसानी होती है। इनके जरिये आतंकवाद का वित्‍तपोषण, तस्‍करी, नशीले पदार्थों की तस्‍करी और धन शोधन जैसी गतिविधियां चलाई जा सकती हैं।
आभासी मुद्रा को सरकार का कोई समर्थन प्राप्‍त नहीं है। इनमें कानूनी तौर पर कोई लेन-देन भी नहीं किया जा सकता, इसलिए आभासी मुद्रायें ‘मुद्रा’ के दायरे में नहीं आतीं। इनका उल्‍लेख ‘सिक्‍कों’ के रूप में भी किया जा रहा है, जबकि ये चलन वाले सिक्‍के नहीं हैं। इस आधार पर आभासी मुद्रा न तो सिक्‍का है और न मुद्रा। भारत सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक ने आभासी मुद्रा को लेन-देन के लिए अधिकृत नहीं किया है। सरकार या भारत में किसी भी प्राधिकार ने किसी भी एजेंसी को ऐसी मुद्रा के लिए लाइसेंस नहीं दिया है, इसलिए जो व्‍यक्ति आभासी मुद्रा में लेन-देन करता है, उसे इसके जोखिम के प्रति सावधान रहना चाहिए।
आभासी मुद्रा को इस्‍तेमाल करने वालों और उनके कारोबार में संलग्‍न लोगों को दिसम्‍बर, 2013, फरवरी 2017 और दिसम्‍बर 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक ने सावधान किया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि यह आभासी मुद्रायें वित्‍तीय, वैधानिक और सुरक्षा संबंधी मामलों के लिए खतरनाक हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी स्‍पष्‍ट किया था कि उसने बिटक्‍वाइन या किसी भी अन्‍य आभासी मुद्रा के लेन-देन और संचालन के संबंध में किसी भी कंपनी या एजेंसी को न तो लाइसेंस दिया है और न उन्‍हें अधिकृत किया है। भारत सरकार ने यह भी स्‍पष्‍ट कर दिया है कि आभासी मुद्रायें लेन-देन के लिए किसी भी प्रकार वैधानिक नहीं है और उन्‍हें कोई भी कानूनी अनुमति नहीं दी गई है। आभासी मुद्राओं में निवेश करने वाले और अन्‍य भागीदार अपने जोखिम पर लेन-देन करते हैं और सबसे अच्‍छा तरीका यही है कि इस प्रकार के किसी भी लेन-देन से बचा जाए।’’

The Ministry of Finance has issued the following statement today on Virtual ‘Currencies’.

“There has been a phenomenal increase in recent times in the price of Virtual ‘Currencies’ (VCs) including Bitcoin, in India and globally. The VCs don’t have any intrinsic value and are not backed by any kind of assets. The price of Bitcoin and other VCs therefore is entirely a matter of mere speculation resulting in spurt and volatility in their prices. There is a real and heightened risk of investment bubble of the type seen in ponzi schemes which can result in sudden and prolonged crash exposing investors, especially retail consumers losing their hard-earned money. Consumers need to be alert and extremely cautious as to avoid getting trapped in such Ponzi schemes. VCs are stored in digital/electronic format, making them vulnerable to hacking, loss of password, malware attack etc. which may also result in permanent loss of money. As transactions of VCs are encrypted they are also likely being used to carry out illegal/subversive activities, such as, terror-funding, smuggling, drug trafficking and other money-laundering Acts.
VCs are not backed by Government fiat. These are also not legal tender. Hence, VCs are not currencies. These are also being described as ‘Coins’. There is however no physical attribute to these coins. Therefore, Virtual ‘Currencies’ (VCs) are neither currencies nor coins. The Government or Reserve Bank of India has not authorised any VCs as a medium of exchange. Further, the Government or any other regulator in India has not given license to any agency for working as exchange or any other kind of intermediary for any VC. Persons dealing in them must consider these facts and beware of the risks involved in dealing in VCs.
The users, holders and traders of VCs have already been cautioned three times, in December, 2013, February, 2017 and December, 2017, by Reserve Bank of India about the potential financial, operational, legal, customer protection and security related risks that they are exposing themselves to by investing in Bitcoin and/ or other VCs. RBI has also clarified that it has not given any licence/ authorization to any entity/ company to operate such schemes or deal with Bitcoin or any virtual currency. The Government also makes it clear that VCs are not legal tender and such VCs do not have any regulatory permission or protection in India. The investors and other participants therefore deal with these VCs entirely at their risk and should best avoid participating therein.”
(Source: pib.nic.in)
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अपने मोबाइल से बिटक्वाइन में लेन-देन कर सकते हैं, भारत में पहला बिटक्वाइन ट्रेडिंग एप लांच

(Courtesy: Business Standard)

India's 1st bitcoin trading app out; allows transaction with mobile number



In India, bitcoins have been trading at more than Rs 10 lakh each

At a time when bitcoins are in focus also for the wrong reasons, cryptocurrency Exchange on Thursday announced the launch of India's first mobile application for transacting in virtual currencies.

At a press conference here, Exchange said his company is all set to launch the country's first app-based wallet that enables transactions using a mobile number.
"The Exchange mobile app offers a solution to the coordination problem between payment processors, financial gateways and banks," Verma said.
"All other apps already in the market do transactions using addresses, which are long and prone to error while copying. Exchange will change this scenario by enabling transactions using mobile numbers only, which are just 10 digits," he said.
By using a four-digit personal identification number (PIN), users can now buy, sell, store and spend bitcoins via a mobile number, Verma added.
Elaborating, he said the app would permit a range of transactions, including payments, remittances, business-to-business commerce, supply chain finance, and trading.
He also said that the Reserve is concerned about the use of cash for dealing in virtual currencies, whose values have turned volatile recently.
"The RBI considers bitcoins as decentralised trading that is completely unregulated... so their status is not clear," he said.
In India, there are at least 15 exchange forums, with the majority being set up over the past two years.
values in New York, for instance, have soared nearly 1,600 per cent over the past year and currently range upwards of $15,000.
In India, bitcoins have been trading at more than Rs 10 lakh each, while people are investing amounts ranging from Rs 3,000 to several lakhs of rupees to buy these.
According to investigation agencies here, with the demand and price of on the rise, cybercriminals have found innovative ways to dupe those looking to invest.



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शनिवार, 23 दिसंबर 2017

बिटक्वाइन की हालत हुई पतली, रिकॉर्ड ऊंचाई से 40% से ज्यादा फिसली

ऊंचाई का नया-नया रिकॉर्ड बनाने वाली डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन की हालत शुक्रवार को पतली हो गई। दिग्गज बिटक्वाइन प्लेटफॉर्म Coinbase पर बिटक्वाइन की कीमत 11 हजार डॉलर के नीचे 10 हजार 400 डॉलर तक फिसल गई जो कि रिकॉर्ड ऊंचाई से 40% से ज्यादा है। 

पिछले रविवार को इसने 19,800 डॉलर का शिखर बनाया था। इस गिरावट के बाद Coinbase  पर करीब ढाई घंटे तक कारोबार रुका रहा। आपको बता दूं कि इस प्लेटफॉर्म से नवंबर के आखिरी तक करीब 1.30 करोड़ उपयोगकर्ता जुड़े चुके थे। 

शुक्रवार को 40% से ज्यादा की गिरावट के बाद बिटक्वाइन में अच्छी-खासी रिकवरी देखने को मिली। बिटक्वाइन की कीमत 14 हजार 600 डॉलर तक रिकवर हुई जो कि रिकॉर्ड ऊंचाई से 27 प्रतिशत कम है। बिटक्वाइन में आई इस जबर्दस्त बिकवाली की हालांकि कोई वजह नहीं बताई जा रही है। लेकिन, बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखने वाले कुछ जानकारों का कहना है कि बिटक्वाइन में ऐसे रीटेल निवेशक पैसे लगा रहे हैं जो कि थोड़ी सी गिरावट के बाद घबरा जाते हैं और बिकवाली शुरू कर देते हैं। 

उधर, शुक्रवार को दुनिया के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज CME पर बिटक्वाइन जनवरी फ्यूचर की कीमत में 20 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। 

Bitcoin performance on Coinbase during one hour Friday-

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मंगलवार, 12 दिसंबर 2017

फ्यूचर ट्रेडिंग के बाद बिटक्वाइन ETF लांच करने की होड़, और बढ़ा बिटक्वाइन का रुतबा

दुनिया के सबसे बड़े फ्यूचर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अमेरिका के CBOE पर बिटक्वाइन की फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू होने के बाद अब बिटक्वाइन ईटीएफ (ETF-Exchange Traded Fund) लांच करने की होड़ लग गई है। 

अमेरिका के इक्विटी रेगुलेटर SEC (Securities and Exchange Commission) ने कहा है कि उसे बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने के लिए कम से कम तीन नई अर्जियां मिली हैं- VanEck Vectors Bitcoin Strategy ETF, REX Bitcoin Strategy ETF और REX Short Bitcoin Strategy ETF के लिए। REX ने 8 दिसंबर को जबकि VanEck ने 11 दिसंबर 2017 को बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने की अर्जी दी। 

हालांकि इन कंपनियों ने पहले भी बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने की अर्जी दी थी लेकिन रेगुलेटर ने लांच करने के समय पर सवाल उठाते हुए उनकी अर्जी वापस कर दी थी। बिटक्वाइन की फ्यूचर ट्रेडिंग शुरू होने के बाद माना जा रहा है कि उन कंपनियों की बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने की अर्जी इस बार मंजूर हो जाएगी। यही नहीं, जानकारों के मुताबिक अब दूसरी कंपनियां भी बिटक्वाइन ईटीएफ लांच करने के लिए आगे आएंगी। 
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Bitcoin में पैसा लगाने वाले जरूर देखें

US Regulator SEC approves Bitcoin ETFs, Boosting Cryptocurrency Market. बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों के लिए नए साल में अमेरिका से बड़ा तोहफा...